शिवपुरी। अमेरिका के शिकागो शहर में 11 सितंबर 1893 को आयोजित विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद ने सारी दुनिया को भारतीय सहिष्णुता का संदेश देकर वसुदेव कुटुंबकम की बात प्रभावी तरीके से रखी । आपने अपने भाषण के शुरू में ब्रदर एंड सिस्टर्स ऑफ अमेरिका कह कर दर्शकों का मन मोह लिया था। रेडिएंट ग्रुप के समन्वयक एवं शिक्षाविद अखलाक खान ने स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के अवसर पर रेडिएंट में आयोजित कार्यक्रम में उक्त विचार व्यक्त किए। अखलाक खान ने बताया कि गौतम घोष की किताब प्रॉफिट आफ मॉडर्न इंडिया और राम्या रोला की किताब लाइफ ऑफ विवेकानंद में आपके जीवन दर्शन से नई ऊर्जा व प्रेरणा मिलती है। स्वामी जी अद्भुत ज्ञान कोष की तरह हमें आलोकित करते रहेंगे। रेडिएंट के डायरेक्टर शाहिद खान ने अपने विचार रखते हुए जानकारी दी कि विवेकानंद जी की एक जीवनी है *द फेस्टिंग फास्टिंग मॉक यानी स्वामी विवेकानंद दावत और उपवास वाले संत* इस जीवनी का अध्ययन करने पर पता चलता है कि विवेकानंद जी खाने एवं दावतों के शौकीन भी थे ।आपको अमरुद व आइसक्रीम पसंद थी ।आप शास्त्रीय संगीत में गहन रुचि रखते हैं और अनेक वाद्य यंत्र बजा लेते थे ,गायन में आपकी विशेष रुचि थी ।आप बचपन से ही अत्यंत विलक्षण प्रतिभा के धनी थे, एक बार पढ़ने के बाद वह आपको जीवन भर याद रहता था ।कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार रखे।कार्यक्रम का संचालन वेद प्रकाश यादव व आभार बलराम शर्मा ने व्यक्त किया।

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