शिवपुरी। सेसई सड़क (कोलारस) के श्री हनुमान मंदिर, रैया वाले सरकार पर चल रही श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस पंडित सुश्री बासुदेव नंदिनी जी भार्गव द्वारा रावण की उत्पत्ति के प्रसंग को उद्धृत किया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व जनम में रावण प्रतापभानु नाम का राजा था। बहुत उत्तम नीति से राज्य करता था। धर्म के प्रति समर्पित था किंतु केवल लोभ के आ जाने से, कपट रूपी मुनि के पाखंड में पड़ गया और ब्राह्मणों के श्राप से निशाचर बन गया। यह प्रसंग केवल कथा मात्र नहीं है बल्कि हमारे लिए शिक्षा है। सबकुछ बहुत व्यवस्थित होने के बाद भी जरा सा लोभ सब कुछ क्षीण कर सकता है।
तुलसीदास जी ने लिखा है "लोभ पाप कर मूल" बड़े बड़े ज्ञानी भी नहीं बच पाए। इसलिए लोभ एवं कपट के संग से बच जाए यही इस प्रसंग का सार है।

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