शिवपुरी। विचारण न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवपुरी के न्यायालय से चैक बाउंस मामले में एक आरोपी को दोषमुक्त किया गया जबकि इसी मामले में आरोपी को अपीलीय न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश शिवपुरी ने आरोपी को एक वर्ष का सश्रम कारावास और 4 लाख 50 हजार रूपये पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज 5.1.2019 से अदायगी दिनांक तक तथा परिवाद व्यय 5 हजार रूपये दिए जाने का आदेश पारित किया है। यदि प्रतिकर की राशि आरोपी अदा नहीं करता है तो तीन माह का सश्रम कारावास पृथक से भुगताए जाने का आदेश पारित किया है।
मामला इस प्रकार है कि परिवादी नीलम यादव पुत्र नक्टूराम यादव निवासी बड़ौदी, शिवपुरी से अभियुक्त राजकुमार दौहरे पुत्र कैलाशनारायण दौहरे निवासी ग्वालियर ने अपनी पारिवारिक एवं व्यावसायिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 4 लाख 50 हजार रूपये की राशि 05.09.2018 को प्राप्त किए थे और उधार ली गई राशि का एक चैक दिनांक 05.01.2019 का भुगतान हेतु प्रदत्त किया था। जब परिवादी नीलम यादव ने प्रदत्त चैक अपनी बैंक शाखा कैनरा बैंक शाखा शिवपुरी में जमा किया तो बैंक द्वारा खाता बंद के कारण वापिस प्राप्त हुआ। उक्त चैक बाउंस हो जाने के बाद चैक राशि की मांग हेतु अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से 15 दिवस का नोटिस आरोपी राजकुमार दौहरे को भेजा गया। परिवादी नीलम यादव ने माननीय न्यायालय के समक्ष धारा 138 परक्राम्य लिखित अधिनियम के तहत परिवाद अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से प्रस्तुत किया। दोनों पक्षों की साक्ष्य प्रस्तुत होने के बाद माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवपुरी के न्यायालय के द्वारा अभियुक्त राजकुमार दौहरे को धारा 138 परक्राम्य लिखित अधि. के अंतर्गत दोष मुक्त किया। उक्त आरोपी की दोषमुक्ति के खिलाफ परिवादी नीलम यादव की ओर से पैरवी करते हुए एड. गजेन्द्र सिंह यादव ने माननीय सत्र न्यायालय शिवपुरी में अपील प्रस्तुत की, यह अपील अंतरित होकर माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश शिवपुरी के समक्ष सुनवाई हेतु पहुंची और माननीय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश शिवपुरी ने दोनों पक्षों की कानूनी बिन्दुओं पर बहस सुनकर माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट शिवपुरी के निर्णय दिनांक 02.03.2024 को पारित हुए आदेश को अपास्त कर आरोपी राजकुमार दौहरे को एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 4 लाख 50 हजार रूपये पर 09 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दिनांक 05.01.2019 से अदायगी दिनांक तक तथा परिवार व्यय के रूप में 5 हजार रूपए दिए जाने का आदेश पारित किया है। यदि प्रतिकर की राशि आरोपी अदा नहीं करता है तो आरोपी को तीन माह का सश्रम कारावास पृथक से भुगताए जाने का आदेश पारित किया है। इस प्रकरण में परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के साथ सहयोगी अधिवक्ता अशपाक खान, अजय कबीर के द्वारा की गई।

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