इन वर्गों से लिया गया फीडबैक
पीएचक्यू भोपाल द्वारा सीधे आमजन, समाजसेवी, युवा और व्यापारी वर्ग से राय लेकर सभी जिलों की पुलिस व्यवस्था का आंकलन किया गया है। इसी आधार पर सभी जिलों की रैंक तैयार की गई। पुलिस कर्मियों अधिकारियों के व्यवहार से लेकर कार्य की पारदर्शिता तक 11 प्रमुख बिंदुओं पर जनता से सीधे संवाद कर फीड बैक लिया गया।
सर्वे में इन बिंदुओं को किया गया शामिल
एफआइआर दर्ज करने में देरी या गलत धाराओं का इस्तेमाल। चरित्र सत्यापन और पासपोर्ट वेरीफिकेशन में समय। झूठे आरोपों में फंसाने की घटनाएं। महिलाओं-बच्चों से जुड़े केस दर्ज करने में लापरवाही। आनलाइन सेवाएं समय पर देना, किसी पक्ष से मिलकर पक्षपाती कार्रवाई करना। पुलिसकर्मियों का व्यवहार कैसा रहता है। पुलिस द्वारा मारपीट करना एवं अनावश्यकरूप से परेशान किया जाता है। यातायात पुलिस द्वारा समय पर कार्रवाई की जाती है। पुलिस द्वारा समय से प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करने में देरी की जाती है। जिले में मादक पदार्थ तस्करों पर कार्रवाई, भू-माफियाओं पर शिकंजा, जुआ और सट्टा पर कार्रवाई। पुलिस ने वीआइपी, त्योहारों में कानून व्यवस्था बनाए रखने से लेकर साइबर फ्राड में ठगे गए पैसों की वापसी, गुम मोबाइल को असली मालिक तक पहुंचाने और धोखाधड़ी में प्रयुक्त मोबाइलों को ब्लाक कराने तक विशेष काम किया है।

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