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#धमाका_खास_खबर: पुलिसिंग को लेकर डीजीपी ने कराया गोपनीय सर्वे, प्रदेश में शिवपुरी जिला 24 वें स्थान पर आया, ग्वालियर 39, मुरैना 35 वें नंबर पर, नीमच प्रथम तो भिंड को मिला दूसरा नंबर

रविवार, 4 मई 2025

/ by Vipin Shukla Mama
Bhopal भोपाल। प्रदेश के 52 जिलों में पुलिसिंग को लेकर डीजीपी कैलाश मकवाना ने गोपनीय सर्वे कराया है। शनिवार को भोपाल से सूची जारी की गई है। जिसमें पुलिस की बेहतर कार्यप्रणाली में नीमच प्रथम, भिण्ड जिला दूसरे स्थान पर रहा है तो वहीं श्योपुर 12वे जबकि शिवपुरी 24 वें नंबर पर आया है हालांकि महानगर ग्वालियर 39 वें, मुरैना 35 और अशोकनगर 26 वे, श्योपुर 12 वे, दतिया 8 वे स्थान पर है। उसके लिहाज से शिवपुरी आगे दिखाई दे रहा है। इसके पीछे 5 विधानसभा और 2 लोकसभा वाले शिवपुरी को दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी मिले हैं जिससे बदलते परिवेश में शिवपुरी जिले में अब पहले से अधिक अपराध होने लगे हैं, हाइवे होने से पशु परिवहन और नशे की गिरफ्त में भी अब शिवपुरी रहने लगा है, अवैध खनन, लूट, हत्या, सट्टा, सायबर फ्रॉड आदि में भी शिवपुरी आगे है। हालांकि पुलिस लगातार अपराध ट्रेस करती है बाबजूद इसके लगातार होने वाले अपराध के चलते गुड फीडबैक मिलने में निसंदेह परेशानी रही होगी। इधर पहले क्रम पर आए नीमच और दूसरे क्रम पर रहे भिंड जिले में पुलिस की कार्यशैली से प्रभावित होकर लोगों ने सराहना की है। भिंड का दूसरे क्रम पर आना उल्लेखनीय है क्योंकि देश भर में भिंड का नाम आते ही लोगों की आँखें बड़ी होती रही हैं लेकिन बदलते परिवेश में उसका नाम टॉप थ्री में आना बड़ी बात है। 
इन वर्गों से लिया गया फीडबैक
पीएचक्यू भोपाल द्वारा सीधे आमजन, समाजसेवी, युवा और व्यापारी वर्ग से राय लेकर सभी जिलों की पुलिस व्यवस्था का आंकलन किया गया है। इसी आधार पर सभी जिलों की रैंक तैयार की गई। पुलिस कर्मियों अधिकारियों के व्यवहार से लेकर कार्य की पारदर्शिता तक 11 प्रमुख बिंदुओं पर जनता से सीधे संवाद कर फीड बैक लिया गया। 
सर्वे में इन बिंदुओं को किया गया शामिल
एफआइआर दर्ज करने में देरी या गलत धाराओं का इस्तेमाल। चरित्र सत्यापन और पासपोर्ट वेरीफिकेशन में समय। झूठे आरोपों में फंसाने की घटनाएं। महिलाओं-बच्चों से जुड़े केस दर्ज करने में लापरवाही। आनलाइन सेवाएं समय पर देना, किसी पक्ष से मिलकर पक्षपाती कार्रवाई करना। पुलिसकर्मियों का व्यवहार कैसा रहता है। पुलिस द्वारा मारपीट करना एवं अनावश्यकरूप से परेशान किया जाता है। यातायात पुलिस द्वारा समय पर कार्रवाई की जाती है। पुलिस द्वारा समय से प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत करने में देरी की जाती है। जिले में मादक पदार्थ तस्करों पर कार्रवाई, भू-माफियाओं पर शिकंजा, जुआ और सट्टा पर कार्रवाई। पुलिस ने वीआइपी, त्योहारों में कानून व्यवस्था बनाए रखने से लेकर साइबर फ्राड में ठगे गए पैसों की वापसी, गुम मोबाइल को असली मालिक तक पहुंचाने और धोखाधड़ी में प्रयुक्त मोबाइलों को ब्लाक कराने तक विशेष काम किया है।

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