
#धमाका_धर्म: सर्व ब्राह्मण समाज एवं परशुराम युवा वाहिनी का संयुक्त प्रतिनिधि मंडल कल सोमवार को मंशापूर्ण मंदिर की भूमि को लेकर कलेक्टर से चर्चा करेगा
शिवपुरी। सर्व ब्राह्मण समाज एवं परशुराम युवा वाहिनी का संयुक्त प्रतिनिधि मंडल कल सोमवार को मंशापूर्ण मंदिर की भूमि को लेकर कलेक्टर से चर्चा करेगा। शहर के प्राचीन मंशापूर्ण हनुमान मंदिर कत्था मिल शिवपुरी के आसपास की सरकारी जमीन जिसका उपयोग मंशापूर्ण मंदिर पर भक्तों द्वारा आयोजित अनुष्ठान, कथा भागवत, भंडारों में हुआ करता था अचानक प्राइवेट लोगों ने उस जमीन संबंधी रजिस्ट्री होना बताकर उस स्थल पर लगे पेवर्स उखाड़ कर निर्माण कार्य शुरू कर दिए जिससे विचलित मंदिर प्रबंधकों द्वारा आनन फानन कलेक्टर के समक्ष सरकारी भूमि होने के साक्ष्य प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखा जिसे देख सुन कलेक्टर रवीन्द्र कुमार ने उक्त भूमि पर निर्माण कार्य पर रोक लगा दी। भरत शर्मा जिलाध्यक्ष सर्व ब्राह्मण समाज तथा अशोक शर्मा कूड़ा सचिव परशुराम युवा वाहिनी ने संयुक्त रूप से बताया, कलेक्टर रवीन्द्र कुमार ने मूल प्रश्न सरकारी भूमि से प्राइवेट भूमि का परिवर्तन का आधार न स्पष्ट करते हुए अचानक लगी उक्त रोक को शिथिल कर सरकारी भूमि से प्राइवेट भूमि में कब और कैसे तब्दील हो गई की जांच जारी रखने का निर्णय पारित कर दिया जो निसंदेह समझ से परे है यहां निर्माण रोक जिन आधारों के प्रकाश में लगाई थी उनको कारण सहित अमान्य करते हुए अपील खारिज करनी थी परन्तु खेद है निर्माण कार्य से रोक हटाते हुए सरकारी भूमि से प्राइवेट भूमि कब कैसे किन आधारों पर परिवर्तित की गई मुख्य विंदु की जांच अब एस डी एम द्वारा पृथक से कराने के आदेश किया गया जिसका निर्माण कार्य की रोक हटाने की दशा में कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता अतः आस्था के केंद्र मंशापूर्ण हनुमान मंदिर परिसर से लगी सरकारी भूमि लोक हित में किया जा रहा उपयोग को दृष्टिगत रखते हुए दस्तावेजों में संभावित कूट रचित रचनाओं के आधार पर बताई जा रहीं रजिस्ट्रियों की सूक्ष्म जांच कर मंदिर प्रबंधकों द्वारा प्रस्तुत सरकारी भूमि के साक्ष्यों के प्रकाश में सरकारी भूमि प्राइवेट कब कैसे किन आधारों पर हुई सार्वजनिक करें अन्यथा भू माफिया द्वारा अतिक्रमण किया जाना बता कर कठोर करवाई करें। इसी मांग को लेकर कल सोमवार को सर्व ब्राह्मण समाज तहत परशुराम राम युवा वाहिनी का संयुक्त प्रतिनिधि मंडल कल सोमवार को कलेक्टर से चर्चा करेगा। ताकि मंशापूर्ण हनुमान मंदिर पर महंत रिंकू महाराज तथा श्रद्धालुओं द्वारा किया जा रहा उपवास पर विराम लगाने की स्थिति निर्मित हो सके।मंदिर प्रबंधन की इतनी मात्र मांग हैं 1953 के कागजों के आधार जो भूमि सरकारी ,रेलवे की प्रमाणित है बो कब कैसे किन हालातों में निजी भूमि हो गई, बताते है कब्जा के आधार पर पट्टे हुए तो कब्जा तो मंदिर का 1953 से पूर्व से है पट्टे तो बाद में दिए है।

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