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#धमाका_न्यूज: श्री सिद्धेश्वर मेला में देर रात चला ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित कवि सम्मेलन

रविवार, 25 मई 2025

/ by Vipin Shukla Mama
* सिद्धेश्वर बाणगंगा मेले में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सम्पन्न
शिवपुरी। ऐतिहासिक सिद्धेश्वर बाणगंगा मेले में ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित कवि सम्मेलन सम्पन्न हुआ,जिसमे देश भर के ख्यातिनाम कवियों ने काव्य पाठ कर श्रोताओं का मनोरंजन किया। इस अवसर पर आईटीबीपी के जवानों का सम्मान के साथ ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित कवि सम्मेलन का शुभारंभ हुआ।
कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन ने कहा कि 25 साल में पहली बार इतना उत्कृष्ट मेला लगा है,भाजपा जिलाध्यक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित कवि सम्मेलन की प्रशंसा करते हुए कहा देश के सैन्य बल पर हमें गर्व है,आज ऑपरेशन सिंदूर से देश का मस्तक ऊंचा हुआ है।जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव,प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाजपा सुरेंद्र शर्मा व आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट दलीप सिंह भी इस समय मौजूद रहे।जिनका मेला ठेकेदार वतन समाधियां,योगेश शर्मा,भानु दुबे,प्रदीप शर्मा, श्यामलाल शाक्य, गौरव सिंघल, विजय बिंदास पार्षद ने अभिनंदन किया।
तत्पश्चात कवि सम्मेलन में कोटा राजस्थान से आये हास्य कवि लाफ्टर चेम्पियन सुरेश अलबेला ने अपनी हास्य कविताओं के अतिरिक्त देश के सैन्य बल को समर्पित कविता देश की शान किसान है,सीमा पर खड़ा जवान है,इन्ही के बलबूते तो ये देश महान है, यही देश के कर्णधार,इनका करना हरदम सम्मान है सुना सभी श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन किया।
शिवपुरी के ओज कवि आशुतोष ओज ने राष्ट्र की गौरव गाथा कुछ परिचय लेकर आया हु,प्राणों में भरने ज्वाला निज गौरव फिर से ले आया हु,सुना भरपूर तालिया बटोरी।
रायसेन से वीर रस के कवि दिनेश याग्निक ने ठोक दी हमने ताल,बनकर आतंकी के काल,दिखा रहे दुनिया को ताकत,भारत माँ के लाल प्रस्तुत की।
भोपाल से आई प्रसिद्ध गीतकारा संगीता सरल ने मुस्कुराओ के बात बन जाये,दिल लगाओ के बात बन जाये,दूर जाने से बढ़ेंगी दूरियां,पास आओ तो बात बन जाये सुना सभी को मंत्रमुग्ध किया।
ग्वालियर से आये मनीष रोशन ने 
जंग के आग़ाज़ में ही डर गया नापाक़ पाक़ 
सोच ले तस्वीर क्या होगी तेरे अंज़ाम की 
और 
सिंध से पंजाब तक थर्रा उठी धरती-ए-पाक़ 
बस झलक भर ही तो थी यह ताक़ते-सिंदूर की 
प्रस्तुत की।
आशीष पटेरिया ने तेरे चेहरे पर मोहब्बत की ग़ज़ल कैसे लिख दूँ 
तू दहकता सूरज है भला चाँद कैसे लिख दूँ सुनाई।
डॉ मनीषा गिरी ने किए जो कर्म अब वे सब हमारे काम आएंगे 
हमारी साधनाओं के सुखद परिणाम आएंगे
हजारों वर्ष जिनकी प्रतिक्षा कर रही थीं मैं..
हमारी इस कुटी में वो हमारे राम आएंगे !! 
सुनाई।
अंजली गुप्ता ने *हमारी  चाहतों  का  कुछ  अलग  अंजाम  हो जाये*
*कि नफ़रत के शहर का अब मुहब्बत नाम हो जाये*
*तुम्हारे  हो  गए  हम  भी , हमारे  हो  गए  तुम  भी*,
*ज़माने भर  की  गलियों में  ये  चर्चा  आम हो जाये*।
प्रस्तुत की।
प्रदीप अवस्थी ने नफरतों का क्यों भला आज़ार होना चाहिए 
आदमी को आदमी से प्यार होना चाहिए 
जिंदगी से इक तजुर्बा ये मिला यारों मुझे 
कुछ न हो पर आदमी खुद्दार होना चाहिए।
सुनाकर सभी को भाव विभोर किया।
कवि सम्मेलन का संचालन आशुतोष ओज ने किया जबकि प्राथमिक संचालन मनिका शर्मा ने और आभार वतन समाधियां ने व्यक्त किया।रात के 3 बजे तक चले कवि सम्मेलन में पूरे समय श्रोता बैठे रहे।कवि सम्मेलन से पूर्व शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन ने बाल ग्रह के अनाथ बच्चों को मेला घुमवाया,उनको झूले आदि झुलवाये व मिष्ठान्न आदि खिलवाया।बेहतरीन आयोजनकी पूरे नगर में चर्चा बनी हुई है।











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