बता दें कि नगरपालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के पुत्र रजत शर्मा पर दुष्कर्म की एफआईआर के मामले में शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया था। कांग्रेस पदाधिकारियों ने कहा कि अन्य जिलों में दुष्कर्म के आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर जैसी सख्त कार्रवाई होती है, लेकिन इस मामले में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यदि आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार नहीं किया गया तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
प्रदर्शन करने वाले कांग्रेसियों ने कहा कि पीड़िता ने पुलिस कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी कि फेसबुक के माध्यम से रजत शर्मा से उसकी दोस्ती हुई। रजत ने शादी का झांसा देकर कई बार शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन बाद में किसी और लड़की से सगाई कर ली। शिकायत के बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में 15 दिन लगा दिए और अब तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन आरोपी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जो न्याय व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगाता है। उन्होंने सत्तापक्ष से भी मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की ताकि यह संदेश जाए कि कानून सभी के लिए समान है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस जिलाध्यक्ष विजय सिंह चौहान और नगर पालिका में नेता प्रतिपक्ष शशि आशीष शर्मा ने प्रदेश सरकार पर दोहरे रवैये का आरोप लगाया। इन नेताओं ने सवाल उठाया कि क्या भाजपा सरकार अपनी ही पार्टी की नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के पुत्र रजत शर्मा कि को बचा रही है? यदि नहीं, तो फिर अब तक आरोपी के खिलाफ कठोर कदम क्यों नहीं उठाए गए। कांग्रेस नेताओं ने मांग की कि जैसे अन्य जिलों में सख्त कार्रवाई कर न्याय की नजीर पेश की गई, वैसे ही शिवपुरी में भी बिना भेदभाव के न्याय होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस आंदोलन को तेज करेगी।
मोहन सरकार सबको एक नजर से देखे
पुलिस-प्रशासन ने आरोपी रजत शर्मा को ढूंढने का प्रयास किया और न ही बुलडोजर से उनके मकान को गिराने की कोई कार्रवाई की। ऐसे में मोहन सरकार सबको एक नजर से देखें, ताकि उनकी कथनी करनी में फर्क नजर ना आए।
विजय सिंह चौहान, जिला अध्यक्ष, कांग्रेस शिवपुरी
सब राजनीति से प्रेरित
सारा मामला राजनीति से प्रेरित है। नपा में चली नहीं तो आरोप-प्रत्यारोप लगाना शुरू किया। जब तक अदालत दोषी साबित न कर दे तब तक इसका कोई असर नहीं।
गायत्री शर्मा, नपाध्यक्ष, शिवपुरी

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