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#धमाका_धर्म: 14 सितंबर 2025 तक मंगल केतु युति प्रभाव को देखते हुए बड़ी यात्रा पहाड़ों की यात्रा, घूमना फिरना इत्यादि से बचें: डॉ विकासदीप शर्मा

गुरुवार, 26 जून 2025

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। जब कुंडली में मंगल दोषपूर्ण या अशुभ स्थिति में होता है, तो पहाड़ों की यात्रा करना एक मिश्रित प्रभाव दे सकता है, यह व्यक्ति विशेष की कुंडली के संपूर्ण विश्लेषण पर निर्भर करता है।
श्री मंशापूर्ण ज्योतिष शिबपुरी 9993462153
9425137382
कुंडली ओर गौचर में जब मंगल अशुभ स्तथि हो तो बड़ी यात्रा, लंबी दूरी की यात्रा, हवाई यात्रा, ओर पहाड़ों की यात्रा में संभावित समस्याएँ:
1. चोट लगना, गिरना या दुर्घटना — मंगल शरीर का बल, रक्त, हड्डियाँ और अग्नि तत्व का कारक है। जब यह पीड़ित हो, तो पहाड़ी स्थानों पर फिसलने, चोट लगने या तेज़ चढ़ाई से थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
2. क्रोध और वाद-विवाद की प्रवृत्ति, यात्रा के दौरान साथी यात्रियों या स्थानीय लोगों से अनावश्यक विवाद हो सकता है।
3. ब्लड प्रेशर, सिरदर्द या सांस की दिक्कत, खासकर यदि मंगल छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो या राहु-केतु से ग्रस्त हो।
 विशेष सुझाव: यदि मंगल 6, 8 या 12वें भाव में हो और अशुभ दृष्टियों से ग्रस्त हो, तो यात्रा से पहले शुभ दिन और नक्षत्र देखकर ही प्रस्थान करें।
मंगल की महादशा, अंतर्दशा या अशुभ गोचर चल रहा हो तो यात्रा टालना उत्तम हो सकता है, या बहुत सावधानी बरतनी चाहिए।
यात्रा करने से पूर्व उपाय और मंत्र अवश्य करें यह आपकी यात्रा को सुखद और सफल बनाएगा।
श्री मंशापूर्ण ज्योतिष शिवपुरी
ज्योतिष डॉ. विकासदीप शर्मा
9993462153
वाहन दुर्घटना से बचने के लिए हनुमान जी के मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। कुछ लोग वाहन में हनुमान यंत्र स्थापित ओर वाहन दुर्घटना नाशक यंत्र स्थापित करते हैं और यात्रा शुरू करने से पहले "ॐ नमो भगवते आञ्जनेयाय" मंत्र का जाप करते हैं. 
ॐ गं गणपतये नमो नम:, 
इसके अतिरिक्त, "ॐ नमो भगवते अंजनाए महाबलाय स्वाहा" मंत्र का जाप भी लाभदायक माना जाता है.
रामायण की सिद्ध चौपाई "चलत विमान कोलाहल होई जय रघुवीर कहत सब कोई"
इस चौपाई का जाप भी यात्रा को सफल बनाता हैं. 
सदा भवानी वाहिनी, सन्मुख रहे गणेश , पांच देव रक्षा करे, ब्रह्मा विष्णु महेश ।।
"सदा भवानी दाहिनी, सन्मुख रहे गणेश" का अर्थ है कि "हमेशा माँ भवानी दाहिनी ओर रहें और भगवान गणेश सामने रहें"। यह एक प्रार्थना या आशीर्वाद है जो भक्तों को माँ दुर्गा और भगवान गणेश की कृपा से सुरक्षा, समृद्धि और शुभता प्राप्त करने की कामना करता है. 
इसका अर्थ है कि भक्त माँ दुर्गा और भगवान गणेश की कृपा और सुरक्षा की कामना करते हैं, ताकि वे अपने जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को पार कर सकें. 
यहाँ "सदा भवानी दाहिनी" का अर्थ है कि माँ दुर्गा, जो शक्ति का प्रतीक हैं, हमेशा भक्त के दाहिने ओर रहें। "सन्मुख रहे गणेश" का अर्थ है कि भगवान गणेश, जो विघ्नहर्ता (बाधाओं को दूर करने वाले) हैं, हमेशा भक्त के सामने रहें. 
यह एक शक्तिशाली मंत्र है जिसे अक्सर शुभ कार्यों को शुरू करने से पहले या किसी भी कठिन परिस्थिति का सामना करने से पहले पढ़ा जाता है.












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