देखिए video शिवपुरी, मध्य प्रदेश
(ग्वालियर-बेंगलुरु एक्सप्रेस की बोगी)
ये पहली बार नहीं जब सरल, सहज नजर आए श्रीमंत
राजनीति की पाठशाला भले ही कठिन हो, कंधों पर दूरसंचार या पूर्वोत्तर के विकास की जिम्मेदारी हो लेकिन जब सिंधिया अपनों के बीच यानी जनता के बीच आते हैं तो किसी बच्चे से कमतर नजर नहीं आते। कभी चाट, मिठाई की दुकान पर जाते हैं तो कभी क्रिकेट के मैदान में हाथ आजमाते हैं। इतना ही नहीं आदिवासियों के बीच कभी ढोलक बजाकर पारंपरिक नृत्य करते दिखाई देते हैं तो कभी नवदुर्गा में महिलाओं के बीच डांडिया खेलते दिखाई देते हैं। शायद यही वजह है कि हर एक व्यक्ति उनके करीब पहुंचना चाहता है। वैसे भी सिंधिया जी ने कई बार कहा है कि राजनीति उनके लिए महज सेवा का माध्यम है।











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