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#धमाका_बड़ी_खबर: जय विलास में सौगंध खाए 29 पार्षदों की सिंधिया ने ली क्लास, हर एक पार्षद को सुना 5 मिनिट, पार्षद पतियों को रहना होगा दूर, मौखिक लिखित मिसाइलों से अध्यक्ष पर किया पार्षदों ने हमला, गायत्री ही बनी रहेंगी अध्यक्ष लेकिन बदलेंगे हालात, ये आश्वासन लेकर लौटे पार्षद, मोहना पर हुई मारपीट, थाने पहुंचे पार्षद, video

मंगलवार, 24 जून 2025

/ by Vipin Shukla Mama

शिवपुरी। शिवपुरी नगर पालिका में अध्यक्ष और पार्षदों के बीच उपजे विवाद को सुलझाने के लिए मंगलवार को 30 से अधिक पार्षद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दरबार में पहुंचे। जय विलास ग्वालियर में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से सभी पार्षद मिले। द ग्रेट सिंधिया ने लगभग डेढ घंटे में सभी पार्षदों से बारी बारी मुलाकात की। इनमें 22 भाजपा, 7 निर्दलीय और 1 कांग्रेस से भाजपा में आए पार्षद शामिल थे। प्रत्येक पार्षद को 5 मिनिट का समय दिया और उनकी समस्या को गंभीरता से सुना।
खास बात जो सामने आई है उसके अनुसार 
1. हर 6 महीने में केंद्रीय मंत्री सिंधिया पार्षदों के साथ बैठक करेंगे। शहर विकास पर चर्चा करेंगे।
2. एक महीने के अंदर प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर पार्षदों से संवाद करेंगे। पार्षद अपनी बात रख सकेंगे।
3. भाजपा जिलाध्यक्ष जसमंत नपा की मॉनिटरिंग करेंगे। उनकी समस्या के निराकरण के लिए पार्षदों की मदद करेंगे।
4. अनुशासनहीनता करने पर संबंधित पार्षद की शिकायत जिलाध्यक्ष से होगी। वे इस पर अपने स्तर पर निर्णय लेंगे।
इसलिए बची नपा अध्यक्ष की कुर्सी
प्रदेश में कई जगह नपाध्यक्षों के खिलाफ नाराजगी है। शिवपुरी में नपाध्यक्ष को बदला जाता तो पूरे प्रदेश में गलत संदेश जाता।
साथ ही अब नपा में अब पार्षद पतियों को एंट्री नहीं मिलेगी
यानि कि महिलाओं को खुद आगे रहकर नपा चलानी होगी। जिसके पीछे अध्यक्ष पति की लगातार शिकायत सुनने के बाद निर्देशित किया गया है। हालांकि पर्दे के पीछे घर से सत्ता चलाई जाएगी तो देखेगा कौन ये बड़ा सवाल है जो जनता पूछ रही है। हालांकि ग्वालियर में पार्षद पतियों से सिंधिया नहीं मिले बल्कि सिंधिया ने महिला पार्षदों के पतियों से वन-टू-वन मुलाकात नहीं की। उन्होंने पार्षदों से स्पष्ट कहा-पतियों का हस्तक्षेप कतई बर्दाश्त नहीं करूंगा। परिषद की बैठकों के साथ हर जगह उनकी मौजूदगी हो। बता दें कि कई लोग अपनी पार्षद पत्नियों के बिना ग्वालियर पहुंचे थे। वार्ड 27 से पार्षद सुमन बाथम के पति राजू बाथम ने बताया कि उनकी वन टू वन चर्चा नहीं हुई क्योंकि हमारे साथ महिला पार्षद नहीं थी। वार्ड 9 से पार्षद रितु जैन की जगह उनके पति रत्नेश, वार्ड 22 से मोनिका की जगह उनके पति विनोद राठौड़, वार्ड 31 से मीना शर्मा की जगह उनके पति पंकज और वार्ड 39 से पार्षद कृष्णा के पति वीरेंद्र ग्वालियर पहुंचे थे।
इसके अलावा नपा में भारी भ्रष्टाचार, काम न होने, ठेकेदार अर्पित शर्मा के दखल की शिकायत भी कई पार्षदों ने की। जिसके बाद द ग्रेट सिंधिया ने सारी बातों को सुनकर इस मामले में तत्काल कोई निर्णय नहीं लिया बल्कि उन्हें कहा कि सिंधिया ने कहा, "आपका सम्मान सुरक्षित रहेगा, और न्याय जरूर होगा।"सिंधिया ने कहा कि वे जल्द शिवपुरी दौरे पर आएंगे। बताया जा रहा है कि पार्षदों ने लिखित मौखिक दोनों मिसाइलों से अध्यक्ष गायत्री पर हमला किया।पार्षदों ने कहा कि नगरपालिका में लंबे समय से मनमानी और भ्रष्टाचार चल रहा है। तालमेल की कमी से कामकाज ठप हो गया है और वार्डों में विकास कार्य नहीं हो रहे। इधर नपाध्यक्ष भी सिंधिया जी से मिलने पहुंची थी। आज की मुलाकात के केंद्र बिंदु बीजेपी जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव रहे। वे और प्रभारी मंत्री प्रदुम्न तोमर भी बैठक में मौजूद थे। बता दें कि इससे पहले भाजपा जिलाध्यक्ष, विधायक और कलेक्टर स्तर पर सुलह की कोशिशें की गईं, लेकिन समाधान नहीं निकला। आखिरकार पार्षदों ने सिंधिया से हस्तक्षेप की मांग की, जिसके बाद यह बैठक हुई।
मोहना के बलराम होटल पर पार्षद तारा राठौर के साले के साथ ठेकेदार ने की मारपीट, मोहना थाने पर केस दर्ज
जब सभी पार्षद ग्वालियर से वापिस लौट रहे थे और बलराम होटल पर भोजन करने रुके। उसी दौरान पार्षद तारा राठौर के भविष्य के साथ ठेकेदार ने ग्वालियर में की गई शिकायत को लेकर मारपीट कर डाली। जिसके बाद सभी 29 पार्षद मोहना थाने केस दर्ज करवाने पहुंचे हैं। 
जानिए बगीचा सरकार की कसम और भविष्य में क्या संभावना
आज ग्वालियर में सिंधिया जी से मिलने के बाद फिलहाल ये तो तय रहा कि अध्यक्ष गायत्री शर्मा ही पद पर बनी रहेंगी। यानि कि बगीचा सरकार के समक्ष कसम खाकर आए पार्षद अब क्या करेंगे, क्या सभी एकजुट होकर स्तीफा देंगे ये अगले कुछ दिन में साफ होगा। फिलहाल तीन महीने भी पटखनी देने को लीगली समय चाहिए। ऐसे में सभी बिना कोई रिस्क लिए सिंधिया जी की बात पर भरोसा कर देखना चाहेंगे कि वर्तमान तरीके बदलते हैं या नहीं ? अगर तरीके नहीं बदले तो सामूहिक इस्तीफा विकल्प हो सकता है ऐसे में कसम पूरी होगी और अध्यक्ष पद पर नहीं रह पाएंगी। इस बारे में एडवोकेट संजीव बिलगैया ने कहा कि इस मामले में दो बातें हो सकती हैं। अगर इस्तीफे दिए तो कलेक्टर इस्तीफे स्वीकार या अस्वीकार कर सकते हैं। स्वीकार हुए इस्तीफे तो अध्यक्ष हट सकती हैं। लेकिन पार्टी से बगावत पर बीजेपी अपने सभी पार्षदों को छह साल के लिए निष्काशित कर सकती है, ऐसे में कोई भी पार्षद बीजेपी से चुनाव नहीं लड़ सकेगा, लेकिन निर्दलीय या अन्य दल के रस्ते खुले रहेंगे। अगर अध्यक्ष इस्तीफे से हटी तो नपा में प्रशासक नियुक्त किए जा सकते हैं या फिर से चुनाव करवाए जा सकते हैं।
कुल मिलाकर परिदृश्य देखने काबिल हो गया है क्योंकि पार्टी मोह में बंधे पार्षद बगीचा सरकार पर खाई कसम को निभाकर क्या अपना इस्तीफा देंगे ?
सब मिलकर शहर का विकास करेंगे
हमने मुलाकात कर केंद्रीय मंत्री ज्यातिरादित्य सिंधिया के समक्ष शहर विकास का खाका खींचा है। सब पार्षदों के साथ मिलकर शहर विकास की योजना पर बल दिया है। किसी भी तरह का कोई विरोधाभास मेरी तरफ से ना पहले था, ना आज है, ना आगे रहेगा। सब मिलकर शहर का विकास करेंगे। - गायत्री शर्मा, नपाध्यक्ष, शिवपुरी
सिंधिया ने सबकी बात गंभीरता से सुनी
पार्षदों ने अपना पक्ष सिंधिया के समक्ष रखा। मैंने अपनी बात रखनी चाही तो उन्होंने टोका कि तुम पार्षद नहीं हो। वन-टू-वन चर्चा कर उन्होंने एक-एक पार्षद को गंभीरता से सुना है। अब इस पर भविष्य में निर्णय भी होगा। - रामजी व्यास, नपा उपाध्यक्ष सरोज व्यास के पति
मैं खुद रोज करूंगा नपा की मॉनीटरिंग
चर्चा में किसी के खिलाफ विरोध जैसी कोई बात नहीं आई। सभी ने शहर के विकास पर चर्चा की। अब हर दिन मैं नगर पालिका की मॉनिटरिंग अवश्य करूंगा। प्रभारी मंत्री भी आएंगे और केंद्रीय मंत्री सिंधिया भी 6 महीने में एक बैठक लेंगे। - जसमंत जाटव, जिलाध्यक्ष, भाजपा










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