* शिवपुरी में रक्तदान से बना भाई बहन का अनोखा रिश्ता
शिवपुरी। बात 2001 की है जब नवाब साहब रोड निवासी मेरा मित्र शैलेंद्र गौड़ मेरे पास आया और उसने बताया की योगेश भाई एक अर्जेंट काम है, उसके मित्र विनोद प्रजापति की बहन सुनीता
प्रजापति की बहुत नाजुक हालत है उसे अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा है और ओ पॉजिटिव ब्लड की जरूरत है बहुत ही इमरजेंसी है मैने ब्लड दे दिया है तुम्हारा ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव है तुम उसे ब्लड दे दो में तुरंत ही रक्तदान करने चला गया और ब्लड दे आया जबकि मैं उसे जानता ही नही था। अब कुछ दिनो बाद आया रक्षा बंधन और बहन सुनीता प्रजापति जिसे हमने ब्लड दिया था बह मेरे घर आई और मेरी माता जी से बोली कि योगेश भैया कहा हैं ? उन्होंने रक्तदान करके मेरा जीवन बचाया है मैं उनको राखी बांधने आई हूं मेरी माता जी ने मुझे बुलाया और पूरी बात बताई मैं एकदम हतप्रद रह गया कि लोग कितना मानते कि रक्तदान का क्या महत्व होता है। बस उस रक्षा बंधन से निरंतर बहन सुनीता प्रजापति आज 20 से 22 वर्षो से निरंतर वह मुझे ओर और मेरे दोस्त शैलेंद्र को राखी बांधने आती है इस तरह रक्तदान ने बनाया भाई बहन का रिश्ता और तब से लेकर अब तक मैने 32 बार रक्तदान कर दिया है और आज 14 जून विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर मैंने 32 बी बार रक्तदान किया और किस्मत से 14 जून को मेरा जन्मदिन है और में 21वर्षो से लगातार रक्त दान करता आ रहा हूं। जिला चिकित्सालय शिवपुरी के ब्लड बैंक में डॉ श्रीमती नीरजा केन, डॉ दीप्ति बंसल, टेक्नीशियन भानुप्रताप रायकवार जी, श्रीराम कटारे और सहकर्मी श्री दीपकुमार मिश्रा, श्री योगेश दुबे, श्री कृष्णा गुप्ता ,श्री रामेश्वरजोशी, मुन सिंह, गोवर्धन चारेल, मधुपाल, पंकज धानुक, क्रांति शर्मा, मुकेश, अरुण सेनवार, प्रियंका रायकवार, एवं समस्त स्टाफ में रक्तदाताओं का आभार व्यक्त किया और अधिक से अधिक रक्तदान करने की अपील की है।
14 जून विश्व रक्तदान पर विशेष
देश में हर दिन करीब 12 हजार लोगों की मौत समय पर ब्लड न मिल पाने के कारण हो जाती है। और ब्लड की यह कमी होती है रक्तदान से जुड़ी जानकारी के अभाव और भ्रमों के कारण रक्तदान न करने से। भारत सरकार के अनुसार हर साल लगभग 15 लाख यूनिट ब्लड की जरूरत होती है जबकि केवल 11 लाख यूनिट रक्त ही उपलब्ध हो पाता है। यानी लगभग 4 लाख यूनिट रक्त की कमी हर साल होती है। विभिन्न शोध बताते हैं कि रक्तदान करने से न केवल रक्त पाने वाले की जान बचती है बल्कि रक्त देने वाले को भी कई फायदे होते हैं। एक शोध के अनुसार नियमित रक्तदान करने वाले लोगों में हार्ट अटैक का खतरा 88 प्रतिशत तक कम होता है। इसके अलावा हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों का खतरा 33 प्रतिशत तक कम हो जाता है। इसके अलावा ऑक्सफोर्ड एकेडमिक के अनुसार नियमित रक्तदान करने से पेट, गले, फेफड़े और आंतों के कैंसर का खतरा भी कम होता है। इससे लिवर सेहतमंद रहता है, जिससे शरीर डिटॉक्स होता है। इससे इम्यूनिटी बढ़ती है।
*रक्तदान से जुड़े इन तथ्यों को जरूर जानिए
* रक्त का गाढ़ापन कम होता है
इससे दिल को फायदा होता है नियमित रूप से ब्लड डोनेशन का दिल की सेहत पर बेहद अच्छा असर है। यह ब्लड प्रेशर कम करता है, जिससे हार्ट अटैक का खतय मटता है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के अनुसार यदि आपका हीमोग्लोबिन ज्यादा है तो ब्लड डोनेशन से रक्त का गाढ़ापन कम होता है। रक्त के अधिक गाढ़ा होने से उसका थक्का जमने का खतरा बढ़ता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
रक्तदान के 24 घंटे बाद शरीर प्लाज्मा की भरपाई कर लेता है रक्त में दो तरह के कंपोनेंट होते हैं
पहला है, प्लाज्मा और दूसरा है सेल्युलर कंपोनेंट। सेल्यूलर कंपोनेंट में रक्त कणिकाएं आती हैं। इसमें प्लाज्मा की भरपाई लगभग 24 घंटे में हो जाती है। यहीं सेल्युलर कंपोनेंट जैसे कि लाल रक्तकणिकाएं, सफेद रक्त कणिकाएं आदि की पूरी तरह से भरपाई में 4 से 8 सप्ताह का समय लगता है। रक्तदान करने वालों को कम से कम तीन महीने का गैप रखने के लिए कहा जाता है।
*डायबिटीज और थॉयराइड है तो भी कर सकते हैं रक्तदान
कई बार बीमारी से ग्रसित होने पर हम रक्तदान से कतराते हैं, लेकिन सरकारी गाइडलाइन के अनुसार डायबिटीज, थॉयरॉइड और यूरिक एसिड जैसी लाइफ स्टाइल बीमारी से पीड़ित लोग भी रक्तदान कर सकते हैं। बशर्ते डायबिटीज पीड़ित इंसुलिन न ले रहा हो। केबल गोली ले रहा हो। पिछले चार महीने से दवाइयों में बदलाव न किया हो। और शुगर नियंत्रित हो। ऐसे ही यदि आप थायराइड पीड़ित हैं, लेकिन यह पूरी तरह नियंत्रित है तो ब्लड डोनेट कर सकते हैं। ऐसे ही यूरिक एसिड की समस्या से पीड़ित भी ब्लड डोनेट कर सकता है। धमाका न्यूज शिवपुरी के चीफ एडिटर विपिन शुक्ला मामा की ओर से योगेश जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई जी।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें