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#धमाका_न्यूज: सुबह मृत मिली दो वर्षीय परी के बिस्तर पर मौजूद था जिंदा सांप

रविवार, 15 जून 2025

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। जिले के सिरसौद के ग्राम सिकरावदा में रविवार की सुबह एक दो साल की मासूम की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। जब परिजन जगे तो उन्होंने उक्त बच्ची को मृत पाया लेकिन ये देखकर चौंक गए कि बच्ची के पास एक सांप मौजूद था जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि उसी ने मासूम को डसा होगा। परिजनों ने सांप को मार डाला फिर बच्ची के साथ सांप को लेकर अस्पताल आए लेकिन डॉक्टर्स ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इस मामले को संदिग्ध मानते हुए मर्ग कायम कर लिया है। जानकारी के अनुसार सिरसौद थाना के ग्राम सिकरावदा में शनिवार को 2 वर्षीय मासूम बिटिया परी जाटव पुत्री धर्मेन्द्र जाटव अपनी मां के साथ एक ही बिस्तर पर सोई थीं जब परी सुबह 9 बजे तक नही उठी तो उसे उसकी मां ने जगाने का प्रयास किया लेकिन कोई हलचल नही दिखी तो देखा उसके साथ में बिस्तर पर एक जिंदा सांप मौजूद है। सांप को देखकर परी की मॉ ने शोर मचाया। तब घर के अन्य सदस्य कमरे में आए। उनका कहना है कि बेटी के पास जिंदा सांप को देखकर वह पूरा माजरा समझ गए और सांप को मार डाला। बाद में परिजन रविवार को उसे जिला अस्पताल लेकर आए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 
सर्पदंश की समस्या को नियंत्रित करने के लिए राज्य शासन ने शुरू की व्यापक कार्ययोजना जिसमें जागरूकता और त्वरित उपचार पर विशेष जोर
शिवपुरी, 15 जून 2025/ बरसात के मौसम में सर्पदंश की घटनाओं में बढ़ोतरी को देखते हुए मध्यप्रदेश शासन ने इसे स्थानीय आपदा घोषित कर दिया है। बीते वर्ष प्रदेश में सर्पदंश के कारण 2,500 से अधिक लोगों की मौत दर्ज की गई थी। प्राकृतिक आवासों में वर्षा के जलभराव से सांप आबादी वाले क्षेत्रों की ओर आने लगते हैं, जिससे सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि होती है।
राज्य शासन ने सर्पदंश की रोकथाम, समय पर उपचार और जन-जागरूकता के लिए बहुआयामी रणनीति बनाई है। अब पंचायत और नगरीय वार्ड स्तर तक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इन अभियानों में स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ गैर-सरकारी संगठनों और विशेषज्ञ संस्थाओं की मदद ली जाएगी। सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, होर्डिंग्स और एफएम रेडियो के माध्यम से भी नागरिकों को सतर्क रहने और सर्पदंश से बचने की जानकारी दी जाएगी। शिक्षण संस्थानों में छात्रों को सर्पदंश से जुड़ी सावधानियों के प्रति जागरूक किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग, आपदा प्रबंधन और शिक्षा विभाग मिलकर इस दिशा में समन्वयित प्रयास करेंगे।
प्रशिक्षण और स्थानीय स्तर पर व्यवस्थाएं
राज्य शासन ने निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक पंचायत और नगरीय वार्ड में प्रशिक्षित स्नेक कैचर्स और सर्प मित्र नियुक्त किए जाएं। इन्हें सर्प की पहचान, सुरक्षित पकड़ने के तरीके और प्राथमिक उपचार की जानकारी दी जाएगी। इनके संपर्क नंबर सार्वजनिक किए जाएंगे ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित सहायता मिल सके।
स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सभी सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एंटी-वेनम और आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। डॉक्टरों और नर्सों को विशेष प्रशिक्षण देकर सर्पदंश के त्वरित और प्रभावी उपचार हेतु तैयार किया जा रहा है।
सफाई और सुरक्षा को भी प्राथमिकता
स्थानीय प्रशासन द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा जिसमें नागरिकों को अपने आसपास की झाड़ियों को हटाने, घर के आसपास सफाई रखने, खेतों में सुरक्षा के साथ काम करने और पशुबाड़ों में पर्याप्त रोशनी रखने की सलाह दी जाएगी।
जिलेवार योजना और वित्तीय प्रावधान
प्रत्येक जिले में आपदा प्रबंधन योजना में सर्पदंश को एक प्रमुख घटक के रूप में शामिल किया जाएगा। जिलेवार संवेदनशील क्षेत्रों की GIS आधारित मैपिंग की जाएगी और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार मानक कार्यप्रणाली (SOP) बनाई जाएगी।
जरूरी सावधानियां और अपील
सर्पदंश की स्थिति में नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। यदि किसी को सांप काट ले, तो घबराएं नहीं, काटे गए अंग को स्थिर रखें और तुरंत नजदीकी अस्पताल में इलाज कराएं। न तो सांप को मारें, न पकड़ने का प्रयास करें। किसी भी झोलाछाप या तांत्रिक के पास न जाएं। घाव को न चूसें, न काटें और न ही घरेलू उपचार अपनाएं।
राज्य शासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे जागरूकता अभियान में भाग लें, प्रशासन का सहयोग करें और सर्पदंश से होने वाली क्षति को कम करने में सक्रिय भूमिका निभाएं।










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