Responsive Ad Slot

Latest

latest

#धमाका_न्यूज: सर्प-दंश से बचाव के लिए जिलों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी, अस्पतालों में एंटी-वेनम, उपचार की समुचित व्यवस्था, हेल्पलाइन नंबर के साथ सांप पकड़ने वालों के नंबर जारी करने के निर्देश

मंगलवार, 17 जून 2025

/ by Vipin Shukla Mama

शिवपुरी, 17 जून 2025/ राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गृह विभाग ने वर्षाकाल के दृष्टिगत सर्पदंश की घटनाओं के नियंत्रण एवं बेहतर प्रबंधन के लिए सभी जिलों के कलेक्टर को आवश्यक तैयारी एवं जन जागरूकता सुनिश्चित करने के लिये निर्देश जारी किये हैं। सर्प-दंश स्थानीय आपदा घोषित है, इसके प्रभावी प्रबंधन के लिए हर ज़िले के लिए 23.17 लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इस राशि का उपयोग प्रशिक्षण, जन-जागरूकता, मॉक ड्रिल, उपकरण की व्यवस्था और प्रचार-प्रसार जैसे कार्यों में किया जाएगा।
वर्षाकाल में सर्पदंश की संवेदनशीलता
वर्षा ऋतु में सांपों के प्राकृतिक आवासों में जलभराव हो जाने से वे मानव बस्तियों की ओर आ जाते हैं, जिससे सर्प-दंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों, खेतों, नदी किनारे एवं बस्तियों की परिधियों में यह खतरा अधिक होता है। उक्त के प्रति लोगों में जागरूकता लाना, तथा प्रशासनिक सतर्कता बढ़ाना अति आवश्यक है। सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि वे पंचायत एवं शहरी वार्ड स्तर पर जागरूकता अभियान संचालित करें। स्कूलों, आंगनबाड़ियों और सामुदायिक स्थलों पर जागरूकता सत्र आयोजित हों। सोशल मीडिया, रेडियो, दीवार लेखन, बैनर-पोस्टर एवं लोक-प्रदर्शन (नुक्कड़ नाटक आदि) के माध्यम से सूचना का व्यापक प्रसार किया जाए। निर्देशों में कहा गया है कि सर्पदंश के प्रति संवेदनशील इलाकों में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर ‘सर्प मित्र’, सिविल डिफेंस वालंटियर्स एवं स्नेक-कैचर्स की टीम बनाई जाए।
स्नेक-कैचर्स का डाटाबेस करें तैयार, हेल्पलाइन नंबर करें जारी
शासन द्वारा यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि सभी जिलों में ‘स्नेक-कैचर्स’ और ‘सर्प मित्रों’ का विस्तृत डाटाबेस तैयार कर, उन्हें पंचायत/वार्ड स्तर पर नियुक्त किया जाए। सर्प मित्रों के हेल्पलाइन नंबर जारी कर व्यापक प्रचार भी किया जाए। इन मित्रों को स्नेक रेस्क्यू किट, फर्स्ट एड किट एवं आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाए, जिससे वे सर्पदंश की स्थिति में त्वरित और सुरक्षित बचाव कार्य कर सकें।
अस्पतालों में एंटी-वेनम व उपचार की समुचित व्यवस्था के निर्देश
शासकीय चिकित्सा संस्थानों में सर्पदंश के उपचार के लिए आवश्यक दवाइयाँ, उपकरण और पर्याप्त मात्रा में एंटी-वेनम स्टॉक सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला अस्पतालों में नागरिकों को प्राथमिक उपचार, चेतावनी संकेत, तथा सर्पदंश से संबंधित संपूर्ण प्रक्रिया की जानकारी देने वाले सूचना बोर्ड प्रदर्शित करने के लिए कहा गया है।
आपदा प्रबंधन योजना में सर्प-दंश को शामिल कर बनायें योजना
जिलों को निर्देशित किया गया है कि वे जिला आपदा प्रबंधन योजना में सर्प-दंश को स्थानीय आपदा के रूप में शामिल करें। इसके तहत पूर्व वर्षों की घटनाओं का जोखिम मूल्यांकन, प्रभाव क्षेत्र और प्रभावित वर्गों की पहचान कर एसओपी तैयार किया जाए। जीआईएस आधारित मैपिंग करते हुए डिजिटल डाटाबेस बनाया जाए, जिसमें घटनाओं की संख्या, स्थान, सांप की प्रजाति, एवं मृत्यु/रोगी की जानकारी सहेजी जाए।
सर्पदंश से बचाव के लिए सावधानियाँ एवं सलाह
जन सामान्य को सलाह दी गई है कि वे वर्षा ऋतु में विशेष सतर्कता बरतें। खेतों में कार्य करते समय जूते-मोज़े पहनें, गहरे रंग के कपड़े पहनें और हाथों में दस्ताने लगाएं। झाड़ियों, पुआल के ढेर, लकड़ी के गट्ठर आदि स्थानों में काम करने से पहले वहां डंडे या लाठी से हल्का प्रहार करें। अंधेरे में टॉर्च का उपयोग करें और बच्चों को बिना देखरेख खुले स्थानों पर न भेजें। घर के आसपास साफ-सफाई रखें, झाड़ियाँ काटें और कूड़ा-कचरा हटाएं।घरों की दीवारों में मौजूद दरारें बंद करें और खुले में सोने से परहेज़ करें। यदि किसी को सर्प ने डस लिया हो तो घबराएं नहीं, शरीर को शांत रखें और तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल पहुँचें। घाव को चाकू से काटना, चूसना या उस पर कोई रसायन लगाना अत्यंत हानिकारक है। झाड़-फूंक, टोना-टोटका या तांत्रिक क्रियाओं में समय न गंवाएं। यह समय जीवन रक्षक हो सकता है, इसलिए हर क्षण अमूल्य है।
सर्पदंश ग्रसित व्यक्ति को यथाशीघ्र अस्पताल ले जाएं। यदि संभव हो तो सांप का रंग, लंबाई या कोई चित्र याद रखें लेकिन उसे मारने या पकड़ने का प्रयास न करें, क्योंकि इससे और खतरा हो सकता है। कई बार सांप विषैला नहीं भी होता, पर उपचार में देर जानलेवा साबित हो सकती है। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे सर्प-दंश से संबंधित इस आपदा को गंभीरता से लें। शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंध तभी प्रभावी होंगे जब नागरिक स्वयं भी सावधानी बरतेंगे, समय पर उपचार लेंगे और जागरूकता फैलाने में सहयोग करेंगे। संयुक्त प्रयासों से ही सर्पदंश से होने वाली जनहानि को नियंत्रित किया जा सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129