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#धमाका_बड़ी_खबर: पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच हुआ एमओयू , मध्य प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाएं, खुलेंगे उन्नति के नए द्वार : उपमुख्यमंत्री शुक्ल

शुक्रवार, 27 जून 2025

/ by Vipin Shukla Mama

- लखनऊ में म.प्र. टूरिज्म बोर्ड के भव्य रोड शो का सफलतापूर्वक समापन
- पर्यटन व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के हितधारक हुए शामिल 
- पर्यटन मंत्री श्री धर्मेंन्द्र लोधी एवं प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने आगंतुकों को प्रदेश की पर्य़टन विशेषताओं से किया अवगत 
भोपाल/लखनऊ। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल व्यवसाय से जुड़े हितधारकों के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावे के उद्देश्य से मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा लखनऊ के होटल ताज महल में पर्य़टन रोड शो का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह रोड शो आगामी माह में होने वाले मध्य प्रदेश ट्रैवल मार्ट और रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की तैयारियों के दृष्टिगत आयोजित किया गया। इस रोड शो में मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल और विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश शासन के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग श्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी, उत्तर प्रदेश शासन के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह रहे। ख्यात अभिनेता श्री पंकज त्रिपाठी, म.प्र. पर्यटन एवं संस्कृति विभाग प्रमुख सचिव व म.प्र. टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री शिव शेखर शुक्ला तथा उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग श्री मुकेश कुमार मेश्राम की गरिमामय उपस्थिति रही। इस अवसर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से श्री राम पथ गमन, श्री कृष्ण पाथेय और बुद्ध सर्किट के अनुसंधान और विकास की दृष्टि से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया।  
मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि किसी क्षेत्र में यदि औद्योगिक क्रांति, हरित क्रांति और पर्यटन क्रांति आ जाये तो उस क्षेत्र का विकास तीव्र गति से होता है। ऐसे क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर सृजित होते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में अधोसंरचना विकास, पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण एवं प्रोत्साहन और पर्यटन क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ावा देकर सुनियोजित एवं एकीकृत प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से आज मध्यप्रदेश पर्यटन क्षेत्र में असीम क्षमता और निवेश का आकर्षक क्षेत्र बन गया है।
पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि पर्यटन किसी भी राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक विकास की रीढ़ है। वर्तमान में पर्यटन उद्योग वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में पर्यटन अधोसंरचनाओं के निर्माण और पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए सतत प्रयास किए जा रहे है।  मध्यप्रदेश, अपनी प्राकृतिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक और धार्मिक संपदा के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति और निवेश के अवसरों पर चर्चा करते हुए, सभी को मध्यप्रदेश आने और प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए आमंत्रित किया।
उत्तर प्रदेश शासन के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश का सांस्कृतिक रूप से जुड़ाव रहा है। हमारे रीति–रिवाज, त्यौहार, खान–पान, रिश्ते–नाते एक जैसे हैं। मां गंगा से मांं नर्मदा तक की यह यात्रा न केवल पर्यटकों को सुखद अनुभूति प्रदान करेगी बल्कि हमें एक–दूसरे को और संबंधों को भी प्रगाढ़ करेगी।  
*गंगा-नर्मदा कॉरिडोर से खुलेगी पर्यटन की नई राह
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड श्री शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश भारत का एक समृद्ध और विविधतापूर्ण राज्य है। उत्तर प्रदेश और म.प्र. के पर्यटन में काफी समानता है। बाबा महाकाल और बाबा काशीविश्वनाथ दुनियाभर के श्रृद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। दोनों ही ज्योर्तिलिंग को जोड़ने के लिये काशी विश्वनाथ महाकाल एक्सप्रेस संचालित होती है। गंगा और नर्मदा पर्यटन कॉरिडोर प्रस्तावित परियोजना के तहत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ा जाएगा। प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर से गुजरने वाले इस गलियारे  में दोनों राज्यों के बीच पर्यटन सहयोग को बढ़ावा मिलेगा, पर्यटकों को एक समृद्ध और विविध अनुभव मिलेगा साथ ही धार्मिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और विरासत पर्यटन को आकर्षित में सहयोग प्राप्त होगा। 
श्री शुक्ला ने कहा, प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक संपदा, ऐतिहासिक धरोहरें और वन्यजीव विविधता, पर्यटकों को एक सम्पूर्ण अनुभव प्रदान करती हैं। मध्य प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करा चुका है। पर्यटन, सिर्फ अर्थव्यवस्था नहीं, सांस्कृतिक जुड़ाव और सामाजिक समावेश का भी माध्यम है। पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जो स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाता है, रोजगार के अवसर उत्पन्न करता है और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करता है। मध्य प्रदेश में पर्यटन सिर्फ स्थलों की यात्रा नहीं, बल्कि अनुभवों की यात्रा है। मध्य प्रदेश आपका स्वागत करता है, न केवल एक डेस्टिनेशन के रूप में, बल्कि साझेदार के रूप में भी। विश्व के पर्यटन मानचित्र पर मध्य प्रदेश को स्थापित करने में आप सभी का सहयोग अपेक्षित है। 
*हितधारकों ने किया मंथन
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के ट्रैवल ऑपरेटर्स, होटल व्यवसायियों और टूरिज़्म स्टेकहोल्डर्स के बीच द्विपक्षीय संवाद और व्यावसायिक संभावनाओं पर चर्चा की। यह सत्र न केवल क्षेत्रीय पर्यटन के विकास के लिए, बल्कि राष्ट्रीय पर्यटन समृद्धि के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ।
*मध्य प्रदेश की है समृद्ध सांस्कृतिक विरासत
रोड शो में मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया गया। इस दौरान प्रदेश की प्राकृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और ग्रामीण पर्यटन स्थलों की झलक दिखाई गई।
गौरतलब है कि वर्ष 2024 में 13.41 करोड़ पर्यटक मध्य प्रदेश पहुंचे हैं। धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के रूप में बाबा महाकाल, ओंकारेश्वर, चित्रकूट, मैहर और नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में 3 स्थायी और 15 टेंटेटिव सूची में कुल 18 यूनेस्को धरोहरें हैं। स्थायी सूची में खजुराहो के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं और सांची स्तूप शामिल हैं। प्रदेश को ग्रीन, क्लीन और सेफ मध्य प्रदेश को "टाइगर स्टेट", "लेपर्ड स्टेट", "घड़ियाल स्टेट", "चीता स्टेट" और "वल्चर स्टेट" के रूप में जाना जाता है। मध्य प्रदेश में देश का सबसे अधिक वन क्षेत्र है और मध्य प्रदेश का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों के लिए एक अनमोल खजाना है। पचमढ़ी, अमरकंटक, भेड़ाघाट, हनुवंतिया, गांधीसागर, तामिया, सैलानी आइलैंड और सरसी आइलैंड जैसे स्थल प्राकृतिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र हैं।  आदिवासी समुदायों की कला जैसे गोंड, भील पेंटिंग और मांडना आर्ट पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं। मध्य प्रदेश की फिल्म पर्यटन के क्षेत्र में भी एक विशिष्ट पहचान बनी है। 
*उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की सहज कनेक्टिविटी
उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश की यात्रा पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक हो गई है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे लखनऊ, वाराणसी, आगरा, कानपुर और प्रयागराज मध्य प्रदेश के ग्वालियर, खजुराहो, भोपाल, इंदौर और जबलपुर से हवाई यात्रा सुलभ है। इसके साथ ही रेल मार्ग से रीवा, ओरछा, ग्वालियर खजुराहो जुड़े हुए हैं। मध्य प्रदेश पहुंचने के बाद पर्यटकों के लिए मजबूत सड़क नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध है, जिससे राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों तक सरल एवं कम समय में सुविधापूर्वक यात्रा की जा सकती है। 
*विश्व स्तरीय आतिथ्य सत्कार- लग्जरी से लेकर होमस्टे तक
मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार की आवास सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो पर्यटकों की अलग-अलग पसंद के अनुसार हैं। लग्जरी रिसॉर्ट्स में ताज, मैरियट, रेडिसन, रामाडा, द पार्क और क्लेरियन इन जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में मौजूद हैं। इसके अलावा भव्य हवेलियों और राजसी महलों में बने हेरिटेज होटल शाही ठाट-बाट का अनुभव कराते हैं। ग्रामीण परिवेश का आनंद पर्यटकों को दिलाने के लिए होम स्टे का निर्माण कराया गया है। प्रदेश में 2 ज्योतिर्लिंग, 12 राष्ट्रीय उद्यान और 9 टाइगर रिजर्व सहित कई शीर्ष पर्यटन स्थल हैं, जो पर्यटकों के लिए सतत आकर्षण का केंद्र हैं। 
*पर्यटन व हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं
प्रदेश की नई पर्यटन नीति 2025 निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन और पारदर्शी प्रक्रियाएं प्रदान करती है। इस नीति के तहत, निवेशकों को भूमि पार्सल, वे साइड एमेनिटीज़ और विरासत संपत्तियों का आवंटन ई-निविदा प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है। 90 साल के पट्टे पर भूमि उपलब्ध है। निवेशकों को स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क की प्रतिपूर्ति भी की जाती है। इसके अलावा, ₹100 करोड़ या उससे अधिक के निवेश वाले अल्ट्रा-मेगा पर्यटन परियोजनाओं के लिए सरकार सीधे भूमि आवंटित कर सकती है। 
*फिल्म निर्माण का केंद्र
फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फिल्म सुविधा प्रकोष्ठ (FFC) की स्थापना की गई है, जो एकल विंडो सिस्टम के माध्यम से सुलभता से अनुमति प्रदान करता है। मध्य प्रदेश में नीति लागू होने के बाद अब तक 350 से अधिक फिल्म परियोजनाओं की शूटिंग की जा चुकी है। प्रदेश में फिल्म अनुमति को समय–सीमा में प्रदान किए जाने हेतु लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत शामिल किया गया है।  
*पर्यटकों के लिए संपूर्ण सहायता
मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा तैयार की गई विस्तृत यात्रा योजनाएं और मान्यता प्राप्त टूर ऑपरेटरों की सूची राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।अनुभवी यात्रा विशेषज्ञ पर्यटकों का मार्गदर्शन करते हैं, जिससे उनकी यात्रा सुखद, आसान और यादगार बनती है।

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