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धमाका_बड़ी_खबर: सौगंध खाने वाले पार्षद बोले, "नगर पालिका के तीन चौथाई पार्षद अब एक जुट, अविश्वास प्रस्ताव लाकर गायत्री शर्मा को अध्यक्ष पद से हटाएंगे", video

रविवार, 22 जून 2025

/ by Vipin Shukla Mama

(विपिन शुक्ला के साथ ऋषि शर्मा की रिपोर्ट)
SHIVPURI शिवपुरी। नगर पालिका शिवपुरी में अध्यक्ष गायत्री शर्मा को हटाने की कसम खाने वाले पार्षद आज होटल स्टार गोल्ड में पार्षद गौरव सिंघल के बुलाने पर एक जुट हुए। इस दौरान प्रेसवार्ता में रामजी व्यास और राजू गुर्जर ने दावा किया कि नगर पालिका के तीन चौथाई पार्षद अब एकजुट हो चुके हैं और जल्द ही अविश्वास प्रस्ताव लाकर गायत्री शर्मा को अध्यक्ष पद से हटाया जाएगा। उन्होंने दोहराया कि बगीचा सरकार में खाई गई शपथ को निभाएंगे और शिवपुरी की नगर पालिका में नेतृत्व परिवर्तन निश्चित है। स्टार गोल्ड में हुई प्रेस वार्ता में पार्षद और पतियों में करैरा के बगीचा सरकार हनुमान मंदिर पर कसम खाकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा करने वाले पार्षद शामिल थे जबकि एक दूसरी गोठ मड़ीखेड़ा डेम पर अध्यक्ष की तरफ से किसी ठेकेदार द्वारा आहूत किए जाने की जानकारी मिली है जिसमें चंद पार्षद शामिल हुए। 
बता दें कि पार्षद गौरव सिंघल को पीआईसी से अध्यक्ष ने पत्र थमाते हुए बाहर का रास्ता दिखाया जिसके चलते आज उन्होंने मीडिया के सामने दाल बाटी के साथ अपना पक्ष रखा। आइए जानिए किसने क्या कहा। 
सिंधिया जी हमारे नेता, अध्यक्ष को हटाना अंतिम लक्ष्य, नहीं तो इस्तीफा तय
पत्रकार वार्ता में शामिल पार्षद पति रत्नेश जैन डिम्पल ने साफ साफ कहा है कि केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हमारे सम्मानीय नेता हैं। लेकिन यदि वह भी अध्यक्ष को न हटाने के लिए हमसे कहते हैं तो उनकी बात भी हम नहीं मानेंगे। यदि हम श्री सिंधिया को अध्यक्ष को हटाने के लिए सहमत नहीं कर पाए तो अपने-अपने पद से इस्तीफा अवश्य दे देंगे। परन्तु हमें विश्वास है कि श्री सिंधिया हमारी बात अवश्य मानेंगे।
सभी पार्षद एकजुट हैं। गायत्री शर्मा को अध्यक्ष पद से हटाने के लिए कटिबद्ध: राजू गुर्जर
नगर पालिका एक्ट के बिंदुओं को मुखाग्र याद रखने वाले इंटेलिजेंट पार्षद राजू गुर्जर ने
पत्रकारों से कहा कि अब सभी पार्षद एकजुट हैं। गायत्री शर्मा को अध्यक्ष पद से हटाने के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि 24 जून को सिंधिया से मिलकर एक नए महिला पार्षद को अध्यक्ष बनाने की पहल की जाएगी। राजू गुर्जर ने कहा कि वे फौजी के बेटे हैं और गुर्जर समाज से आते हैं, ऐसे में धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने गायत्री शर्मा पर आरोप लगाया कि उनके पति और पुत्र भी अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया बाधित हो रही है। मैं एक फौजी का बेटा हूं और सीधी सच्ची राजनीति करता हूं। भगवान में मुझे विश्वास हैं। मैने करैरा में बगीचा बाले हनुमान मंदिर के समक्ष शपथ ली है कि अध्यक्ष को हटाने में हम सफल नहीं रहे तो हम इस्तीफा दे देंगे। इसलिए किसी की बात तो मैं नहीं करता लेकिन नपाध्यक्ष को हटाने की हमारी मुहिम सफल नहीं हो पाई तो कम से कम मैं अवश्य इस्तीफा दे दूंगा। कोई चाहे दे या न दे। उनके इतना कहते ही वहां मौजूद सभी पार्षद और उनके परिजन बोले की हम भी इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने बीजेपी जिलाध्यक्ष जसमंत जाटव को लेकर कहा कि तीन साल में किसी अध्यक्ष ने हमारी बात को सुना ये अच्छी बात है। यही बात रामजी व्यास ने भी कही। 
अध्यक्ष बनने के बाद गायत्री शर्मा ने भाजपा पार्षदों की अनदेखी की और पार्टी की निष्ठा के बावजूद काम नहीं करवाए : रामजी व्यास
नपा उपाध्यक्ष सरोज व्यास के पति रामजी व्यास ने भी नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा गायत्री शर्मा को पार्टी के कहने पर निर्विरोध अध्यक्ष बनाया था। लेकिन तीन साल में वार्डों में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि अध्यक्ष बनने के बाद गायत्री शर्मा ने भाजपा पार्षदों की अनदेखी की और पार्टी की निष्ठा के बावजूद काम नहीं करवाए। रामजी व्यास ने केन्द्रीय मंत्री सिंधिया के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए कहा कि नपाध्यक्ष को हटाने के लिए वह उनके समक्ष 24 जून को अपनी बात रखेंगे और उन्हें बताऐंगे कि किस तरह से नपाध्यक्ष का बना रहना शहर के विकास के लिए घातक है। जब उनसे पूछा गया कि यदि सिंधिया जी उन्हें नपाध्यक्ष को बनाए रखने के लिए कहेंगे तो क्या वह मान जाऐंगे। इस पर हिचकिचाते हुए उन्होंने कहा कि श्री सिंधिया जी का आदेश हमें स्वीकार्य होगा।
गौरव सिंघल बोले, मैं नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा का यश मैन नहीं था और उनके गलत कामों का विरोध करता था। इसी बजह से मुझे पद से हटाया गया 
 पार्षद गौरव सिंघल ने कहा कि कौन पीआईसी में रहे और कौन नहीं यह विशेषाधिकार नपा अध्यक्ष गायत्री शर्मा का है लेकिन किसी भी पीआईसी मेम्बर को यदि उन्हें हटाना है तो उसके सम्मान का ध्यान रखना चाहिए था, लेकिन मुझे पीआईसी से हटाने में मेरे सम्मान का कोई ध्यान नहीं रखा गया। न तो मुझ से पीआईसी से इस्तीफा देने का कहा गया और न ही हटाने से पहले मुझे सूचित किया गया। मुझे हटाने के लिए नियमों का भी पालन नहीं किया गया। श्री सिंघल ने साफ साफ कहा कि अब वह खुलकर अध्यक्ष विरोधी पार्षदों के साथ हैं और यदि नपाध्यक्ष ने इस्तीफा नहीं दिया तो बगीचा सरकार हनुमान मंदिर के समक्ष अध्यक्ष को हटाने की शपथ लेने वाले पार्षदों के साथ वह भी पार्षद पद से इस्तीफा दे देंगे। श्री सिंघल ने नपाध्यक्ष और उनके पति के खिलाफ आरोपों की झड़ी लगा दी और नपाध्यक्ष पर भ्रष्टाचार तथा अनियमित्ता के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पीआईसी में होने के बाद भी मैं नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा का यश मैन नहीं था और उनके गलत कामों का विरोध करता था। इसी बजह से मुझे पद से हटाया गया है। पत्रकार वार्ता में गौरव सिंघल ने कहा कि पीआईसी में नियम विरूद्ध कार्य हो रहे थे और मैने उनका विरोध किया। उन्होंने बताया कि पीआईसी को 40 लाख रूपए तक के कार्यों को स्वीकृत करने का अधिकार हैं, लेकिन पीआईसी में वे सभी कार्य शामिल किए गए जो 39 लाख से अधिक लेकिन 40 लाख से कम थे। मुझ पर यह आरोप लगाया गया कि मैं नामांतरण में अडंगे लगाता हूं परन्तु यह आरोप गलत है। पीआईसी में एक ही वार्ड के 9 कार्य स्वीकृत कर दिए गए जबकि अधिकांश वार्डों में एक भी कार्य स्वीकृत नहीं हुआ। इसका भी मैने विरोध किया और उक्त वार्ड के पार्षद ने मुझे आधी रात को फोन लगाकर कहा कि तुमने मेरे स्वीकृत कार्यों का विरोध किया है। इसी कारण मुझे नियम विरूद्ध तरीके से पीआईसी से हटाया गया है। श्री सिंघल ने कहा कि अब वह अध्यक्ष को हटाने की मुहिम के साथ है और यदि समय रहते अध्यक्ष को नहीं हटाया गया तो अन्य पार्षदों की तरह वह भी अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। पार्षद गौरव सिंघल ने कहा कि मुझे हटाने के लिए नियमों का पालन नहीं किया गया। जब मुझे तीन साल पहले पीआईसी मेम्बर बनाया गया था तो मुझे सीएमओ ने नियुक्ति का पत्र जारी किया था। जबकि इस बार स्वयं नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा ने पत्र जारी कर आरोप लगाया कि मैं पीआर्ईसी की बैठक में नियमित रूप से उपस्थित नहीं होता तथा अनुशासनहीनता करता हूं इसलिए पद से हटाया जाता है जबकि गायत्री शर्मा को मुझे पद से हटाने के लिए सीएमओ को पत्र लिखना था और सीएमओ मुझे पद से हटाने का पत्र जारी करते। दूसरी बात यह है कि मुझे हटाने से पहले ही मट्टू खटीक को पीआईसी मेम्बर बना दिया गया। नियमानुसार उनकी नियुक्ति गलत है और मैं अभी भी पीआईसी मेम्बर हूं।
सिंधिया से करेंगे शिकायत
गौरव सिंघल ने कहा कि वे इस मामले को लेकर कलेक्टर से अपील करेंगे और शिवपुरी विधायक देवेंद्र जैन से भी चर्चा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि 24 जून को वे अन्य पार्षदों के साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से दिल्ली में मुलाकात करेंगे और नगर पालिका में व्याप्त अनियमितताओं की जानकारी देंगे।
ओमी जैन ने कहा तीन सीएमओ सभी खराब
पार्षद ओमी जैन ने कहा कि अपना मकसद हल नहीं हुआ तो सीएमओ शैलेश अवस्थी को हटवाया, फिर सगर को हटवाया अब इशांक धाकड़ खराब हैं जबकि मेरी नजर में तीनों इंटेलिजेंट हैं। 
पार्षद पति अनिल बघेल ने साधा ठेकेदार पर निशाना
पार्षद पति अनिल बघेल ने कहा कि एक ठेकेदार अपित शर्मा पूरी नपा को चला रहा है। पूरे ठेके लेकर काम नहीं करता। पार्षदों को फोन करके बरगलाता है।
ये पार्षद थे मौजूद 
पत्रकार वार्ता में नपा उपाध्यक्ष सरोज व्यास के पति रामजी व्यास, पार्षद विजय बिंदास, पार्षद राजू गुर्जर, पार्षद ओमी जैन, पार्षद संजय गुप्ता पप्पू, ताराचंद राठौर, पार्षद पति सीटू सड़ैया, पार्षद पति बाईसराम धाकड़, पार्षद राजा यादव, पार्षद पति गोपी शर्मा, पार्षद पति अनिल बघेल, पार्षद पति रत्नेश जैन आदि पार्षद भी मौजूद थे। इधर वार्ड 7 के पार्षद अरविंद ठाकुर ने किया गौरव सिंघल पर फेसबुक बार, पढ़िए
दूसरे वार्णों के निर्माण कार्य रोक कर अपनी महत्वाकांक्षाएं PIC नगर पालिका में सरोकार करने की कोशिश की जा रही थी आज दिनांक तक पूर्ण शहर नामांतरण के नाम पर त्राहिमाम कर रहा था तब यह महोदय कभी भी सामने नहीं आए क्योंकि रेवड़ियां खा रहे थे आज जब महोदय उस पद पर नहीं रहे तो विकास के नाम का बच्चा याद आ गया और 50 से ₹60 हजार रुपए खर्च कर डालें जो की जनता के टैक्स के पैसे कमाए हुए थे महोदय बहुत ज्यादा बोल रहे थे की एक वार्ड की फाइल बहुत ज्यादा थी महोदय से मैं पूछना चाहता हूं की किस कार्य कि थी क्योंकि ठेकेदार बदल रहे थे और नियम के तहत बार-बार PIC में फाइल रखी जा रही थी बहुत सारे पत्रकारों के द्वारा भी वार्ड नंबर 7 की गंभीर स्थिति के बारे में अवगत कराया जा रहा था महोदय को कभी भी दूसरे वार्णों का दर्द नहीं हुआ क्या दूसरे वार्ड में जनता नहीं रहती है। क्या उन्होंने जनहित में अपना मत का प्रयोग नहीं किया था मेरा वार्ड बहुत गंभीर स्थिति में है मैं सभी जनप्रतिनिधियों को अवगत करा चुका हूं और अगर इस प्रकार दबाव डालकर वार्ड के विकास कार्य रोक जा रहे थे तो यह कृत्य बहुत ही निंदनीय था महोदय तो खुद के वार्ड का भी विकास नहीं कर पाए और बोल रहे थे कि मेरे वार्ड के लिए तो 10 करोड रुपए चाहिए थे एवं सिर्फ एक करोड़ का ही कार्य हुआ है। जबकि यह बोलने की उनकी मजबूरी थी क्योंकि यह बहुत कुछ कार्य फाइलों में करवा चुके हैं। महोदय सिंडिकेट में मिलकर अपनी इच्छा पूर्तियों में लगे थे और महोदय ने एक-एक लाख रुपए की फाइल सबसे ज्यादा लगवा कर अपने वार्ड में विकास किया है। जिसकी चर्चा विधायक जी द्वारा विधानसभा में की गई और इसको रुकवाया गया। धन्य महोदय आपने कितनी तत्परता से पद जाने पर कॉन्फ्रेंस कर डाली और अगर इतनी तत्परता से नामांतरण आपके द्वारा करवाए जाते तो यह नौबत नहीं आती क्योंकि आप तो अपने कार्य करवा रहे थे और जनता त्राहि माम त्राहिमाम कर रही थी। महोदय यह भी बोल रहे थे कि उनके साथ बातचीत के दौरान अभद्रता की गई है महोदय बता सकते हैं क्या अभद्रता की थी और अगर बता सकते हैं तो कृपया सार्वजनिक कर दें नहीं तो मेरे द्वारा की जाएगी क्योंकि आपने सार्वजनिक तौर पर मेरे ऊपर अभद्रता का इल्जाम लगाया है।
इधर एडवोकेट संजीव बिलगैया ने चेताया तो अध्यक्ष पति ने मांगी माफी, लोग बोले, बजरंग बली तो बहुत बड़े उनके चेले ही बड़बोलों के लिए काफी
बता दें कि नपाध्यक्ष गायत्री के पति संजय शर्मा ने सौगंध खाने वाले पार्षद ओमी जैन और राजू गुर्जर को मोबाइल पर धमकाया था। इसी बातचीत में उन्होंने कहा कि बजरंग बली क्या उनके पिताजी भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते। इस तरह की भाषा को लेकर कई लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। इसी बीच एडवोकेट संजीव बिलगैया ने एक पत्र जारी किया था जिसके बाद अध्यक्ष पति ने वायरल ऑडियो के संबंध में  माफी मांगी है। उन्होंने सफाई दी है कि
कल सोशल मीडिया पर पार्षद राजू गुर्जर और पार्षद पति संजय शर्मा का एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमें संजय शर्मा यह कहते हुए नजर आए थे कि हनुमान जी तो क्या हनुमान जी के पिता जी की कसम खा लेना। उनका आशय यह था कि उन्हें कोई नहीं हटा सकता उक्त ऑडियो वायरल होने के बाद अध्यक्ष पति को सोशल मीडिया पर प्रताडऩा मिलना शुरू हो गई थी अभिभाषक संजीव बिलगैंया ने बयान जारी कर कहा था कि हमारे आराध्य देव हनुमान जी के बारे में इस तरह की बातें करने से हमारी धार्मिक भावनाऐं आहत हुई है। इसके लिए अध्यक्ष पति माफी मांगें। इसेक बाद संजय शर्मा पीछे हटे और उन्होंने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया कि मेरी भगवान में आस्था हैं और उसी अनुरूप हम कर्म करते हैं। मेरा आशय यह था कि यदि हम सही काम करते हैं तो कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इसीलिए मैने ऑडियो में उक्त बात कहीं थी लेकिन इससे किसी की धार्मिक भावना को चोट लगी है तो मैं उसके लिए क्षमा मांगता हूं।

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