Responsive Ad Slot

Latest

latest

#धमाका_धर्म: श्री पीतांबरा पीठ, 209 साधक एक साथ राष्ट्र रक्षार्थ सामूहिक जप यज्ञ में जुटे

मंगलवार, 8 जुलाई 2025

/ by Vipin Shukla Mama
* साल में 2 बार पीठ के साधक पूज्यपाद के विग्रह के समक्ष करते हैं सामूहिक रूप से जप यज्ञ
* अलग अलग शहरों से आते हैं माई के भक्त
Datia दतिया। श्री पीतांबरा पीठ का मणिपुर धाम। यहां पूज्यपाद का विग्रह प्राण प्रतिष्ठित है। इन दिनों आम दर्शनार्थियों के लिए बंद है। कारण पूरा धाम साधकों से भरा है। साधक यहां राष्ट्र की रक्षा के लिए सुबह से माई की शयन आरती तक जप में लीन रहते हैं। उनके जप में खलल न पड़े। इसलिए इस धाम में पांच दिनों के लिए आम दर्शनार्थी का प्रवेश बंद कर दिया जाता है। 5 जुलाई से जप यज्ञ शुरू हो गया था। 9 जुलाई को इसका समापन होगा। 10 जुलाई को गुरु पादुका पूजन के बाद सभी साधक अपने अपने गंतव्य की ओर रवाना हो जाएंगे।
मालूम हो कि पीठ के पीठाधीश्वर पूज्यपाद स्वामी जी महाराज ने चीन के साथ सन् 1962 में हुए युद्ध के दौरान राष्ट्र रक्षार्थ अनुष्ठान कराया था। अनुष्ठान के समापन के साथ ही चीनी सेनाएं वापस हो गई थी। तब से पीठ पर राष्ट्र रक्षार्थ अनुष्ठान की परंपरा जारी है। पूज्यपाद स्वामी जी महाराज द्वारा कराए गए अनुष्ठान की तिथि पर वर्षगांठ के रूप में तो पीठ पर हर साल अनुष्ठान होता ही है। लगभग 15 साल से यहां से मंत्र दीक्षा प्राप्त साधक भी स्वयं इस परंपरा को बनाए हुए है। इस बार 5 जुलाई से जप यज्ञ शुरू हुआ था। देश के कोने कोने से आए 209 साधक इसमें शामिल है। सुबह से माई से प्रार्थना करने के बाद साधन जप में लीन हो जाते है। मई की शयन आरती तक लीन रहते है। कुछ साधक रात्रि जागरण कर भी साधना में लीन है।
साल में दो बार होता है पांच दिवसीय मंत्र जप यज्ञ
पीठ के आचार्य पंडित विष्णुकांत मुड़िया ने बताया कि पीठ पर साल में दो बार साधकों द्वारा जप यज्ञ किया जाता है। एक माघ माह की गुप्त नवरात्र में, दूसरा आषाढ़ माह में। गुप्त नवरात्र में होने वाला जप यज्ञ 4 दिवसीय होता है। इसमें साधक जप के माध्यम से मां पीतांबरा से राष्ट्र की रक्षा की प्रार्थना करते है। इसका समापन बसंत पंचमी के एक दिन पहले हो जाता है। दूसरा आषाढ़ माह में होता है। इसमें साधक मंत्र जप के माध्यम से पूज्यपाद स्वामी जी महाराज से राष्ट्र रक्षा की प्रार्थना करते है। यह पांच दिवसीय होता है। गुरु पूर्णिमा के एक दिन पहले इसका समापन कर दिया जाता है। जप यज्ञ में प्रतिदिन साधकों को संकल्प कराया जाता है। संकल्प में राष्ट्र के सभी दुश्मन देशों से राष्ट्र की रक्षा के साथ मानव जाति के हितार्थ प्रार्थना को शामिल किया जाता है। साधक एक निश्चित मात्रा में जप यज्ञ करते है। साधकों की संख्या के हिसाब से यह मात्रा तय की जाती है। पंडित मुड़िया के अनुसार अनुष्ठान या यज्ञ में होने वाले जप की संख्या बताना ठीक नहीं रहता है।
निरंतर बढ़ रही साधकों की संख्या
पीठ से मंत्र दीक्षा प्राप्त करने वाले साधकों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। बता दें कि पीठ पर चैत्रीय व शारदीय नवरात्र के अलावा दोनों गुप्त नवरात्र में मंत्र दीक्षा दी जाती है। इसके लिए विधिवत आवेदन करना होता है। चयन के बाद पूज्यपाद स्वामी जी महाराज के समक्ष पीठ के आचार्य द्वारा मंत्र प्रदान किया जाता है। आचार्य को सिर्फ माध्यम माना जाता है। मंत्र लेने वाले शिष्य के गुरु पूज्यपाद स्वामी जी महाराज होते हैं। देश भर में पीठ से मंत्र दीक्षा प्राप्त साधकों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। यही कारण है कि पीठ पर साधना करने आने वाले साधकों की संख्या बढ़ रही है।

कोई टिप्पणी नहीं

एक टिप्पणी भेजें

© all rights reserved by Vipin Shukla @ 2020
made with by rohit Bansal 9993475129