रिपोर्ट में यह बताया गया है कि आतंकी संगठन अब पारंपरिक फंडिंग तरीकों के साथ-साथ डिजिटल माध्यमों जैसे ऑनलाइन पेमेंट, गेमिंग प्लेटफॉर्म्स, सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स, सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स साइट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आतंकवाद से जुड़ी फंडिंग (TF) की रणनीतियां एक जैसी नहीं होतीं, बल्कि अलग-अलग जगहों पर, अलग परिस्थितियों के हिसाब से अलग तरीके अपनाए जाते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत से देशों में आतंकवाद की फंडिंग को समझने और रोकने की क्षमता में अब भी बड़ी कमियां हैं, और अगर इन्हें समय पर ठीक नहीं किया गया तो आतंकी संगठन मौजूदा कमजोरियों का फायदा उठाते रहेंगे। इसमें यह बताया गया है कि किस तरह आतंकी संगठन अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल सिस्टम का इस्तेमाल अपनी गतिविधियों को जारी रखने और हमले करने के लिए करते हैं।
FATF ने दुनियाभर की सरकारों और डिजिटल कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे इन प्लेटफॉर्म्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए ठोस उपाय करें, क्योंकि ये अब आतंकी संगठनों के लिए एक नया और प्रभावशाली जरिया बनते जा रहे हैं।
आत्मघाती आतंकी जीप लेकर जा घुसा था काफिले में
14 फरवरी 2019 को CRPF का एक काफिला श्रीनगर-जम्मू हाईवे से गुजर रहा था। जब काफिला पुलवामा के पास पहुंचा था, तभी एक आत्मघाती आतंकी 200 किलो विस्फोटक से भरी मारुति ईको कार लेकर काफिले में घुस गया। विस्फोट इतना तेज था कि सुरक्षाबलों को ले जा रही 2 बसों के परखच्चे उड़ गए। इसमें 40 जवान शहीद हुए थे। भारत सरकार की जांच में यह सामने आया कि यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने करवाया था।
जांच में पता चला कि हमले में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक भारत में सीमा पार से लाए गए थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि हमले में इस्तेमाल हुए बम में जो एल्यूमीनियम पाउडर डाला गया था, जो धमाके को और ज्यादा घातक बनाने के लिए इस्तेमाल हुआ, वह अमेजन से ऑनलाइन खरीदा गया था।
दूसरा हमला गोरखनाथ मंदिर पर हुआ
FATF की रिपोर्ट में दूसरा उदाहरण यूपी के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर पर 4 अप्रैल 2022 में हुए हमले का दिया गया। इसमें एक शख्स ने वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों पर धारदार दरांती से हमला किया था। इसमें जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था।
इस घटना में दोषी शख्स मुर्तजा अब्बासी के पास से पुलिस को मजहबी किताब, धारदार हथियार, उसके मोबाइल और लैपटॉप से मिले जेहादी वीडियो आदि मिले थे।
FATF ने इस मामले की जांच में पाया कि हमलावर ने विदेशों में PayPal के जरिए लगभग 6.7 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। साथ ही, उसने VPN का इस्तेमाल करके अपना IP एड्रेस छिपाया और अपने ट्रांजैक्शन को गुप्त रखा। इन लेन-देन की संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए PayPal ने उसका अकाउंट बंद कर दिया, जिससे आगे अवैध पैसे का उपयोग रोका जा सका।

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