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#धमाका_बड़ी_खबर: नगरपालिका में एडीएम शुक्ला ने जांच पूरी कर कलेक्टर को सौंपी रिपोर्ट, घोटाले की खान नपा से साढ़े 4 करोड़ वाली रोड रेस्टोरेशन सहित कई फाइलें गायब, सरकारी डीजल पीकर दौड़ रहीं नेताओं की गाड़ियां!

गुरुवार, 10 जुलाई 2025

/ by Vipin Shukla Mama
एडीएम ने कहा, मैने जांच पूरी करके कलेक्टर को दे दी है
शिवपुरी। नगरपालिका शिवपुरी की जांच कर रहे एडीएम दिनेशचंद्र शुक्ला ने जांच पूरी करके रिपोर्ट कलेक्टर रवीन्द्र कुमार को सौंप दी है। जांच में शामिल नगरपालिका की  फाइलें पूरी नहीं मिल पाईं, जिसमें साढ़े 4 करोड़ की रोड रेस्टोरेशन की फाइल भी शामिल है। यानि कि अब जांच रिपोर्ट देखने के बाद अगला स्टेप कलेक्टर को लेना है, वहीं जनप्रतिनिधियों को जानकारी देकर सही तथ्य सामने रखने हैं। 
बगीचा सरकार की कसम बनी जांच का विषय
शिवपुरी नगरपालिका में नपाध्यक्ष और पार्षदों के बीच चल रहे मनमुटाव को रोकने के लिए जब दिल्ली दरबार तक बात पहुंची तब प्रशासन ने मामले की जांच कराए जाने का निर्णय लिया। फिर एडीएम दिनेशचंद्र शुक्ला को कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने जांच अधिकारी नियुक्त किया। 
पार्षदों की शिकायत बनी आधार
एडीएम ने उन सभी शिकायतों की जांच की, जो प्रशासन के समक्ष पार्षदों ने की थी। इसमें प्रमुख शिकायत नगरपालिका ऑफिस से फाइलें गायब होने की थी। इन फाइलों में रोड रेस्टोरेशन ( खोदी गई सड़कों की रिपेयरिंग) की 4.50 करोड़ रुपए की फाइल शामिल थी। यह भारी भरकम राशि वाली फाइल सहित अन्य कामों की फाइल भी एडीएम को नहीं मिली।
इंजीनियर और एई के फर्जी हस्ताक्षर करके 37 और 33 लाख के दो भुगतान निकाले
वार्ड 33 में काम के नाम पर बड़ा भुगतान लेने की भी शिकायत सामने आई थी। जब जांच हुई तो दावा किया जा रहा है कि उक्त वार्ड में दो ऐसी फाइल मिलीं, जिसमें इंजीनियर और एई के फर्जी हस्ताक्षर करके 37 और 33 लाख के दो भुगतान निकाले गए। 
ये नेता पुत्र कौन ?
इसके अलावा एक भाजपा नेता के पुत्र के नाम से भी डेढ़ सैकड़ा फाइलें 99 हजार की बनाकर उनका भुगतान भी निकाला गया। सामने यह भी आया कि शहर विकास के लिए आई राशि को ठेकेदार और नपा के जिम्मेदारों ने बिना काम किए सिर्फ जेब भरी हैं!
नेताओं की गाड़ियों में डीजल भरा
नगरपालिका शिवपुरी में हुए घोटालों में डीजल का भी एक बड़ा खेल है जिसकी शिकायत भी की गई थी। जिसमें कथित तौर पर नपाध्यक्ष की गाड़ी के नाम पर हर महीने 1900 लीटर डीजल की खपत दर्शाये जाने की बात सामने आई है। इतना ही नहीं अध्यक्ष के नाम पर केंद्रीय मंत्री के नजदीकी नेताओं की गाड़ियों में डीजल भरा गया, ये बात भी सामने आई है। बता दें कि  नियमानुसार नपाध्यक्ष को एक महीने में 150 लीटर डीजल खपत की अनुमति है, जिसे ताक पर रखकर 1900 लीटर डीजल खपत की गई। कुलमिलाकर अब अध्यक्ष और पार्षदों के पहले से जारी जंग और तेज हो सकती है।

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