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#धमाका_खास_खबर: जिले के कई लापरवाह अधिकारियों को हाइकोर्ट ने 5 अगस्त को किया तलब, पीएचई, वन विभाग, जल संसाधन, नपा के अधिकारियों को होना है पेश, मामला माधव राष्ट्रीय उद्यान (माधव टाइगर रिजर्व) के अंदर स्थित सांख्य सागर झील (चांद पाठा) में चारों ओर फैली जलकुंभी का, एडवोकेट निपुण सक्सेना और साथियों की याचिका पर होना है पेश

शुक्रवार, 25 जुलाई 2025

/ by Vipin Shukla Mama
SHIVPURI DHAMAKA NEWS 
शिवपुरी/ग्वालियर। पर्यटक नगरी शिवपुरी स्थित माधव राष्ट्रीय उद्यान (माधव टाइगर रिजर्व) के अंदर स्थित सांख्य सागर झील (चांद पाठा) में चारों ओर फैली जलकुंभी को लेकर युवा एडवोकेट निपुण सक्सेना और उनके सहयोगी वकील ने हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की हुई है। इसमें जलकुंभी
को हटाने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की गई है। जलकुंभी के कारण झील की सुंदरता कम हो गई है, और बोटिंग जैसी गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं। 
 इस नैसर्गिक झील के नष्ट होते जा रहे सौंदर्य, वन्य जीवों के अस्तित्व पर संकट आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं को लेकर लगाई गई इस याचिका के क्रम में गलत उत्तर प्रस्तुत किए जाने, जलकुंभी हटाने में लापरवाही को लेकर हाइकोर्ट ग्वालियर ने शिवपुरी जिले के कई अधिकारियों को 5 अगस्त को न्यायालय में तलब कर लिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में अधिकारियों को 5 अगस्त को पेश होने के लिए समन जारी किया है, ताकि इस मामले पर सुनवाई की जा सके।
हाइकोर्ट जजों का दल आया था परीक्षण करने तो मिली जलकुंभी
बता दें कि जब शिवपुरी के अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि जलकुंभी तो साफ कर दी है तब हाइकोर्ट से एक टीम गठित करवाई गई थी। इस टीम के एक्सपर्ट एडवोकेट शिवपुरी आए तो देखा पूरी झील में जलकुंभी मौजूद है, उस रिपोर्ट पर भी हाइकोर्ट नाराज है। यानि 5 अगस्त को पेशी पर जाने वाले अधिकारियों की शामत तय जान पड़ रही है।
ट्रीटमेंट प्लांट होते हुए भी उपयोग नहीं, विषैली हो रही झील
याचिका में चांद पाठा झील में शहर के नालों की गंदगी, सीवर का पानी आने से उसके विषैले होने साथ ही कई साल पहले सीवर परियोजना का ट्रीटमेंट प्लांट बनने के बाद भी लाइन जोड़ने में कई साल लगने और नतीजे में उसका उपयोग न होने से झील की दुर्गति का भी जिक्र किया गया है।
जुलाई 2022 में घोषित हुई रामसर साइट 
इस झील को जुलाई 2022 से रामसर साइट का दर्जा प्राप्त है, यह झील 248 हेक्टेयर (612.82 एकड़) में फैली हुई है और इसका जलग्रहण क्षेत्र 37,522 हेक्टेयर है।
रामसर स्थल के रूप में, यह एक आर्द्रभूमि स्थल है जिसे संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण घोषित किया गया है। लेकिन इस झील को चारों तरफ से जलकुंभी ने घेर रखा है जिससे उसका अस्तित्व खतरे पड़ गया है। इसके संरक्षण के लिए प्रशासनिक तौर पर कोई बड़े कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। यही कारण है कि वन विभाग, जल संसाधन, नगर पालिका सहित अन्य विभागों के लापरवाह अधिकारियों को हाइकोर्ट ने 5 अगस्त को कोर्ट में हाजिर होने के समन जारी कर दिए हैं। 
सिंधिया ने दो मशीन फिर भी नहीं साफ हुई जलकुंभी
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनी निधि जो करीब डेढ़ करोड़ की एक मशीन जलकुंभी की सफाई के लिए वन महकमे को दी है उससे भी जलकुंभी साफ नहीं की जा सकी है। कुछ हिस्से की सफाई के चलते जलकुंभी हवा के साथ अपना स्थान बदलती है जिससे अधिकारी जलकुंभी साफ हो जाने की झूठी वाह वाही लूटते हैं। हकीकत में पूरी झील ही नहीं बल्कि समीपस्थ करबला, जाधव सागर तक भी जलकुंभी ने पैर पसार लिए हैं। 
संख्या सागर में 19 देशी मछली प्रजातियों की महत्वपूर्ण आबादी साथ में मगरमच्छ
रामसर वेटलैंड्स की वेबसाइट के अनुसार, संख्या सागर में 19 देशी मछली प्रजातियों की महत्वपूर्ण आबादी रहती है, जो इसके आवास में अंडे देती हैं और प्रजनन करती हैं। इस जलाशय में नदी और दलदली क्षेत्रों में पाई जाने वाली मछलियों की मिश्रित आबादी है, जो इस क्षेत्र की समग्र जैव विविधता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। ये मछलियाँ, बदले में, मछली खाने वाले पक्षियों की आबादी का पोषण करती हैं। यहाँ जलपक्षी भी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। यह झील 73 प्रजातियों के पक्षियों का घर है और सर्दियों के दौरान प्रवासी पक्षियों का स्वागत करती है। यह झील दलदली मगरमच्छों का भी घर है इन्हें 1987 में मद्रास मगरमच्छ बैंक द्वारा जाधव सागर में लाया गया था। जिनकी संख्या आज सैकड़ों में जा पहुंची है। 
बता दें कि सिंधिया स्टेट में संरक्षित और विकसित की गई मध्य प्रदेश की रामसर साइट दर्जा हासिल इस झील का नाम संख्या सागर सिंधिया राजघराने से जुड़ा हुआ है झील माधव नेशनल पार्क टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आती है जिसे रिजर्व क्षेत्र में संरक्षित और विकसित किए जाने का दायित्व वन क्षेत्र के तहत वन मंडल शिवपुरी का है। साथ ही इस झील को संरक्षित करने के लिए PHE विभाग एवं नगर पालिका भी बराबर के जिम्मेदार है यही वजह है कि कोर्ट ने इन सब के जिम्मेदार अधिकारियों को उपस्थित रहने के निर्देश जारी कर दिए हैं।#Dhamaka_Special_News: High Court summoned many careless officers of the district on August 5, PHE, Forest Department, Water Resources, Municipal Corporation officials have to appear, the matter is about water hyacinth spread all around in Sankhya Sagar Lake (Chand Patha) of Madhav National Park (Madhav Tiger Reserve)

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