शिवपुरी। बीते लगभग 1 वर्ष पूर्व जब कोलारस थाना क्षेत्र में बस स्टैण्ड के समीप मोबाईल दुकान में चोरी की घटना हुई तो यहां पुलिस थाना कोलारस के द्वारा मामले में एक आरोपी के विरूद्ध माननीय अपील सत्र न्यायालय शिवपुरी द्वारा आरोपी को धारा 457 में 1 वर्ष, 200 रूपये एवं धारा 380 में 2 वर्ष 200 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया था। इस मामले को लेकर उक्त दण्डाज्ञा के विरूद्ध संजय रावत ने अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से अपील प्रस्तुत की। जिस पर से माननीय अपर सत्र न्यायाधीश ने आरोपी संजय रावत को पूर्व में दी गई सजा को अपास्त कर दोषमुक्त करार दिया।
अभियोजन के अनुसार मामला इस प्रकार है कि दिनांक 10.06.2018 को फरियादी अंकित जैन ने थाना कोलारस में इस आशय की रिपोर्ट की थी कि कोलारस बस स्टैण्ड के पास मोबाईल बेचने की दुकान जैन एसटीडी के नाम से है। दिनांक 09.06.2018 को रात्रि 9:30 बजे जब दुकान बंद करके अपने घर चला गया था, दिनांक 10.06.2018 को सुबह सचिन वैश्य का फोन आया कि तुम्हारी दुकान की शटर खुली पड़ी है तब जाकर दुकान पर देखा तो दुकान के ताले लगे थे किन्तु शटर आदि खुली थी। जब अपना सामान फरियादी ने देखा तो कीपैड फोन करीब 20 से 25, मेमौरी कार्ड जिन्हें कोई अज्ञात व्यक्ति दुकान की शटर उठाकर चुराकर ले गया। जिसकी रिपोर्ट पर से थाना कोलारस में धारा 457,380 भादसं का मामला दर्ज किया। विवेचना के दौरान संजय रावत निवासी ग्राम कुलवारा थाना कोलारस जिला शिवपुरी को उक्त प्रकरण में आरोपी बनाया गया और न्यायालय में चालान पेश किया गया। उक्त प्रकरण में आए साक्ष्य के आधार पर न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी कोलारस ने अपने प्रकरण क्रं.542/2018 में पारित निर्णय दिनांक 17.10.2022 को निर्णय में आरोपी संजय रावत को भादसं की धारा 457 में 1 वर्ष का सश्रम कारावास व 200 रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया और अर्थदण्ड जमा ना करने पर एक माह का सश्रम कारावास एवं 380 भादसं में संजय रावत को दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं 200 रूपये अर्थदण्ड एवं व्यक्तिक्रम में दो माह का सश्रम कारावास दण्डित किया था। उक्त दण्डाज्ञा के विरूद्ध संजय रावत ने अपने अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के माध्यम से अपील प्रस्तुत की। विचारण अपील के दौरान उक्त प्रकरण में महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर तर्क किए गए जिस पर से माननीय अपर सत्र न्यायाधीश महोदय ने आरोपी संजय रावत को पूर्व में दी गई सजा को अपास्त कर दोषमुक्त करार दिया। इस मामले में पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता गजेन्द्र सिंह यादव के साथ सहयोगी अधिवक्ता अशपाक खान, अजय शाक्य द्वारा अभियुक्तों की ओर से की गई।

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