New delhi नई दिल्ली। सर्वोच न्यायालय के न्याय मूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की खण्डपीठ ने आज मंगलवार को पूर्व मंत्री श्री राम निवास रावत को बड़ी राहत दी है।
दरअसल बीते चुनाव में रावत के प्रतिद्वंदी उम्मीदवार मुकेश मल्होत्रा विधायक विजयपुर क्षेत्र के द्वारा झूठा हलफनामा दायर करने के संबंध में मुख्य चुनाव याचिका मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में रिट लगाई गई थी। इस चुनावी हलफ़नामे में करीब 6 आपराधिक मामलों का पूर्ण उल्लेख नहीं किया गया, जिन में बहुत ही संगीन धाराओं में भी कायमी थी, और दो मामलों में चार्ज भी लग गए। ये सारा ब्यौरा हर चुनाव उम्मीदवार को देना होता है, जो नहीं किया गया।
पूर्व मंत्री रावत ने यह मामला उच्च न्यायालय में गलत हलफनामे के द्वारा जनता को गुमराह करके चुनाव में जीत हासिल करने को लेकर दायर किया तो सर्वोच न्यायालय में याचिका खारिज करने के खिलाफ मुकेश मल्होत्रा ने अपील दायर की है, जिनके लिए वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ याचिका दायर की है।
राम निवास रावत की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री नीरज किशन कौल और अधिवक्ता निपुण सक्सेना ने जोड़ी बनाई।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकारर रखा जिसके द्वारा, चुनाव याचिका को खारिज करने की याचिका को हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था।
सर्वोच न्यायालय ने पूर्व मंत्री राम निवास रावत की दलीलों को स्वीकार करते हुए कहा कि एक मतदाता का मूलभूत अधिकार है कि वह अपने उम्मीदवार के बारे में पूरी जानकारी हासिल करे। जिसके लिए हलफनामे को रखा गया है। अगर हलफनामे में प्रथम दृष्टया गलत तथ्य लिखे हैं, या झूठ कहा गया है, और संगीन मामले छुपाए गए हैं, तो ये भ्रष्ट आचरण की शुरुआत होगी। इस आधार पर चुनाव याचिका को डिसमिस नहीं किया जा सकता। अभी चुनाव याचिका माननीय मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में लंबित है।
बता दें कि उप चुनाव में मुकेश मल्होत्रा कांग्रेस के टिकट पर मैदान में थे, जबकी पूर्व मंत्री रामनिवास रावत बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे। आज की जीत बीजेपी के लिए बड़ी जीत है, और 6 बार विधायक और 3 बार मंत्री रहे राम निवास रावत के लिए अभयदान देखा जा रहा है।

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