2- जयारोग्य चिकित्सालय, कमलाराजा चिकित्सालय सहित तमाम छोटे बड़े चिकित्सालय 3- गोरखी स्कूल, पदमा विद्यालय, गजराराज स्कूल, सरस्वती शिशु मंदिर, जीवाजीराव स्कूल
5- राष्ट्रीय व्यापार मेले की स्थापना, चैंबर ऑफ कॉमर्स की स्थापना।
6- जब पूरे हिन्दुस्तान के चुनिंदा क्षेत्रों में ही रेल लाइने थी तब हमारे ग्वालियर से शिवपुरी, ग्वालियर से श्योपुर, ग्वालियर से भिण्ड ट्रेन संचालन सिंधियाओं की ही पहल थी।
जब मेट्रों कल्पना थी तब हमारे ग्वालियर शहर के अंदर लोकल ट्रेन सेवा थी, आज भी पुरानी पटरियां देखने को मिलती है।
7- बैजाताल, सागरताल, कटोराताल, जनकताल, जलबिहार का निर्माण
9- ग्वालियर में नगर निगम की स्थापना, हाईकोर्ट भवन, मोतीमहल, महाराज बाड़े पर स्टेट बैंक, केंद्रीय डाकघर, छापाखाना, विक्टोरिया मार्केट , रेलवे के कई ऑब्जरब्रिज आदि।
10- गुना में खाद कारखाना, ग्वालियर के ओडुपुरा में 700 करोड़ का बिजली घर
ये तमाम विकास कार्य के अलावा ग्वालियर में पुराना एयरपोर्ट माधवराव सिंधिया के समय बना तो हाल ही में अत्याधुनिक एयरपोर्ट ज्योतिरादित्य की पहल पर, ग्वालियर रेलवे स्टेशन की पुराने से लेकर आधुनिकीकरण तक का सफर सिंधियाओं की देन है।
लगभग 2000 करोड़ की लागत से एलिवेडट रोड, अंतर्राज्यी बस अड्डा ये सब किसके कारण हुए?
विकास और प्रगति के मामले में सिंधिया परिवार का इतिहास बहुत बड़ा है जिसे शब्दों में समेटना आसान नहीं है।
विकास के मामले में किसी और महानुभाव का इससे 10% भी योगदान हो तो जरूर बताएं?
और ये बात भी सच है कि वो परिवार हमेशा निजी हित पर जन हित को तरजीह देता है.....

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