शिवपुरी। बारिश का मौसम शुरू होते ही बच्चों को मौसमी बीमारियों, संक्रमण तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं से बचाना बेहद ज़रूरी हो जाता है। बारिश के मौसम में बड़ों से बच्चे ज्यादा बीमार पड़ते है। बीमारियां इस मौसम में काफी फैलती है। बच्चों में उल्टी, दस्त, जुकाम, बुखार होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए इस सीजन में पालकों को बच्चों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। भारी बारिश के चलते नदी,नालों, तालाबों एवं अन्य जल स्रोतों में पानी की अधिकता है,इसलिए बच्चों को वहां जाने से रोकें।
बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने बच्चों और उनके अभिभावकों को एडवाइजरी देते हुए कहा कि बरसात के मौसम में बच्चों को मौसमी बीमारियों के अलावा अन्य जोखिमों से बचाने के लिए परिजनों को सजग रहने की आवश्यकता है। बारिश के मौसम में कई ऐसे जोखिम होते है,जिनके खतरों से बच्चे अक्सर अनजान होते है, पेरेंट्स को इन बातों का ख्याल रखना चाहिये। जोखिमपूर्ण स्थानों पर फोटो- रील्स बनाने से परहेज करें।
- बच्चों को भीगने से बचाएं
बारिश के पानी से इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। दूषित पानी से अनेकों बीमारियां होतीं है। इसलिए बच्चों को पीने का पानी उबाल कर दें। बाहर के खुले खाद्य पदार्थों से परहेज करें। बच्चों को पोषक तत्वों से युक्त स्वच्छता से निर्मित भोजन दें, जो उनकी रोग प्रतिरोधी क्षमताओं को बढायेगा और वे बीमारियों से बचे रहेंगे। कोशिश करें बच्चे बारिश के पानी में न भींगे। अगर भीग जाएं, तो उन्हें साफ पानी से नहलाकर अच्छी तरह बदन पोछकर सूखे कपड़े पहनाए।
साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। आसपास जल जमाव होने से मच्छर और बैक्टीरिया पनपते हैं, जिससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। घर के अंदर या बाहर किसी कोने में जल जमाव ना होने दें। अगर बच्चे में मौसमी बीमारी के लक्षण दिखें, तो खुद उपचार करते रहने से बेहतर है कि तुरंत डॉक्टर्स की सलाह लें।
- बच्चों को नदी- तालाबों से दूर रखें
बच्चो के अभिभावकों से अनुरोध है कि वे अपने बच्चों को नदियों, नहरों, तालाबों, भदैया कुंड एवं अन्य पानी की अधिकता वाले स्थानों पर नहाने के लिए न जानें दें, क्योंकि बरसात में नदियों, नहरों, तालाबों का जल स्तर बढ़ जाने से नहाते समय अनहोनी हो जाती है और बच्चे डूब जाते हैं।
- बिजली के खंबों से दूर रहें
बिजली के खंबों, खुले ट्रांसफार्मर आदि के गीले हो जाने से खंबों तथा उनके आसपास करेंट फैल जाता है, जिससे अनेकों बार गंभीर हादसे हो जाते है। इनकी चपेट में आकर अनेकों लोगों के जान चली जाती है। लोग खुद भी ऐसे स्थानों से दूर रहें तथा अपने बच्चों को इनसे दूर रहने के लिए सदैव प्रेरित करते रहें।
- खुले बोरवेल और कुओं से दूरी बनाकर रखें
कुओं और बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाएं भी आये दिन देखने- सुनने में आतीं रहती है। खुले बोरवेलों और मुंडेर रहित कुओं से बच्चों को दूर रखें। इन स्थानों पर छोटे बच्चों को भूलकर भी न जाने दें। लापरवाही घातक हो सकती है। बच्चों को संभावित हादसों से बचाव के लिए अभिभावकों का चौकन्ना रहना बेहद जरूरी है।
- बच्चों को ज्ञान कराना जरूरी
बच्चे नटखट और शरारती होते है, वे हर काम को खेल समझते हैं। उन्हें अच्छे- बुरे और जोखिमों का ज्ञान कराना जरूरी होता है। उन्हें खतरों से बचाने के लिए परिजनों के साथ समाज के हर व्यक्ति को कोशिश करनी चाहिए।
- राघवेंद्र शर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी (मबावि) शिवपुरी

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