करैरा। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में वर्षों से बन्द पड़ी करैरा कृषि उपज मंडी का औचक निरीक्षण भारतीय किसान संघ मध्य क्षेत्र के संघठन मंत्री महेश चौधरी ने किया श्री चौधरी एक दिवसीय प्रवास पर जिले में आए हुए हैं जहां उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं से भेंट के बाद कृषि उपज मंडी करैरा का निरीक्षण किया, मंडी में व्याप्त अव्यवस्थाओं तथा किसानों को मिलने वाली सुविधाओं का बारीकी से निरीक्षण किया तो पाया कि मंडी में गुरुवार को दोपहर तक एक भी व्यापारी फसल खरीदने नहीं पहुँचा,क्योंकि कर्मचारियों और व्यापारियों की मिली भगत के चलते किसानों की उपज को खरीदने एक भी व्यापारी मंडी के अन्दर नहीं आता जिससे मजबूर होकर किसानों को अपनी उपज को व्यापारियों के गोदामों पर ओने पौने दामों में बेचने को मजबूर होना पड़ता है।
सुविधाओं के नाम पर शून्य मंडी-
सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं के नाम पर कृषि उपज मंडी करैरा पूरी तरह से शून्य है जहां एक ओर खरीद बिक्री पूरी तरह बंद है तो वहीं किसानों को पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं है,किसानों के लिए भोजन व्यवस्था के लिए खोली गई कैंटीन का ताला भी वर्षों से नहीं खुला है।
सड़कों पर सजती है मंडी-
मंडी कर्मचारियों और व्यापारियों की मिली भगत के चलते किसानों की उपज खरीदने के लिए व्यापारियों ने करैरा शहर से जुड़ने वाले सभी मुख्य मार्गों पर अपनी दुकान व गोदाम बना कर खरीदी की जा रही है जिस पर स्थानीय प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है।
मंडी के टीन शेडों में ठेकेदार और लेबर का कब्जा तो वही बड़े शेडों को दिया किराए पर-
जिन टीन शेडों में किसानों की उपज की खरीद बिक्री होनी चाहिए वहाँ पर मंडी बंद होने के कारण लंबे समय से ठेकेदारों ने अपनी मशीनरी रखकर और लेबर रोककर अवैध रूप से कब्जा जमा रखा है तो वही मंडी प्रांगण में बने तीन बड़े शेडों को थोक शब्जी व्यापारियों को किराए पर दे रखा है ,जिससे यह स्पष्ट होता है कि यहाँ पर लंबे समय से खरीद बिक्री नहीं हुई है।
क्या बोले संगठन मंत्री
जब मैं अपने कार्यकर्ताओं के साथ करैरा कृषि उपज मंडी के प्रांगण में पहुँचा तो वहाँ पर व्याप्त अव्यवस्थाओं को देख कर बहुत पीड़ा हुई कि सरकार द्वारा किसानों के हित में कई प्रकार की लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन करैरा में कृषि उपज मंडी ही बन्द पड़ी हुई है ,बन्द पड़ी मंडी की जानकारी मेरे द्वारा मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध संचालक को दूरभाष पर दे ते हुए उचित कार्यवाही की मांग की है।

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