कलेक्टर कार्यालय पर जाकर सामूहिक रूप से पार्षदों ने दिया इस्तीफा
आज इस्तीफे से पहले शिवपुरी नगर में रैली की सूरत में सभी पार्षद निकले। डीजे पर देशभक्ति के गानों के साथ निकली रैली के दौरान पार्षदों ने नपा के सामने ढोक लगाई और बाद में पार्षदों ने इस्तीफे दे दिए। इस्तीफा देने वाले पार्षदों ने आरोप लगाया कि भाजपा की नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं और उनके वार्डो में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं इसलिए वह अपना सामूहिक इस्तीफा दे रहे हैं। पूर्व में इन्हीं पार्षदों के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था लेकिन इस अविश्वास प्रस्ताव के मामले में इन पार्षदों में आपस में फूट पड़ जाने के कारण कलेक्टर ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया था। इन पार्षदों में से कुछ ने अविश्वास प्रस्ताव को वापस लेने की आवेदन कलेक्टर को दिया था जिसके कारण इन पार्षदों में दो गुट बंट गए थे लेकिन अब इन्हीं पार्षदों ने आपसी एकता का प्रदर्शन करते हुए इस्तीफे दे दिए।
कलेक्टर के हाथ में आई गेंद
शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष गायत्री शर्मा के खिलाफ आंदोलन करने वाले इन 18 विरोधी पार्षदों ने अपने सामूहिक इस्तीफे देते हुए कहा कि शिवपुरी का विकास थम गया है। नगर पालिका में भ्रष्टाचार हावी है। पिछले दिनों भ्रष्टाचार के मामले में एक एफआईआर हुई लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। लगातार भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। पार्षदों का आरोप था कि उनके वार्ड में विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। पूर्व में कई बार अधिकारियों को और जनप्रतिनिधियों को इस बारे में बताया गया लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही इसलिए हम सामूहिक इस्तीफे सौंप रहे हैं। इन 18 पार्षदों द्वारा सामूहिक इस्तीफे दिए जाने के बाद अब कलेक्टर के हाथ में गेंद है कि वे यह इस्तीफे स्वीकार करते हैं कि नहीं।
बता दें कि बीते 11 जून को नगर पालिका से जुड़े 22 पार्षदों ने करैरा स्थित बगीचा सरकार हनुमान जी के मंदिर पर नगर पालिका अध्यक्ष को पद से हटाने की सौगंध ली थी। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर पर जो कसम खाई जाती है वह टूटती है तो संबंधित व्यक्ति को कोढ़ हो जाता है। इन मान्यताओं के तहत इन पार्षदों ने गायत्री शर्मा को हटाने की जो शपथ ली थी उसी क्रम में अपना इस्तीफा कलेक्टर कार्यालय में जाकर दे दिया और अपना वादा निभाया।

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