शिवपुरी। "शिवपुरी साहित्य और साहित्यकारों की भूमि है ।यहाँ एसे अनेक साहित्यकार हुए हैं जिन्होंने देश, प्रदेश और समाज में शिवपुरी का नाम रोशन किया है ।आज भी शिवपुरी की उर्वरा भूमि में एसे साहित्यकार साहित्य सृजन कर रहे हैं, जो शिवपुरी का परचम सारे देश में फहरा रहे हैं।"
उक्त उद्गार पूर्व विधायक और पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व उपाध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा) प्रहलाद भारती ने व्यक्त किए। वे स्थानीय होटल सनराइज में काव्य संकलन "सुगंध के सांतिये "के विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी से बोल रहे थे ।
गीत गोविंद साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में नारायणी प्रकाशन शिवपुरी द्वारा तीसरे समवेत काव्य संकलन "सुगंध के सांतिये"का प्रकाशन लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकार गोविंद अनुज के संपादकत्व में किया है ।
इस संकलन मे तेईस कवियों की हृदयस्पर्शी काव्य रचनाऐ प्रकाशित हुई हैं।
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य मे प्रसिद्ध साहित्यकार और पत्रकार प्रमोद भार्गव ने कहा कि गोविंद अनुज के संपादक में प्रकाशित यह काव्य संकलन शिवपुरी के साहित्यकारों की रचनाधर्मिता का आइना है ।इसको पढकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे शिवपुरी में उच्च स्तरीय साहित्य का सृजन हो रहा है ।"
इस अवसर पर सुगंध के सांतिये के संपादक गोविंद अनुज ने कहा "साहित्य सृजन ईश्वरीय वरदान है,हमारे आसपास जो घटित हो रहा है उसे शाब्दिक अभिव्यक्ति देना ही साहित्य सृजन है ,जो हमारे साथी बडी कुशलतापूर्वक कर रहे हैं। "
कार्यक्रम का सफल संचालन सुप्रसिद्ध नवगीतकार डाक्टर मुकेश अनुरागी ने किया ।
सबसे पहले साहित्यकार अजय अविराम ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की ,तदुपरांत संकलन के सभी सहयोगी रचनाकारों को प्रशस्तिपत्र तथा संकलन की प्रतियां प्रदान की गयीं। सहभागी रचनाकारों द्वारा काव्य पाठ भी किया गया ।
कार्यक्रम में संकलन के सभी सहयोगी रचनाकार श्री शिवकुमार अर्जुन, रामकृष्ण मौर्य, राम पंडित, डा,मुकेश अनुरागी,अखलाक खान, अजय अविराम, श्री मती हेमलता चौधरी,श्याम बिहारी सरल,मुकेश शर्मा,राकेश भटनागर, सौरभ तिवारी,डा,योगेन्द्र बाबू शुक्ल सहित अनेक बुद्धीजीवी तथा समाजसेवी उपस्थित थे ।
अंत में आभार प्रदर्शन संकलन के सह संपादक अखलाक खान ने व्यक्त किया ।अंत में साहित्यकारों ने स्नेह भोज का आनन्द लिया ।

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