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#धमाका_बड़ी_खबर: देश में समरसता के लिए सकारात्मक पत्रकारिता जरूरी: ज्योतिरादित्य सिंधिया, सिंधिया के मुख्य आतिथ्य में प्रेस क्लब शिवपुरी ने किया कार्यशाला का भव्य आयोजन

शनिवार, 13 सितंबर 2025

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। शहर के होटल कमला हैरिटेज में प्रेस क्लब की भव्य एवं गरिमामय कार्यशाला संपन्न हुई। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 'पत्रकारिता में कम होती संवेदनशीलता' विषय पर बोलते हुए कहा कि इस गरिमामयी सम्मेलन में आकर में अभिभूत हूं। जहां तक पत्रकारिता का सवाल है तो आज देश में समरसता के लिए सकारात्मक पत्रकारिता जरूरी है। जिससे हर तरफ नकारात्मक होता जा रहा माहौल बदला जा सके। मीडिया को कमियां सामने लाना चाहिए लेकिन तथ्यों के साथ अपनी बात भी
रखनी चाहिए तो दूसरी तरफ देश की उन प्रतिभाओं, अच्छे कार्यों को भी
सामने लाना चाहिए जो देश को आगे लाने का काम कर रहे हैं, उनके बारे में तथ्यों के साथ लिखना चाहिए जिससे समाज में सकारात्मक
माहौल बना रहे। उन्होंने कहा कि आज हम मोबाइल के डिब्बे में कैद होकर रह गए हैं।
आज पत्रकारिता का बड़ा हिस्सा मोबाइल स्क्रीन और इंस्टेंट कॉपी तक सिमटकर रह गया है। खबरें आती हैं और चली जाती हैं, मगर गहराई
और विश्लेषण गायब हो गया है। सिंधिया ने कहा कि पत्रकारिता में केवल रिपोर्टिंग ही नहीं बल्कि एनालिसिस की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
आज के समय में जब सबकुछ इंस्टेंट हो रहा है, उस दौर में विश्लेषण और रिसर्च ही पत्रकारिता की असली जान है।
सिंधिया ने स्थानीय पत्रकारिता पर बात करते हुए कहा कि "यदि हम पत्रकारिता की शुरुआत "नारद जी" से माने तो शिवपुरी में इस परम्परा को आदरणीय प्रेमनारायण नागर जी ने ईमानदारी से दायित्व निर्वहन करते हुए निभाया। उनका गांधीवादी दृष्टिकोण, उनके आचरण में शुमार था। सादा जीवन जीना, खादी के वस्त्र पहनना और हाथ में डायरी और कलम के साथ रचनात्मक पत्रकारिता करना उनके जीवन का आदर्श एवं लक्ष्य रहा। मैं उनसे व्यक्तिगत रूप से बहुत प्रभावित हूं। हमें उनकी पत्रकारिता से प्रेरणा लेते रहना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि केवल नकारात्मक पत्रकारिता से काम नहीं चलेगा। कमियां निश्चित रूप से हैं, लेकिन तमाम लोग हैं, जो सकारात्मक सोच के साथ काम कर रहे हैं और उपलब्धियां भी हासिल कर रहे हैं, लेकिन उनके समाचार देखने में नही आते हैं। उन्हें भी महत्व दीजिए। उन्होंने आगे कहा कि पत्रकार समाज तक रोल मॉडल और अच्छे उदाहरण पहुँचाते हैं। पत्रकारों के पास ज्ञान की ताकत होती है और यह ज्ञान समाज को दिशा देता है। मगर
अफसोस की बात है कि कुछ पत्रकार केवल टीआरपी और सनसनी के पीछे भाग रहे हैं। बिना किसी लक्ष्य के नकारात्मक खबरें परोसकर वे समाज में नकारात्मकता फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, क्यों आप लोग सभी को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास करते हो? क्या कभी किसी ने आपको भी कठघरे में खड़ा किया है? उन्होंने पत्रकारों से यह भी कहा कि आपके हाथ में कलम रूपी तलवार और ढाल है, लेकिन आखिर क्यों आप इसका सदुपयोग नहीं करते? क्यों वही कलम किसी सशक्त मुद्दे पर खामोश हो जाती है और किसी तुच्छ मसले पर जहर उगल देती है?
यह प्रश्न केवल शिवपुरी के पत्रकारों के लिए नहीं बल्कि पूरे देश की पत्रकारिता के लिए है। 
सिंधिया ने पत्रकारों से सवाल किया कि अपने आप से प्रश्न करें कि पिछले एक वर्ष में आपने कितने लेख लिखे हैं। सिंधिया ने आगे कहा कि देश बनाने में पत्रकारों की भी भूमिका होती है।
पत्रकारों का कर्तव्य है कि वे चरित्रवान और प्रेरणादायी व्यक्तियों को जनता के सामने प्रस्तुत करें।
इस मौके पर प्रमोद भार्गव के लेखों का जिक्र करते हुए, सिंधिया ने कहा कि मैं उनके आलेख पढ़ता हूं। उनमें गहरा और सारगर्भित विश्लेषण होता है। मैं सभी पत्रकार सम्मेलनों में कहता हूं कि देश को तीसरी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए रचनात्मकता को आगे बढ़ाएं। 
भोपाल से आए संघ, भाजपा एवं पत्रकारिता से जुड़े राघवेंद्र शर्मा ने विशिष्ट अतिथि की आसंदी से बोलते हुए कहा कि दिया गया विषय अत्यंत गंभीर एवं प्रासंगिक है। क्योंकि पत्रकारिता में संवेदनशीलता वास्तव में घट रही है। इस हेतु हमें पत्रकारिता के मूल्य स्थापित करनेके लिए अटलबिहारी वाजपेयी, माणिक चंद वाजपेयी जैसे पत्रकारों से प्रेरणा लेने की जरूरत है, जिन्होंने अत्यंत सीमित साधनों में पत्रकारिता को साध्य बनाया और राष्ट्र्वादी पत्रकारिता की जमीन तैयार की ।पत्रकारिता में तात्कालिक महत्व के लिए मनुष्यता को नहीं भूलना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार और प्रेस क्लब के संरक्षक प्रमोद भार्गव ने अपने चिर परिचित लहजे में कहा कि मूल्यों का क्षरण केवल पत्रकारिता में नहीं हुआ है, बल्कि लोकतंत्र के सभी स्तभों में हुआ है। चूंकि पत्रकार भी उसी समाज का हिस्सा है, जिसमें असंवेदनशीलता बढ़ रही है। अतएव जब असंवेदनशीलता से जुड़ी घटनाएं समाज में घटती हैं तो पत्रकार को समाचार बनाना ही पड़ता है। भार्गव ने हाल ही में भिंड में घटी घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि एक कलेक्टर, विधायक को अंगुली दिखाता है, तो उसी अनुरूप विधायक कलेक्टर पर मुक्का तान देते हैं। यह स्थिति कार्यपालिका और विधायिका दोनों की ही असंवेदनशीलता दर्शाती है। भार्गव ने सोशल मीडिया पर ए आई के जरिए पेश होने वाले कार्यक्रमों को भी संवेदनशीलता को खतरा बताया।
प्रेस क्लब अध्यक्ष ने दिया स्वागत भाषण
संबोधनों से पूर्व प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनुपम शुक्ला ने स्वागत भाषण पढ़ा। उन्होंने बताया कि प्रेस क्लब के कार्यक्रम समय समय पर आयोजित किए जाते रहे हैं। पत्रकार हितों के लिए प्रतिबद्ध इस क्लब की कार्यशाला में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने समय दिया हम उनका स्वागत करते हैं।
वहीं विपिन शुक्ला ने प्रेस क्लब की स्थापना से लेकर अब तक के कार्यों पर प्रकाश डाला। इस मौके पर क्लब के संरक्षक प्रमोद भार्गव समेत सभी पूर्व अध्यक्षों अशोक कोचेटा, विपिन शुक्ला, वीरेंद्र भुल्ले, संजय बेचैन, राकेश शर्मा, अतुल गौड़, रंजीत गुप्ता, सत्यम पाठक का शॉल ओढ़ाकर श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का सुचारू व प्रभावी संचालन राकेश शर्मा एवं मुकेश जैन ने किया। आयोजन में प्रेस क्लब के पदाधिकारी मुकेश जैन महासचिव, बृजेश तोमर वरिष्ठ उपाध्यक्ष, फरमान अली उपाध्यक्ष, आरती जैन उपाध्यक्ष, संजय ढींगरा कोषाध्यक्ष, राजू शर्मा सह सचिव, लालू शर्मा सह सचिव, नरेश कुशवाह सह सचिव, बबीता शर्मा सह सचिव एवं सदस्य गण क्रमशः देबू समाधियां, नरेंद्र शर्मा, तपन अरोरा, मनोज भार्गव, नेपाल बघेल, वीरू चौधरी, के पी यादव आदि जिले के बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद थे।













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