ये लिखा है जारी आदेश में
कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जिला शिवपुरी (म.प्र.)
क्रमांक /1458/आरडीएम/2025
शिवपुरी, दिनांक 04 अक्टूबर, 2025
// आदेश //
(भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 अंतर्गत)8
मध्यप्रदेश शासन, पर्यावरण विभाग, मंत्रालय, भोपाल द्वारा वायु (प्रदूषण, निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 की धारा 19(5) में राज्य सरकार को प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुये, राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना क्रमांक एफ 12-37/2017/18-5 दिनांक 15.05.2017 जारी कर सर्व संबंधितों एवं आम जनता को निर्देशित करते हुये प्रदेश में तत्काल प्रभाव से खेतों में थान/गेंहूं की कटाई के पश्चात् बचने वाले ठूंट एवं डंटल (नरवाई) को जलाना तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है।
मध्यप्रदेश शासन, पर्यावरण विभाग, मंत्रालय, भोपाल द्वारा जारी उक्त अधिसूचना दिनांक 15.05.2017 के अनुपालन में, फसल काटने के उपरांत उसके अवशेषों (नरवाई) को जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण एवं आगजनी की घटनाओं से आमजन के स्वास्थ्य व जानमाल की सुरक्षा हेतु तथा भूमि की उर्वरा शक्ति बनाये रखने के उद्देश्य से, "मैं, रवीन्द्र कुमार चौधरी, कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जिला शिवपुरी" भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये, संपूर्ण जिला शिवपुरी राजस्व सीमाक्षेत्र हेतु निम्नानुसार आदेश पारित करता हूँ:-
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iv.शिवपुरी जिलांतर्गत फसल कटाई के पश्चात् बचने बाले अवशेष ठूंट एवं डंटल (नरवाई) को जलाना पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाता है;
इसके अतिरिक्त, हार्वेस्टर मशीन संचालकों को यह अनिवार्य होगा कि वह हार्वेस्टर मशीन के साथ-साथ स्ट्रा मेनेजमेंट सिस्टम लगाकर फसल कटाई के उपरांत अवशेष से स्थल पर ही भूसा बनाकर अवशेष का निपटान करेंगे;
प्रत्येक कम्बाईन हार्वेस्टर संचालक फसल कटाई प्रारम्भ करने के पूर्व कृषि विभाग में सहायक कृषि यंत्री, कृषि अभियांत्रिकी शिवपुरी के कार्यालय में अपना पंजीयन करायेंगे, ऑपरेटर एवं मशीन के संचालन हेतु कार्यरत स्टाफ की जानकारी देंगे। सहायक कृषि यंत्री, कृषि अभियांत्रिकी शिवपुरी उक्त से संबंधित रिकॉर्ड संधारित करेंगे एवं समय-समय पर उसे राजस्व/कृषि/पुलिस विभाग को पंजीयन के संबंध में अवगत कराते रहेंगे;
स्ट्रा मेनेजमेंट सिस्टम का उपयोग किये बिना यदि कोई कृषक फसल कटाने हेतु
दवाब बनाता है तो संबंधित कम्बाईन हार्वेस्टर संचालक इसकी सूचना तत्काल संबंधित ग्राम पंचायत निगरानी अधिकारी / पंचायत सचिव या संबंधित पुलिस थाने / नायब तहसीलदार/ तहसीलदर / अनुविभागीय दण्डाधिकारी को देना सुनिश्चित करेगा:
हार्वेस्टर मशीन एवं स्ट्र। मेनेजमेंट सिस्टम के उपयोग के दौरान मशीन से निकलने वाली चिंगारी से आगजनी की घटना को रोकने हेतु मशीन संचालक अग्निसुरक्षा संयंत्र के साथ-साथ आग बुझाने के लिये रेत एवं पानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित -राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेशानुसार किसी भी व्यक्ति अथवा संस्था से उपरोक्त निर्देशों का उल्लंघन पाये जाने पर निम्नानुसार पर्यावरण मुआवजा (Environmental Compensation) अदा करना होगा:-
L छोटे भूमि मालिक जिनकी भूमि का क्षेत्र 2 एकड़ से कम है, को पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 2,500/-रूपये प्रति घटना (incident) देना होंगे;
छोटे भूमि मालिक जिनकी भूमि का क्षेत्र 2 एकड़ से अधिक व 5 एकड़ से कम है, को पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 5,000/-रूपये प्रति घटना (incident) देना होंगे;
छोटे भूमि मालिक जिनकी भूमि का क्षेत्र 5 एकड़ से अधिक है, को पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 15,000/-रूपये प्रति घटना (incident) देना होंगे;
3-यह भी देखने में आया है कि खेतों के आस-पास लगे ट्रांसफार्मर से कभी-कभी चिंगारी/शॉर्ट सर्किट से भी आगजनी की घटनायें घटित हो जाती हैं। अतः अधीक्षण यंत्री, मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, शिवपुरी पर्याप्त संख्या में दल गठित कर यह सुनिश्चित करेंगे कि ट्रांसफॉर्मर से फसल नष्ट होने का खतरा तो नहीं है। खतरा होने की दशा में कृषक की सहमति से ट्रांसफॉर्मर के आस-पास 10X10 फिट क्षेत्र को खुला रखा जावे, जिससे कि शॉर्ट सर्किट के कारण होने वाली फसल हानि की घटनाओं की रोकथाम की जा सके।
चूंकि यह आदेश आम जनता के महत्व का है तथा आम जनता को संबोधित है, जिसकी व्यक्तिशः सूचना दी जाना संभव नहीं होने से भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163(2) के तहत एक पक्षीय पारित किया जाता है। इस आदेश के संबंध में सोशल मीडिया, इलेक्ट्रोनिक मीडिया, समाचार पत्रों आदि के माध्यम से सूचित किया जा रहा है। इस आदेश से क्षुब्ध व्यक्ति अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकता है।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 एवं वायु (प्रदूषण, निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981 के अंतर्गत तथा अन्य सुसंगत अधिनियमों के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी। साथ ही माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देशानुसार उक्त आदेश में वर्णित अनुसार पर्यावरण मुआवजा (Environmental Compensation) अदा करना अनिवार्य होगा। पर्यावरण मुआवजा (Environmental Compensation) निर्धारण तथा अर्थ-दण्ड हेतु संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय दण्डाधिकारी अधिकृत होंगे।
यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।
(रवीन्द्र कुमार चौधरी) कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट जिला-शिवपुरी (म.प्र.)
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