घटना रात करीब 8:30 से 9:00 बजे के बीच की बताई जा रही है। उस समय माता की संध्या आरती चल रही थी। कई भक्त अंदर मंदिर परिसर में मौजूद थे।
सूचना मिलते ही मंदिर प्रबंधन के अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। मंदिर प्रबंधन ने बताया कि यह कोई बड़ी दुर्घटना नहीं है। हालात अब पूरी तरह सामान्य हैं।
बता दें कि पीतांबरा पीठ में पिछले कई महीनों से मुख्य द्वार का निर्माण कार्य चल रहा है। इसे मिनी कॉरिडोर की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। जिसको लेकर 12 लाल पत्थर के रेडीमेड पिलर राजस्थान से लाए गए थे। सभी को मंदिर परिसर में ही रखवाया गया है। यही 8 पिलर भरभराकर गिरे।
पिलर गिरने के बाद निर्माण कार्य की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
हालांकि प्रबंधन का कहना है कि जांच के बाद ही कारण स्पष्ट होगा। फिलहाल निर्माण स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और गिरा हुआ मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।
10 करोड़ में बन रहा मंदिर का मुख्य द्वार
पीतांबरा शक्तिपीठ में मंदिर के मुख्य गेट का निर्माण 10 करोड़ रुपए में किया जा रहा है।
गेट में राजस्थान के उदयपुर से लाए सैंडस्टोन का उपयोग हो रहा है। इसी मुख्य द्वार को बनाने के लिए 12 पिलर रखे हुए थे। 12 में 8 पिलर गिरे।
साल में 4 बार होती है महाआरती
पीतांबरा माता की साल में दीपावली, महा शिवरात्रि, शरद पूर्णिमा और जन्माष्टमी पर रात 12 बजे महा आरती होती है।
पीठ के करीब 6000 लोग दीक्षार्थी हैं। जिनमें से करीब 500 लोग नवरात्रि में साधना के लिए पीठ पहुंचते हैं।















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