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#धमाका_न्यूज: बेटी की शादी के लिए उधारी के एवज में दिया चैक बाउंस, आरोपी को एक साल का कठोर कारावास व प्रतिकर का दण्ड

बुधवार, 26 नवंबर 2025

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। बेटी की शादी के लिए धन की आवश्यकता के चलते मित्र से एक लाख रुपए उधार लेकर ऋण उन्मोचन के दिये गये चैक के बाउंस हो जाने के महत्वपूर्ण प्रकरण में निर्णय सुनाते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी शिवपुरी श्री धरमवीर राठौर ने आरोपी पातीराम जाटव निवासी व्हीटीपी स्कूल के सामने शक्तिपुरम खुडा शिवपुरी को एक वर्ष के सश्रम कारावास और 1,46,100 रुपए ( एक लाख छियालीस हजार सौ रुपए) प्रतिकर का आदेश दिया है। प्रकरण में परिवादी विनोद कुमार जैन निवासी वर्मा कालोनी की ओर से पैरवी गोपाल व्यास और अंजय गौतम एडवोकेट्स ने की है। 
        प्रकरण कहानी के अनुसार  परिवादी विनोद कुमार जैन और आरोपी पातीराम जाटव परिचित होकर अच्छे संबंध रखते थे। आरोपी ने बेटी के विवाह के लिए धन की आवश्यकता के चलते परिवादी से 22/01/2021 को 10,0000 रुपए (एक लाख रुपए) उधार लिए और उसकी अदायगी के लिए भारतीय स्टेट बैंक शाखा बदरवास शिवपुरी में अपने खाते का एक स्वहस्ताक्षरित चैक राशि 10,0000 रुपए का दिनांकित 15/07/2021 का प्रदान किया। परिवादी ने भुगतान हेतु 24/09/2021चैक भारतीय स्टेट बैंक शाखा शिवपुरी में जमा किया तो वह 28/09/21 को अपर्याप्त निधि की टीप के साथ अनादृत होकर वापस प्राप्त हुआ। 
         तब परिवादी विनोद कुमार जैन ने आरोपी को विधिक सूचना पत्र प्रेषित किया जो तामील भी हुआ। जिसका आरोपी ने जवाबी पत्र प्रेषित किया। जिसमें लिखा गया कि आरोपी पातीराम ने विनोद कुमार से न तो एक लाख रुपए उधार लिए हैं और न ही उसके भुगतान के लिए कोई चैक दिया है अपितु विनोद कुमार ने आरोपी के घर आकर उसकी बेटी से हस्ताक्षर किए हुए तीन खाली चैक ले लिए थे ‌। तत्पश्चात  परिवाद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। बचाव पक्ष ने अपने समर्थन में साक्ष्य देते हुए कहा कि उसने परिवादी द्वारा कोरे हस्ताक्षरित चैकों को हस्तगत करने के विरुद्ध बैंक, पुलिस थाने में तथा पुलिस अधीक्षक को भी लिखित शिकायत की किन्तु कोई एक्शन/कार्रवाई नहीं हुई। दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के विश्लेषण करते हुए निर्णय में टिप्पणी करते हुए लिखा कि परिवादी साक्ष्य के अनुसार एवं परक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 की धारा 139 एवं 118 की उपधारणा के आलोक में यह साबित हुआ है कि अभियुक्त पर परिवादी के पक्ष में एक लाख रुपए का ऋण दायित्व विद्यमान है। अभियुक्त की ओर से उक्त परिवादी साक्ष्य एवं धारा 139 व 118 की उपधारणा का कोई खंडन नहीं किया गया है। अतः परिवादी का दावा साबित पाया जाता है। तत्पश्चात विद्वान दंडाधिकारी श्री धरमवीर राठौर ने  आरोपी पातीराम जाटव निवासी व्हीटीपी स्कूल के सामने शक्तिपुरम खुडा शिवपुरी  शिवपुरी को एक वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है और चैक की दिनांक 15/07/2021 से निर्णय दिनांक 19/11/2025 तक 4 वर्ष 4 माह एवं 4 दिन की अवधि के लिए मूलधन 10,0000/- रुपए पर 9 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज दर से ब्याज राशि 39,100 /- रुपए, 5000 रुपए परिवादी की कोर्ट फीस, मानसिक कष्ट और असुविधा के लिए 2000 / रुपए और इस प्रकार कुल 1,46100/- रुपए (एक लाख छियालीस हजार सौ रुपए) प्रतिकर के रूप में परिवादी विनोद कुमार जैन निवासी वर्मा कालोनी शिवपुरी को अपील अवधि पश्चात दिये जाने का निर्णय आदेश पारित है‌। अपील की दशा में निराकरण अपीलीय न्यायालय के आदेशानुसार किया जायेगा। निर्णय आदेश में कहा गया है कि प्रतिकर की राशि की अदायगी में व्यतिक्रम की दशा में 3 माह का सश्रम कारावास पृथक से भुगताया जायेगा।















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