उमर कार में ढाई घंटे बैठा रहा, एक पल के लिए नहीं उतरा
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों के अनुसार, डॉ. उमर पार्किंग में खड़ी आई-20 कार में लगभग ढाई से तीन घंटे तक बैठा रहा। वह एक पल के लिए भी कार से बाहर नहीं निकला। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, डॉ. उमर या तो किसी का इंतजार कर रहा था या फिर पार्किंग में किसी निर्देश का इंतजार में था। उमर फरीदाबाद मॉड्यूल का हिस्सा था। दिल्ली पुलिस ने लाल किले के पास हुए विस्फोट को लेकर UAPA के तहत FIR दर्ज की है। सुरक्षा एजेंसियां ने आत्मघाती हमले के एंगल से भी जांच शुरू कर दी है। मौके से आरडीएक्स के सबूत नहीं मिले हैं।
हालांकि कार ब्लास्ट की जांच में एक अत्यंत गंभीर और सनसनीखेज खुलासा सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, जिस हुंडई i-20 कार में धमाका हुआ, उसे कई बार बेचा गया था। उसका पुलवामा कनेक्शन भी सामने आ रहा है। जांच एजेंसियों को पता चला है कि इस i-20 कार को कई बार खरीदा और बेचा गया था। सबसे चिंताजनक बात यह है कि यह गाड़ी पुलवामा के रहने वाले तारिक को बेची थी। सूत्रों के मुताबिक, कार की खरीद-फरोख्त में फर्जी कागजातों (Fake Documents) का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था, जिससे कार के असली मालिक की पहचान अभी तक साफ नहीं हो पाई है। यह फर्जीवाड़ा ब्लास्ट की साजिश में शामिल लोगों के इरादों पर गंभीर सवाल खड़े करता है। इसी के चलते इस विस्फोट की जांच अब संदिग्ध आतंकवादी हमले के तौर पर की जा रही है। हालांकि, इसे लेकर पुलिस या जांच एजेंसियों की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। आशंका जताई जा रही है कि फिदायीन हमला हो सकता है। घटना में 9 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, कई लोग घायल है, जिनका LNJP अस्पताल में इलाज जारी है। सूत्रों ने बताया है कि जांच अधिकारियों की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई है कि Hyundai i20 कार विस्फोटक से लदी थी। उन्होंने बताया कि जानबूझकर लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास इसमें धमाका किया गया। उन्होंने कहा कि इसके बाद धमाके की जांच संदिग्ध आतंकी हमले के रूप में भी की जा रही है। कार के तार जम्मू और कश्मीर के पुलवामा के रहने वाले तारिक से जुड़े हैं, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। जांचकर्ता फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल के साथ उसके संबंधों की जांच कर रहे हैं। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया जानकारी है कि फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा डॉक्टर उमर मोहम्मद धमाके के समय कार में था। हालांकि, इस जानकारी की पुष्टि नहीं हो सकी है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि कार से मिले शव की डीएनए जांच की जाएगी और उसके बाद ही साफ हो सकेगा कि शव किसका है। रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती जांच से पता चला है कि भीड़ वाले इलाके में ले जाए जाने से पहले कार में विस्फोटक लादा गया था। चश्मदीदों का कहना है कि धमाका इतना तेज था कि स्ट्रीट लाइट्स फूट गईं और आग की लपटें काफी ऊंची उठ रही थीं। रिपोर्ट के मुताबिक, एनएसजी और एनआईए के फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने पुष्टि की है कि कार में कोई तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि विस्फोटक थे।
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एजेंसी वार्ता के अनुसार, दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने पुष्टि की कि अधिकारी अधिक जानकारी जुटाने के लिए घायलों और प्रत्यक्षदर्शियों से बात कर रहे हैं। विस्फोट के बाद उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है। एनआईए, एफएसएल और विशेष प्रकोष्ठ की टीमें फिलहाल विस्फोट स्थल की जाँच कर रही हैं। गोलचा ने घटना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा, 'आज (सोमवार) शाम लगभग 18.52 बजे एक धीमी गति से चल रहा वाहन लाल बत्ती पर रुका। उस वाहन में विस्फोट हुआ और विस्फोट के कारण आसपास के वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।' उन्होंने पुष्टि की कि सभी संबंधित एजेंसियां मौके पर मौजूद हैं और गृह मंत्री को सूचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'गृह मंत्री ने भी हमें फोन किया है और समय-समय पर उनके साथ जानकारी साझा की जा रही है।' (खबर साभार)















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