नई सरकारी बसें पुराने दौर जैसी नहीं होंगी। इनमें कई हाई-टेक सुविधाएं शामिल होंगी—
GPS ट्रैकिंग
सेंट्रलाइज्ड कमांड सेंटर से लाइव मॉनिटरिंग
रियल-टाइम सुरक्षा अलर्ट सिस्टम
महिला सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान
सरकार का दावा है कि यह मॉडल यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा का अनुभव देगा और निजी बस ऑपरेटरों की मनमानी पर लगाम लगाएगा।
इंदौर से शुरू होगा ट्रायल मॉडल, 2027 तक पूरे प्रदेश में लागू
इस नई परिवहन व्यवस्था की शुरुआत अप्रैल 2026 में इंदौर से की जाएगी। इंदौर मॉडल की सफलता के बाद इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि अप्रैल 2027 तक यह प्रणाली हर जिले और संभाग में पूरी तरह लागू हो जाए।इसलिए आने वाले दो साल एमपी की परिवहन व्यवस्था के लिए गेमचेंजर साबित हो सकते हैं।
यात्रा की लागत नियंत्रित होगी
दूरस्थ इलाकों में भी बस सेवाएं नियमित मिलेंगी
निजी बसों के ऊंचे किराए और असुरक्षा से छुटकारा मिलेगा
छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचने वाली सरकारी बसें कनेक्टिविटी बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी।
महिला सुरक्षा पर विशेष फोकस
बसों में महिला यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता में रखते हुए-
CCTV
रियल-टाइम ट्रैकिंग
त्वरित अलर्ट सिस्टम
जैसी तकनीक शामिल की जा रही है। सरकार का कहना है कि यह कदम महिलाओं के लिए बस यात्रा को अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद बनाएगा।
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