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#धमाका_साहित्य_कॉर्नर: दादा मुरारीलाल जी विरमानी "मधुर" की 25 वीं पुण्यतिथि पर उनके पोते ने उनकी रचनाओं का संकलन "मधुर गूंज" काव्य संग्रह पुस्तक का कराया विमोचन, हुआ काव्य पाठ

बुधवार, 24 दिसंबर 2025

/ by Vipin Shukla Mama
शिवपुरी। शहर में बीते दिनों अखिल भारतीय साहित्य परिषद के सानिध्य में कीर्तिशेष स्वर्गीय श्री मुरारीलाल जी विरमानी "मधुर" जी की 25 वीं पुण्यतिथि पर उनकी रचनाओं का संकलन "मधुर गूंज" काव्य संग्रह का विमोचन और स्थानीय कवियों का काव्य पाठ जन चर्चा का वायस बना हुआ है। खास बात ये है कि समाज के बदलते परिवेश में ये अनूठा आयोजन इसलिए खास है कि मुरारीलाल जी के पोते रोहित विरमानी और उनकी धर्मपत्नी छवि विरमानी ने ये कार्यक्रम आयोजित किया और उन्हें सही मायने में श्रद्धांजलि अर्पित की। रोहित जिन्होंने अपने दादाजी को करीब से देखा, सुना, उन्हें लिखते देखा और मंच पर कविता पाठ करते देखा, सही मायने में वे दादाजी से बिछड़कर भी उनसे कभी दूर नहीं हुए। उनकी यादें उनके जहन में किस हद तक कायम है ये कार्यक्रम में उनकी अभिव्यक्ति से साबित हुआ। यूं तो कई बात किताबों का विमोचन होता है लेकिनएक पोते की तरफ से दादाजी को उनकी 25 वीं पुण्यतिथि पर नायाब तोहफा वास्तव में सच्ची श्रद्धांजलि है। रोहित के पिता राकेश विरमानी, मां रीता विरमानी के साथ साथ उनके परिवारजन कार्यक्रम में पूरे समय मौजूद रहे। 
इस तरह आयोजित हुआ कार्यक्रम
प्रथम सत्र (पुस्तक विमोचन)
मुख्य अतिथिः श्री ऋषि कुमार जी मिश्रा (निदेशक गजानन माधव मुक्तिबोध पीठ) भोपाल
अध्यक्षताः श्री पुरूषोत्तम जी गौतम (मानस मर्मज्ञ, हिन्दी विद्वान)
विशिष्ट अतिथिः श्री हरीशचन्द्र जी भार्गव (सेवा निवृत्त शिक्षक, वरिष्ठ साहित्यकार) श्री प्रमोद जी भार्गव (वरिष्ठ पत्रकार, लेखक)
द्वितीय सत्र (काव्य गोष्ठी)
मुख्य अतिथिः डॉ. एच.पी. जैन (नेत्र चिकित्सक, वरिष्ठ साहित्यकार)
अध्यक्षताः श्रीमती कुंती हरिराम जी झांसी (वरिष्ठ साहित्यकार व चित्रकार)
श्री अशोक जी मोहिते (वरिष्ठ साहित्यकार)
विशिष्ट अतिथिः श्रीमती बिन्दु जी छिब्बर (वरिष्ठ शिक्षाविद) की मौजूदगी में ये आयोजन नई ऊंचाइयों को छूता जान पड़ा।
शिक्षाविद बिंदु जी ने मां को याद करते हुए काव्य पाठ किया। इंदौर से खास इसी आयोजन के लिए आए जानेमाने कवि अरुण अपेक्षित जी ने मंच साझा किया। ओज और जोश के कवि आशुतोष शर्मा सहित कई कवियों का काव्य पाठ दिल को भाया। 










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