हालांकि इस मामले एडीएम दिनेश चंद्र शुक्ला का कहना है कि मोनू शर्मा स्टेनो है रीडर नहीं है। जिस कोलारस के भूमि संबंधी प्रकरण में रिश्वत की बात कही जा रही है वह प्रकरण मोनू नहीं देखता। (सुनिए क्या बोले एडीएम शुक्ला।)
ये बोले फरियादी
श्रीपुर चक्क गांव के ध्यानेंद्र सिंह पडरैया ने लोकायुक्त को शिकायत में बताया था कि उनके पिता मनमोहन सिंह की रन्नौद तहसील के बगोरिया में करीब 50 बीघा जमीन है, जिसे फर्जीवाड़ा कर किसी अन्य व्यक्ति ज्ञान सिंह के नाम चढ़ा दिया गया था। नाम दुरुस्ती के लिए लगाई गई फाइल तहसील से एडीएम ऑफिस शिवपुरी पहुंची, जहां दुरुस्ती के बदले 20 हजार रुपए की मांग की गई।
शिकायतकर्ता के अनुसार, सौदा तय होने पर 5 हजार रुपए एडवांस दे दिए गए थे। इसके बाद 9 दिसंबर को लोकायुक्त ग्वालियर में शिकायत दर्ज कराई गई। बुधवार को 10 हजार रुपए और दिए गए थे, जबकि अंतिम किस्त के तौर पर गुरुवार को 5 हजार रुपए देने की बात तय थी।
आज जब ध्यानेंद्र सिंह ने तय रकम मोनू को सौंपी, तभी लोकायुक्त की टीम ने मौके पर दबिश देकर उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
ये बोले लोकायुक्त अधिकारी
लोकायुक्त ग्वालियर के डीएसपी विनोद सिंह कुशवाह ने पुष्टि करते हुए बताया कि मोनू शर्मा को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है, एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले में जो भी अधिकारी-कर्मचारी संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ भी जांच की जाएगी।











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