शिवपुरी। हमने कई बार कहा है कि शिवपुरी जिला प्रतिभा की खान है। कुछ और हो या न हो टेलेंट कूट कूट कर भरा है। यहां के युवा फिल्म नगरी से लेकर सुप्रीम कोर्ट में आवाज बुलंद करते हैं तो वहीं धरती से लेकर आसमान तक उड़ने का जब्बा रखते हैं और उस उपलब्धि का श्रेय सिर्फ बेटों को नहीं बल्कि बेटियों को भी जाता है। आज फिर एक बेटी ने मुंह मीठा करवाने का काम किया है। उसकी उपलब्धि से न सिर्फ शिवपुरी, दतिया, ग्वालियर बल्कि उस हैदराबाद का नाम भी रोशन किया है, जिसे मुख्य रूप से "मोतियों का शहर" (City of Pearls) और "निज़ाम का शहर" कहा जाता है, क्योंकि यह कभी मोतियों, हीरों के व्यापार का केंद्र था और निज़ामों का शहर रहा है; इसे इसके हरे-भरे बागों के कारण "बाग शहर" (Bagh City) भी कहते हैं। तो इसी हैदराबाद में हम सब की लाडली बिटिया आयुषी ढ़ेंगुला ने मिस हैदराबाद 2025 का खिताब जीता है और अब वह फॉरेवर मिस इंडिया 2025 की प्रतिभागी बनकर अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रही हैं।
बता दें कि आयुषी के पिता मृगांक ढ़ेंगुला शिवपुरी सीएमएचओ कार्यालय जबकि ख्यातिनाम कवयित्री प्रोफेसर पद्मा शर्मा शिवपुरी महाविधालय में पदस्थ रही हैं और वर्तमान में ग्वालियर में अपनी सेवा दे रही है। आयुषी के भाई मजिस्ट्रेट हैं। इसी कारण होनहार आयुषी की इस बड़ी उपलब्धि पर हम सभी को गर्व है और हम उनकी हर अगली परीक्षा में कामयाबी की उम्मीद करते हैं।
आइए जानिए आयुषी को:
मिस हैदराबाद 2025 की विजेता आयुषी धेंगुला, हैदराबाद की एक ऊर्जावान और लक्ष्य-उन्मुख युवती हैं, जो बुद्धि, रचनात्मकता और शालीनता का एक आदर्श मिश्रण हैं। प्रतिष्ठित आईआईएम नागपुर से मार्केटिंग में एमबीए कर चुकीं आयुषी यह साबित करती रहती हैं कि सुंदरता और महत्वाकांक्षा साथ-साथ फल-फूल सकती हैं। उनका सफर आधुनिक नारीत्व का प्रतीक है, जो आत्मविश्वास से भरपूर, सफल और दृढ़ निश्चयी है। वर्तमान में वह सबसे बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में से एक, जॉन डीरे में टैक्टिकल मार्केटिंग मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं, जहां वह तेलंगाना में राज्यव्यापी मार्केटिंग रणनीतियों का प्रबंधन करती हैं। बहुआयामी व्यक्तित्व और समकालीन भारतीय महिला का प्रतीक, वह अपने करियर की उपलब्धियों और फैशन, प्रदर्शन और कहानी कहने के प्रति अपने आजीवन जुनून और रुचि को एक साथ जोड़ती हैं। आयुषी
की सबसे खास बात यह है कि वह अपनी पहचान को बहुत महत्व देती हैं और मानती हैं कि वह अपनी आवाज का इस्तेमाल बदलाव लाने के लिए कर सकती हैं। वह सिर्फ एक मॉडल या सौंदर्य प्रतियोगिता में भाग लेने वाली प्रतियोगी नहीं हैं, बल्कि एक कहानीकार हैं जो अपने संदेश को व्यक्त करने के लिए कविता, रंगमंच और दृश्य भाषा का उपयोग करती हैं। फॉरएवर मिस इंडिया 2025 प्रतियोगिता में उनकी भागीदारी केवल ताज जीतने के लिए नहीं है, बल्कि यह इस बात का प्रतीक है कि वे कौन हैं, वे क्या हासिल करना चाहती हैं और उनका दृष्टिकोण क्या है। हैदराबाद का गर्व से प्रतिनिधित्व करते हुए, वे उन सभी युवा महिलाओं की आवाज़ हैं जिन्हें हमेशा यह कहा गया है कि वे बहुत महत्वाकांक्षी हैं, जीवन में उनकी आकांक्षाएं अवास्तविक हैं। आयुषी इस बात का प्रमाण हैं कि उद्देश्यपूर्ण सपने, जब ईमानदारी और दृढ़ता के साथ हासिल किए जाते हैं, तो जीवन बदल सकते हैं और पीढ़ियों को प्रभावित कर सकते हैं।
शैक्षिक पृष्ठभूमि:
*12वीं बोर्ड परीक्षा में राज्य टॉपर
*बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए)
पेशेवर विवरण:
*वर्तमान में जॉन डीरे में सामरिक विपणन प्रबंधक के रूप में कार्यरत।
*तेलंगाना क्षेत्र में विपणन रणनीति और अभियानों की देखरेख करता है।
लक्ष्य:
*अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना और महिलाओं को अपने भूले हुए सपनों को फिर से जगाने के लिए प्रेरित करना।
*मिस यूनिवर्स बनना और इस मंच का उपयोग रचनात्मकता, सशक्तिकरण और भावनात्मक कहानियों के माध्यम से बदलाव लाने के लिए करना।
बचपन से लेकर FSIA में विजेता बनने तक का सफर:
मिस हैदराबाद 2025 आयुषी की यात्रा हैदराबाद के सांस्कृतिक रूप से जीवंत शहर में शुरू हुई, जहाँ उनका पालन-पोषण एक ऐसे वातावरण में हुआ जिसने रचनात्मकता और आत्म-अभिव्यक्ति को प्रोत्साहित किया। बचपन से ही उनका कला प्रदर्शन से गहरा जुड़ाव रहा। चाहे वह अपने सहपाठियों के सामने कविता पाठ कर रही हों, स्कूल के नाटकों में मुख्य भूमिका निभा रही हों, या बस दर्पण के सामने खड़े होकर खुद को मिस यूनिवर्स के मंच पर कल्पना कर रही हों, आयुषी कल्पना और दृढ़ संकल्प से प्रेरित बच्ची थीं। जैसे-जैसे वह बड़ी हुईं, समाज की व्यावहारिक अपेक्षाओं ने उन्हें शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया, जिसमें उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उनकी लगन ने उन्हें भारत के एक प्रमुख बिजनेस स्कूल में दाखिला दिलाया और उन्होंने मार्केटिंग में एक उज्ज्वल करियर बनाया।
आयुषी के लिए, FSIA सिर्फ एक मंच से कहीं अधिक था; यह उनके सच्चे स्वरूप से फिर से जुड़ने और यह साबित करने का द्वार बन गया कि कोई भी सपना कभी भी बहुत दूर नहीं होता। FSIA सिटी टाइटल वास्तव में एक व्यक्तिगत उपलब्धि थी, लेकिन यह उससे कहीं अधिक था क्योंकि यह उनके पुराने सपनों की शक्ति में विश्वास का नवीनीकरण था। उनका काम आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत और उस साहस का उदाहरण है जो हम भूल चुके हैं उसे पुनर्जीवित करने का। यह एक शाश्वत सत्य का सरल प्रकटीकरण है कि कोई भी सपना इतना पुराना नहीं हो जाता कि उसे साकार न किया जा सके और कोई भी आवाज़ इतनी धीमी नहीं होती कि दृढ़ विश्वास के साथ न बोली जाए।
शौक और रुचियां:
फैशन और व्यक्तिगत स्टाइलिंग
रंगमंच और अभिनय
कविता और रचनात्मक लेखन








































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