शिवपुरी। शहर के प्रत्येक नागरिक की निगाह नगर पालिका परिषद की तरफ लगी हुई है। हालांकि एसडीएम आनंद राजावत के हाथ में सीएमओ का चार्ज आने के बाद कुछ कुछ अच्छा होता नजर आने लगा है लेकिन जो पुराने पाप हैं उन पर कारवाई जारी है। बात आरोपी ठेकेदार अर्पित शर्मा की है जिसे पुलिस ने गिरफ्तार करने में कितनी दम लगाई किसी को बताने की आवश्यकता नहीं है और नतीजे में जब जमानत के प्रयास विफल हुए तो उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। ठेकेदार के कोर्ट में हाजिर होने की उस पुलिस को सूचना देनी पड़ी जिसकी तिरछी नजर से बड़े बड़े ढेर होते आए हैं। खैर इस तरह चर्चाओं में बनी पुलिस ने आगे भी खुद को सवालों के घेरे में रखा। जब पुलिस आरोपी अर्पित को लेकर वार्डों की परिक्रमा करने गई तो उसे वाहन में स्थापित रखते हुए लोगों से पूछताछ की गई। इसी बीच पार्षद तारा राठौर और पार्षद पति वीरेंद्र जाटव के साथ ठेकेदार अर्पित ने अपशब्द की बौछार करते हुए धमकी दे डाली और बताया जा रहा है कि जातिसूचक शब्द भी कहे। आज दोनों ने पुलिस को आवेदन देकर कारवाई की गुहार लगाई है। लेकिन कल जब धमकी दी गई तो पुलिस ने आरोपी को गरियाने की बजाए उल्टे पार्षदों को ही चुप करवाया गया। कुलमिलाकर नगर में पूरे मामले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है और लोग पुलिसिया कारवाई पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें अच्छी छवि वाले माने जाते रहे पुलिस अधिकारी के इस मामले में रवैए को लेकर भी आपत्ति व्यक्त करते देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ही बिगड़े लोगों को नहीं सुधारेगी तो कौन सुधारेगा! खैर आज उक्त मामले को लेकर पुलिस दर्पण कॉलोनी गई यहां अभिषेक बटे पुलिस के साथ नजर आए जिन्होंने वार्ड के लोगों के साथ मिलकर पूर्व एसडीएम अनुपम शर्मा के समक्ष मिट्टी, गिट्टी कांड का भंडा फोड़ किया था। अब देखना होगा कि उक्त मामले में पुलिस के सबूत मजबूत निकलते है या...इधर आरोपी अर्पित फिलहाल कोर्ट से जे आर पर फिलहाल जेल भेज दिया गया है। हालांकि जमानत आवेदन का रास्ता खुला है।
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