पाइप लाइन बिछाने तक में कर रहे गड़बड़ी
करैरा। नगर में 49 करोड़ वाली महत्वाकांक्षी जलावर्धन योजना को पेटी कॉंट्रेक्टरों के हवाले कर दिया गया है। नतीजे में योजना का काम निर्धारित मानकों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। लोगों का कहना है, कि मूल कम्पनी मप्र अर्बन डबलपमेंट कलि. थी। जिसने जलावर्धन योजना का काम पेटी कांट्रेक्ट पर दे रखा है और यह पेटी कांट्रेक्टर मनमानी कर 49 करोड़ की परियोजना को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं।
24 घण्टे 7 दिन मिले पानी इसलिये लाये थे योजना
नगर पंचायत क्षेत्र में लोगों को चौबीस घंटे, सातों दिन आरओ वाटर मिल सके इसके लिए मप्र अर्बन सर्विसेज इम्प्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार की सहायता से 49 करोड़ की जलावर्धन योजना लाई गई है। जिसका काम अगस्त 2018 में रियान वाटर टेक प्राईवेट लिमिटेड को देकर काम
शुरू किया गया। जिसमें शहर में 3 टंकियों का निर्माण, एक फिल्टर प्लांट, शहर में 84 किमी की पाइप लाइन, समोहा डेम से फिल्टर प्लांट तक 14.5 किमी की पाइप लाइन का काम 855 दिन में पूरा होना था लेकिन निर्धारित समय मे काम नहीं हो सका। जिसके चलते इस प्रोजेक्ट की तिथि बढ़ाकर अक्टूबर 2021 कर दी गई है। काम समय सीमा में हो जाए इसके लिए मूल ठेकेदार ने पेटी कांट्रेक्टर को काम सौंप दिया। अब नियमों को दर किनार कर मनमाने तरीके से काम किया जा रहा है।
स्थानीय लोग कर रहे काम
इस महती जलावर्धन योजना का काम एमपीयूएसडी ने रियान वाटर टेक प्राईवेट लिमिटेड को दिया था। लेकिन इस कंपनी ने पेटी कांट्रेक्ट पर स्थानीय लोगों को काम दे दिया। लोगों की मानें तो ये लोग काम में कोताही तो कर ही रहे हैं, बल्कि मानकों की भी अनदेखी की जा रही है। शहर में डाली जा रही लाइन 3 फ़ीट गहरी डालनी चाहिए उसे डेढ़ 2 फीट पर ही डाला जा रहा है, जिससे यह लाइन कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकती है, क्योंकि यहाँ से आयेदिन वाहन गुजरते हैं। जिन क्षेत्रों में लाईन डाली गई है, यदि उसे खुदवाकर चेक किया जाए तो गड़बड़ी सामने आ जाएगी।
लाईन के लिए खोदी गई सड़कें नहीं हो रहीं दुरुस्त
नगर परिषद क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने के लिए गली मोहल्ले की सड़कों को खोदा गया लेकिन लाईन डालकर उन्हें दुरुस्त नहीं किया जा रहा है। न ही उन पर दोबारा सीसी डाली जा रही है। उखड़ी सड़क, गहरे गड्ढे लोगों की परेशानी का कारण बने हुए हैं। जिससे लोगो को निकलने में परेशानी हो रही है। कई जगह तो वाहन भी फस जाते हैं, जबकि शर्त के अनुसार पाइप लाइन डालकर ठेकेदार को सड़क दुरुस्त करना है, ताकि लोगो को दिक्कत न हो लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा।
सुरक्षा के नहीं हैं, इंतज़ाम
इस परियोजना में काम करने वाले मजदूरों व कर्मचारियों की सुरक्षा का कोई ध्यान पेटी कांट्रेक्टर नहीं रख रहा जिसके चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है। पहले भी इसी चूक के चलते नगर परिषद के पास निर्माणाधीन टंकी के काम के दौरान गिर जाने से एक मजदूर की मौत हो चुकी है। मंडी क्षेत्र में हाइवे के पास बन रही टंकी पर आज भी बिना सुरक्षा के काम हो रहा है। पाइप लाइन खोदने में लगे मजदूरों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है।
जिम्मेदारों की आंखे बंद
इतनी खामियां निर्माण कार्य में देखने को मिल रही हैं। वाबजूद इसके विभाग के अधिकारियो को यह नज़र नहीं आ रहीं। गुणवत्ता की जांच के बिना लगातार कंपनी को भुगतान भी किया जा रहा है।
पहले चपत लग चुकी 4 करोड़ की फिर भी मनमानी
लोगों का कहना है, की जिस तरह से पहले 4 करोड़ की जलावर्धन योजना को अधिकारियों ने भ्र्ष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया और उसका कोई लाभ नगर के लोगों को नहीं मिला। आज भी 3 दिन में एक दिन पानी की सप्लाई दी जाती है। उसी तरह इस योजना का भी हाल हो रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें