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ये है, शिवपुरी जहाँ अब 'बेटी' 'जन्मे' तो बजते हैं ढोल, कीजिये लिंक क्लिक

सोमवार, 23 नवंबर 2020

/ by Vipin Shukla Mama
- बिन दिवाली छोड़े जाने लगे हैं, पटाखे
- लिंगानुपात पलकें झुकाता रहा है यहां के लोगों की
- अब बदल रही तस्वीर
खास खबर
शिवपुरी। मेरे घर आई एक नन्ही परी, चांदनी के हसीन रथ पे सवार...
महानायक अमिताभ, वहीदा रहमान अभिनीत फ़िल्म कभी कभी का गाना सुनकर हर वो दिल खिल उठते हैं, जो बेटियों से बे इन्तेहाँ प्यार करते हैं। जिनके घर आंगन में बेटी होती हैं, वे जानते हैं शायद जन्नत यहीं है। हम बेटी की बात कर रहे हैं, वो भी मध्यप्रदेश के उस जिले शिवपुरी की जहाँ लिंगानुपात का अंतर यहां के लोगों का सिर झुकाता आया है। भले ही भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया की तुलना में शिवपुरी में लिंगानुपात संतोषजनक है, तब भी यहां 'बेटी' 'बेटों' से कम जन्म लेती रही हैं। अगर ऐसा हो तो जाहिर है, कुछ लोग इसके दोषी भी होंगे। इसकी पुष्टि बेटे के जन्म लेने पर आतिशबाजी छोड़ने से होती रही, ढोल बजाकर उन्हें घर लाया जाता रहा। लेकिन अब 'वक्त' करबट बदलता जान पड़ रहा है। यहां 'बेटी' के जन्म लेने पर अब ढोल, नगाड़े बजने लगे हैं तो बिन दिवाली पटाखे भी छोड़े जाने लगे हैं। 'लाडो' के 'जन्म' पर अब खुशियां घर आने लगी हैं। अपवाद स्वरूप कुछ दकियानूस को छोड़ दें तो अब बेटियों का जन्म अभिशाप नहीं रहा। आइये देखते हैं। इस बात को हम किस आधार पर कह रहे हैं। 
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1. अस्पताल से घर तक बजते रहे ढोल
नगर शिवपुरी की शांति नगर कॉलोनी में केशव तिवारी रहते हैं। उनके यहां सचिन तिवारी की पत्नि स्वेता तिवारी ने बीते रोज पहली संतान के रूप में लाडो को जन्म दिया। बस फिर क्या था। घर के सभी सदस्य खुशी से फूले न समाए। कार को फूलों से  सजाया गया। फिर धूमधाम से बेटी को घर लेकर आए। ढोल बज रहे थे, आतिशबाजी भी छोड़ी जा रही थी। परिवारजनों ने खुशी मनाई तो शहरवासी भी पूछे बगैर ना रहे उन्होंने भी बेटी को अस्पताल से घर तक लाने के दौरान जगह जगह स्वागत किया।
जैसे ही नन्ही परी घर पहुंची आतिशबाजी छोड़ी गई। पूरे घर को गुब्बारों से सजाया गया। बेटी को उसकी दादी ललिता शर्मा और बुआ टिंकल, मोनिका, डॉली, बंशु बुआ अंदर लेकर गई। सभी ने स्वेता को बधाई दी।
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2. पैर छापकर कराया ग्रह प्रवेश
शिवपुरी की बदरवास  तहसील अंतर्गत जैन कॉलोनी में चंचल जैन निवास करते हैं। उनकी पत्नी नेहा शर्मा के प्रथम प्रसव में जब बेटी जन्मी तो परिवार की खुशी छलक पड़ी। चंचल के पिता अजय शर्मा से लेकर सभी ने जमकर आतिशबाजी छोड़ी। अस्पताल से घर कार सजाकर लाडो को न सिर्फ घर लाये बल्कि बुआ शिवानी शर्मा ने नवजात के पैर छापकर उसे ग्रह प्रवेश कराया। 
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3. तीसरी बेटी के जन्म पर चले पटाखे
नगर की पॉश गौतम विहार कॉलोनी में रहने वाले मनीष शालिनी जैन ने भी तीसरी बेटी के जन्म पर ढोल ताशे बजाकर आतिशबाजी छोड़ी थी। दादी शोभा के साथ साथ परिवार के सभी सदस्य बेहद खुश होकर नाचते गाते बेटी को घर लेकर आये थे। 
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4. निखिल ने भी जमकर छोड़ी थी आतिशबाजी
नगर की विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाले निखिल जैन ने बेटी मोक्षी के जन्म पर जमकर खुशियां सेलिब्रेट की। उनकी पत्नी मंजू जैन से लेकर निखिल की मां सुनीता जैन और पिता राजेश जैन लाडो को कार सजाकर घर लाये थे। ढोल, आतिशबाजी खूब चली। 
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5. दूसरी बेटी जन्मीं तो खुशी छलकी
नगर की शक्तिपुरम कॉलोनी में वरुण सोनाली भार्गव रहते हैं। इनकी दूसरी बेटी दुनिया मे आई तो खुशी का ठिकाना न रहा। अस्पताल से घर तक धमाके चलाये जाते रहे। बेंड बाजे के साथ लाडो को घर लेकर आये। 
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धीरे धीरे हवा बदल रही रुख
धीरे धीरे हवा का रुख बदल रहा है। उम्मीदों को पंख लगने लगे हैं। हम बेहतर भविष्य की कामना करते हुए इन सभी लोगों को बेटी जन्म की बधाई देते हैं। नहीं भूलना चाहिये कि समाज की रचना नारी बिन सम्भव नहीं। किसी की माँ, बेटी, बहु, बहिन, बुआ, सास और भी अनगिनत रिश्तों का नाम असल में 'लाडो' ही तो है। तो फिर क्यों न करें सत्कार। कहना चाहता हूं कि खुद मेरी अपनी बेटियाँ ही हैं, हमारा घर किसी जन्नत से कम नहीं। तो आप भी सुनिये जरूर मेरे घर आई एक नन्हीं परी।
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इन 5 जिलों में लिंगानुपात 
भिंड- 838
मुरैना- 839
ग्वालियर- 862
दतिया- 875
शिवपुरी-  877 (आंकड़े साभार)
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