दिल्ली। तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी आज 25 नवंबर, बुधवार को है। घर घर देव उठेंगे। लोग गन्ने, फूल, फल, नई सब्जी, बेर लाकर देव पूजन करते हैं। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को श्रीहरि चतुर्मास की निद्रा से जागेंगे। इसीलिए इस एकादशी को देवउठनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन से ही हिन्दू धर्म में शुभ कार्य जैसे, विवाह आदि शुरू हो जाएंगे।
डबरा के गन्नो से उठेंगे आज शिवपुरी में देव
नगर के कास्टमगेट चौराहा, राजेस्वरी मन्दिर के पास, कमलागंज आदि जगह गन्ने बिकने आये हैं। पोहरी के ग्राम परीक्षा निवासी राकेश शाक्य भी गन्ने की ट्रोली लेकर आये हैं। जो 10 का पतला और 15 रुपये का मोटा गन्ना बेच रहे हैं। इनकी माने तो ये गन्ने भितरवार डबरा से लेकर आये हैं। अन्य लोग भी वहीं से गन्ने लेकर आए। मसलन शिवपुरी में डबरा के गन्नो से देव उठाये जाएंगे। उठो देव बैठो देव, कवारो का व्याह करो.....कहते हुए देव पर दुनिया अपनी जिमेदारी डालेगी। आप सभी को देव उठनी एकादशी की शुभकामनाएं जी।
इस दिन बड़ा ही शुभ योग बन रहा है। एकादशी के दिन की शुरुआत सर्वार्थसिद्धि योग से हो रही है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बेहद कल्याणकारी माना गया है। इस योग में व्रत करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। इस योग में किया गया कोई भी कार्य पूर्ण फल देने वाला और पूर्ण रूप से सफल होता है।
रवि योग भी
इस दिन रवि योग भी पड़ रहा है, जो सुबह 6 बजकर 52 मिनट से 6 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार 25 नवंबर को एकादशी तिथि दोपहर 2 बजकर 42 मिनट से लग जाएगी। वहीं एकादशी तिथि का समापन 26 नवंबर को शाम 5 बजकर 10 मिनट पर होगा। देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन दिवाली की तरह घर की साफ-सफाई करनी चाहिए और इन शुभ योगों के बीच पूरी रात लक्ष्मी नारायण की पूजा करनी चाहिए और अखंड दीपक जलाना चाहिए। दिवाली की तरह इस दिन भी घर के आसपास दीपक जलाना चाहिए।
ये करें तो उत्तम
- देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीपक अवश्य जलाना चाहिए।
- देवउठनी एकादशी के दिन आपको सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए।
- देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के नाम का कीर्तन भी करना चाहिए।
- देवउठनी एकादशी के दिन निर्जल व्रत रखना चाहिए।
- देवउठनी एकादशी के दिन किसी गरीब और गाय को भोजन अवश्य कराना चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें