भोपाल। 'द बर्निंग ट्रेन' फ़िल्म तो हम सभी ने देखी है लेकिन भोपाल पुलिस ने 'द गांजा ट्रेन' भी दिखवा दी। दरअसल पुलिस ने ऐसे तस्कर दबोच लिये जो फिल्मी स्टाइल में ट्रेन के टॉयलेट की छत में गांजा छुपाकर गांजे की स्मगलिंग किया करते थे। पकड़े न जाएं इसलिए बोगी बदलते रहते थे। भोपाल क्राइम ब्रांच ने ऐसे 6 तस्करों को पकड़ा है जो 32 किलोग्राम गांजे के साथ पकड़े गये। इन्होंने बताया कि वे ट्रेन के टॉयलेट की छत के स्क्रू खोलकर गांजे के पैकेट छिपाते थे। गांजा लाने वाले सभी आरोपी ओडिशा, रायगढ़ के रहने वाले हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि गांजे की खेप नक्सली क्षेत्र से लाते हैं। इसलिए अनुमान है कि तस्करों के तार नक्सलियों से जुड़े हो सकते हैं। भोपाल क्राइम ब्रांच के एएसपी गोपाल धाकड़ के अनुसार उनकी टीम ने गैसराहत कॉलोनी निवासी सुशील भारती को 11 किलो गांजे के साथ पकड़ा। जिसने बताया कि यह गांजा उसको वैष्णव अपार्टमेंट निवासी रोहन उर्फ अमन बच्चा ने दिलाया था। तब पुलिस ने रोहन को पकड़ लिया। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें गांजे की सप्लाई ओडिशा के रायगढ़ निवासी सैयार कोराडो, केशव जाने और राजकुमार कौरड से मिलती है।
पुलिस ने बिछाया इस तरह जाल
पुलिस ने इनको पकड़ने के लिये जाल बिछाया। दोनों आरोपियों से उनके साथियों को गांजे का ऑर्डर दिलवाया तो ओडिशा के तीनों तस्कर अपने एक और साथी के साथ गांजा लेकर भोपाल पहुंचे तब पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। जिनके कब्जे से 21 किलो गांजा बरामद किया गया।

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