आगरा। जीवन में कुछ बनने की चाह मन में रखना गलत बात नहीं है लेकिन किसी गलत रास्ते या हाथों में जिंदगी न चली जाए इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसी धोखे की एक नजीर आगरा पुलिस की सतर्कता से सामने आई है। दरअसल आर्केस्ट्रा में डांस और सिंगर की नौकरी का लालच देकर आदिवासी इलाकों से युवतियों की तस्करी करने वाले 11 आरोपी गिरफ्तार किये गए। यह सभी मिलकर झारखंड, मध्यप्रदेश और सोनभद्र जिले के आदिवासी इलाकों से आर्केस्ट्रा में डांस और सिंगिंग का लालच देकर तीन युवतियों को शादी के लिए तस्करी करके ला रहे थे। तभी पकड़े गए।
जानकारी के अनुसार दिल्ली की रेस्क्यू फाउंडेशन और मिशन मुक्ति फाउंडेशन की टीम से मिले संकेत के बाद आगरा पुलिस ने मानव तस्करी करने वाले गैंग के 11 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनसे युवतियां को मुक्त करा लिया गया है। पुलिस पूछताछ में पता चला कि गैंग शादी कराने के लिए युवतियों को लेकर आता है। एक लाख रुपये तक में उनका सौदा कर दिया जाता है। एसपी देहात पूर्वी वेंकट अशोक ने बताया कि दिल्ली की मिशन मुक्ति संस्था के निदेशक वीरेंद्र कुमार सिंह और उनकी टीम को सूचना मिली थी कि सोनभद्र, झारखंड और मध्य प्रदेश से तीन युवतियों को बेचने के लिए आगरा लाया जा रहा है। उनकी जबरन शादी कराई जाएगी। उन्होंने शुक्रवार को पुलिस को सूचना दी। थाना बसई अरेला पुलिस ने चौकी अरनौटा पर चेकिंग की। पुलिस ने दो बोलेरो को रोका। गाड़ियों में 11 लोग मिले। वहीं सोनभद्र, झारखंड के जिला गढवा और मध्य प्रदेश के सिगरौली जिले की तीन युवतियां मिलीं। एसपी देहात ने बताया कि सोनभद्र का गैंग गरीब और आदिवासी परिवार की युवतियों की तस्करी करता है। गैंग के सदस्य तीन तरीके इन्हें कब्जाने अपनाते हैं। जिसमें पहले से गैंग में शामिल महिलाएं, युवतियों को आर्केस्ट्रा में काम का लालच देती हैं तैयार होने पर सरगना रमेश युवतियों को लेकर आता है। तब मुन्नालाल युवतियों की शादी कराता है। गिरफ्तार आरोपियों से और भी पूछताछ की जाएगी। यह पता किया जाएगा कि गैंग के सदस्य कितनी युवतियों को अब तक ला चुके हैं और गैंग कहां-कहां सक्रिय है। आगरा, इटावा, फिरोजाबाद में भी युवतियों को शादी के लिए लाने की जानकारी मिली है। पुलिस पूछताछ में पता चला कि रमेश, रामवृक्ष, आशा और प्रेमवती सोनभद्र में रहते हैं। वह आर्केस्ट्रा के कार्यक्रम में गरीब परिवार की युवतियों और महिलाओं को डांस और गाना गाने का लालच देते हैं। इसके बाद अपने साथ ले आते हैं। उन्हें काम करने पर अच्छे रुपये देने की कहते हैं और फिर मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं। थाना बासौनी के गांव पुराकनहैरा निवासी मुन्नालाल के माध्यम से बेच देते हैं। इस काम के लिए एक लाख रुपये तक लेते है। इसे गैंग के सदस्य आपस में बांट लेते हैं। बेची गईं युवतियों और महिलाओं की जबरन शादी करा दी जाती है।
एसपी देहात ने बताया कि मुन्नालाल ने अपने बेटे की शादी चार साल पहले रामेश, रामवृक्ष, आशा और प्रेमवती के माध्यम से कराई थी। तब से ही वह इन लोगों के संपर्क में आ गया। वर्ष 2006 में रमेश हत्या के मामले में सोनभद्र से जेल भी गया था। तीन साल पहले प्रेमबाबू एक किशोरी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था। उसको कोंध जनपद में बेच दिया था लेकिन किशोरी के परिजन पहुंच गए थे। इस कारण किशोरी को बरामद कर लिया था।
ये पकड़े गए
पुलिस ने रमेश निवासी नोदिया, पन्नूगंज, सोनभद्र, उत्तर प्रदेश, प्रेमबाबू निवासी खरोंदी, गढ़वा, झारखंड, रामवृक्ष निवासी प्रतापपुर, थाना पन्नूगंज, सोनभद्र, नालेश निवासी सामली, थाना पन्नू गंज, सोनभद्र, विजय निवासी थाना पन्नूगंज, सोनभद्र, ब्रजेश निवासी नोदिया, थाना पन्नू गंज, सोनभद्र, अमित निवासी थाना माची, सोनभद्र, प्रदीप निवासी हंसराजपुर, थाना एकमा, सिवान, बिहार, मुन्नालाल निवासी पुराकनहेरा, थाना बासौनी, आगरा, प्रेमा देवी निवासी धौसरा, थाना मांची, सोनभद्र, आशा निवासी धौसरा, थाना मांची, सोनभद्र को बंदी बनाया।

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