एक्टिव मोड़ में जिला प्रशासन
-11 सदस्यीय समिति से 1 को हटाया, 4 जोड़े
- मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया के प्रयास से निर्मित धर्मशाला से संचालित होगा शासकीय कार्यालय
शिवपुरी। नगर से 15 किमी दूर शिवपुरी ग्वालियर फोरलेन सतनवाड़ा स्थित संत भैरों बाबा आश्रम को लेकर जिला प्रशासन एक्टिव मोड़ में आ गया है। मन्दिर जिला प्रशासन की देखरेख में ही संचालित है लेकिन कुछ समय प्रशासनिक नीरसता के नतीजे में मन्दिर पर नशे, भूमि कब्जे, मनमानी के कुछ ऐसे काम हुए की मन्दिर के रियल हीरो दूर रहने लगे। जिस मन्दिर सहित आश्रम को संत भैरों दास ने अथक मेहनत और सिद्धि के बूते तैयार किया वहाँ मनमानी की जाने लगी। इस बात की भनक जब कलक्टर अक्षय कुमार एवम एसपी राजेश चंदेल को लगी तो उन्होंने प्रशासन के सक्षम अधिकारी मौके पर भेजे। जिसके बाद अब मन्दिर की भूमि कब्जाने पर रोक, प्रयास पर सजा, मन्दिर पर बड़े आयोजन बिना अनुमति नहीं किये जाने जैसे बड़े निर्णय अमल में लाये गए हैं। वहीं मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया के प्रयासों से निर्मित धर्मशाला को चकाचक कर इसी के कमरे में प्रशासन समिति का कार्यालय खोलने, दान पेटी को प्रशासन द्वारा ही खोलने, समिति के पुनर्गठन से लेकर नवीन परामर्श समिति भी गठित कर दी गई है।
कुलमिलाकर मन्दिर पर पहले की तरह बेहतर गतिविधियों संचालित की जा सकेंगी।
कैसे क्या हुआ कल की बैठक में
खेरें वाले आश्रम, बाबा भेरौदास जी मंदिर पर अनुभागीय समिति के सदस्यों के साथ एक बैठक SDM अरविंद वाजपेयी द्वारा रखी गई।
13 मार्च 2021 को सतनवाड़ा के आश्रम पर हुई बैठक में एसडीएम अरविंद वाजपेयी ने शासन द्वारा पूर्व में बनाई गई समिति सदस्य ओर सलाहकार समिति के सदस्यों से चर्चा कर मंदिर की सुचारू व्यवस्था बहाल करने कहा। एसडीएम अरविंद वाजपेयी के साथ भूपेंद्र कुशवाह तहसीलदार, सीईओ गगन वाजपेयी, पटवारी के साथ विभागीय समिति के सभी सदस्य मौजूद रहे।
पिछले लंबे समय से चल रही मंदिर की अव्यवस्थाओं को लेकर कई महीनों से शिकायतो का दौर चल रहा था। मंदिर पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा मंदिर की व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा था। मंदिर पर जबरन का कब्ज़ा, नशा आदि करके मंदिर का माहौल बिगाड़ रखा था। यही कारण रहा कि 2015 में बाबा भैरव दास जी के ब्रह्मलीन होने के बाद पूर्व कलेक्टर राजीव दुबे द्वारा मंदिर की व्यवस्था के लिए एक शासकीय अनुभागीय समिति का गठन किया गया था जिसमें 9 सदस्यों की समिति बनाई गई थी। जिसमें अध्यक्ष एसडीएम, सचिव तहसीलदार और जनपद पंचायत कार्यपालन अधिकारी सदस्य के रूप में रखे गए थे। कल हुई बैठक में इसी अंतर्गत अनुभागीय अधिकारी RES, नायब नाजिर तहसील, ग्राम पटवारी और पंचायत सचिव के साथ दो नामांकित सदस्य भी जोड़े गए इसमें पंडित विकास दीप शर्मा मंशापूर्ण ज्योतिष और गिरीश गुप्ता वरिष्ठ एडवोकेट को शामिल किया गया। इसी समिति के साथ एक सलाहकार समिति भी बनाई गई है जिसमें 11 लोग जोड़े गए। जिनमें राजबल्लभ सिंह चौहान, योगेंद्र तोमर, घनश्याम सिंह चौधरी, रमेश जैन, मुकेश दीक्षित, योगेंद्र रघुवंशी, अजय खेमरिया, सौरभ अग्रवाल, संजीव गुप्ता , जंडेल सिंह गुर्जर, अनूप सिंह चौहान शामिल किए गए। शासन की समिति द्वारा बीते 5 वर्ष से कोई देखरेख ना होने के कारण मंदिर पर कई अवस्थाएं चल रही थी इसी को लेकर एसडीएमसी अरविंद वाजपेयी ने एक बैठक का आयोजन 13 मार्च 2021 को बाबा श्री भेरौदास जी आश्रम पर किया।
बैठक का एजेंडा मंदिर की देखरेख और मंदिर से जुड़ी शासन की भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जे इत्यादि ना हो,
इसके लिए जो निर्देश जारी किए गए वह इस प्रकार हैैं।
- विगत 2 वर्ष में मंदिर से जुड़ी भूमि पर जो भूमि मंदिर के लिए मेला, भंडारे इत्यादि के लिए शासन ने शासन की भूमि को मंदिर के नाम पर आवंटित कर दिया था उपरोक्त भूमि पर कई दबंगों द्वारा भूमि पर कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन उपरोक्त भूमि शासन की है इसका सर्वे क्रमांक अनुसार उसको मंदिर के नाम आवंटित किया गया है, एसडीएम वाजपेयी ने निर्देश दिए हैं कि इस भूमि पर किसी भी प्रकार का कब्जा करने की कोशिश की गई तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
- इसके अलावा 11 सदस्य समिति के एक सदस्य को हटाकर 4 नए सदस्य भी जोड़े गए हैं।
- मंदिर पर दानपात्र प्रशासन का ताला लगाकर प्रति माह के अंतिम शनिवार को समिति के सदस्यों के सामने उपरोक्त दान पात्र को खोलकर पैसे को तहसील में नाजिर के द्वारा मंदिर के खाते में जमा कराया जाएगा।
- मंदिर पर मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधिया के निर्देश से बनाई गई धर्मशाला की साफ सफाई और एक कमरे में शासन का एक विधिवत कार्यालय बनाया जाएगा जिससे समय-समय पर मंदिर पर शासन की बैठक इत्यादि वहां रखी जाएगी।
- खेरें वाले मंदिर पर पुजारी ओर महंत के रूप में परसुराम बाबा का नाम सर्व सम्मति से पारित हुआ। बाबा कमलदास वर्तमान में मंदिर की देखरेख में रहेंगे।
- मंदिर पर कोई भी बड़ा आयोजन बिना शासन की अनुमति के नही किया जा सकेगा।
- छोटे आयोजन पर दान रसीद के माध्यम से लिया जावे जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
- मंदिर पर सभी सामग्री की विधिवत एक लिस्ट तैयार कराई जाएगी। जिसकी देखरेख शासन के अनुरूप होगी।
- समय समय पर मंदिर पर बैठक का आयोजन किया जाएगा। जिससे व्यवस्थित रूप से मंदिर की व्यवस्था सुचारू चलती रहे।
आइये आपको परिचित कराते हैं ख्यातिनाम भैरो दास आश्रम से
शायद ही जिले में ऐसा कोई होगा जो संत भैरो दास महाराज से परिचित न हो। उन्होंने ब्रह्मलीन होने से पहले शिवपुरी ग्वालियर फोरलेन स्थित सतनवाड़ा पर एक ऐसे आश्रम का निर्माण किया जो देखते ही देखते जन आस्था का केन्द्र बन गया। यहां हर साल होने वाला एक विशाल भंडारा दूर दराज तक ख्यातिनाम है। इसकी विशालता की झलक इससे आंकी जा सकती है कि जिस दिन मन्दिर पर भंडारा होता है नगर में नियमित दूध की सप्लाई नहीं की जाती क्योंकि मन्दिर पर हजारों क्विंटल दूध की खीर बनती है। कई दिन पहले से अयोजन की तैयारी की जाती है। भवन निर्माण मिक्सर से आटा गूंथा जाता है और सैकड़ों ट्रॉली में नुक्ती, पूड़ी और 70 से ज्यादा ग्रामो सहित नगर के हजारों लोग यहां का भंडारा चखते हैं। बीते साल कोरोना ने भंडारा नहीं होने दिया जबकि इस साल मन्दिर पर चंद तत्वों के हस्तक्षेप के चलते कुछ ऐसी गतिविधियों जन्मीं की उल्लेख करना लाजमी नहीं। तो बता दें कि मन्दिर की यही कीर्ति तत्कालीन कलक्टर राजीव दुबे को ऐसी भाई की उन्होंने इसे सवारने में कसर नहीं छोड़ी।

कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें