श्री मंशापूर्ण ज्योतिष शिवपुरी 9425137382
शिवपुरी। जन्माष्टमी का त्योहार हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों को इस खास दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस दिन लोग रात 12 बजे बाल गोपाल की पूजा करने के बाद व्रत खोलते हैं। भगवान विष्णु के 8वें अवतार भगवान कृष्ण ने कंस के कारागृह में देवकी की आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया था।
जन्माष्टमी कब है?
साल 2021 में जन्माष्टमी का त्योहार 30 अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि 29 अगस्त को रात 11 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी और 31 अगस्त की रात 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। रोहिणी नक्षत्र 30 अगस्त को सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ होगा, जो कि 31 अगस्त को सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा। *पूजा का समय 30 अगस्त की रात 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।* पूजा के शुभ समय की कुल अवधि 45 मिनट की है।
जन्मआष्ट्मी व्रत का फल
इस दिन व्रत करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होगी। आर्थिक, शारीरिक, मानसिक कष्टों से मुक्ति दिलायेगा। श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत श्रीकृष्ण भगवान की आराधना इस बार अनन्त फल देगी । इसलिए किसी की आत्मा को कष्ट न पहुंचाएं , जीवों पर दया करें । उन्होंने यह भी बताया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तिथि में जिस दिन सूर्योदय पड़ता है, उस दिन जन्मोत्सव मनता है। जिस तारीख को अष्टमी लगती है, उसी तारीख में जन्माष्टमी का आयोजन किया जाता है।
जन्माष्टमी के दिन न करें ये 6 काम-
1. भगवान ने प्रत्येक इंसान को समान बनाया है इसलिए किसी का भी अमीर-गरीब के रूप में अनादर या अपमान न करें। लोगों से विनम्रता और सहृदयता के साथ व्यवहार करें। आज के दिन दूसरों के साथ भेदभाव करने से जन्माष्टमी का पुण्य नहीं मिलता।
2. शास्त्रों के अनुसार, एकादशी और जन्माष्टमी के दिन चावल या जौ से बना भोजन नहीं खाना चाहिए। चावल को भगवान शिव का रूप भी माना गया है।
डॉ विकास दीप शर्मा श्री मंशापूर्ण ज्योतिष शिवपुरी 9525137382
3.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी का व्रत करने वाले को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म होने तक यानी रात 12 बजे तक ही व्रत का पालन करना चाहिए। इससे पहले अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। बीच में व्रत तोड़ने वालों को व्रत का फल नहीं मिलता।
4.मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन स्त्री-पुरुष को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। ऐसा न करने वालों को पाप लगता है।
5.मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण को गौ अति प्रिय हैं। इस दिन गायों की पूजा और सेवा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। किसी भी पशु को सताना नहीं चाहिए।
6.मान्यता है कि जिस घर में भगवान की पूजा की जाती हो या कोई व्रत रखता हो उस घर के सदस्यों को जन्माष्टमी के दिन लहसुन और प्याज जैसी तामसिक चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस दिन पूरी तरह से सात्विक आहार की ग्रहण करना चाहिए।
🌹 श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को पूजा मंत्र क्या करे ।🌹
मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस तिथि को हर वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है।
इस दिन खासकर मथुरा में जन्माष्टमी की विशेष धूम होती है, हालांकि पूरे देशभर के श्रीकृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाता है। मंदिरों और घरों में लोग बाल गोपाल के जन्मोत्सव का आयोजन करते हैं और व्रत रखते हैं।
नि:संतान दंपत्ति विशेष तौर पर जन्माष्टी का व्रत रखते हैं, वे बाल गोपान कृष्ण जैसी संतान की कामना से यह व्रत रखते हैं।
🌹श्री कृष्ण गायत्री मंत्र:🌹
*ॐ गोपीप्रियाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो गोपः प्रचोदयात्।*
ॐ नमो भगवते वासुदेवायः
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥

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