शिवपुरी। कभी कभी धरा पर ऐसे इंसान जन्म लेते हैं जो अपने कर्म, वाणी, मिलनसारिता, जुड़ाव, झुकाव, अडिग, त्वरित निर्णय, अदभुद निर्णय छमता के बलबूते इंसान होते हुए भी ऐसा कुछ कर गुजरते हैं कि वो जीते जी तो लोगों के रियल हीरो होते ही हैं बल्कि अवसान के बाद भी लोगों से उतना ही प्यार पाते हैं। हम बात कर रहे हैं ग्वालियर, चंबल अंचल के उस नायव हीरो की जिसे लोग विकास पुरुष भी कहा करते थे। हर गली मोहल्ले में तब एक ही नारा बुलंद किया जाता था 'जब तक सूरज चाँद रहेगा माधव तेरा नाम रहेगा'। वास्तव में हुआ भी यही, आज भले ही कैलाशवासी माधवराव सिंधिया इस संसार में नहीं हैं लेकिन उनके प्रति लोगों का दिली लगाव हरगिज कम नहीं हुआ है। उन्होंने जीते जी इस समग्र इलाके को वो ठोस, बड़ी बड़ी सौगात दीं जिन्हें देखकर आज भी लोग इतराते हैं। रेल, खेल से लेकर शिक्षा, बिजली, सुरक्षा और परिवहन से लेकर तमाम वो सहूलियत उन्हीं की देन हैं जिनका उपयोग आज तक आवाम करती आ रही है। ऐसे युग पुरुष को उनकी पुण्यतिथि पर सादर नमन।
विपिन शुक्ला, मामा, एडिटर इन चीफ धमाका
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