विश्व आदिवासी अधिकार दिवस पर मांगे संवेधानिक अधिकार
👉सहरिया क्रांति ने राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, रखी कई मांगे
शिवपुरी। आज सहरिया क्रांति एक सामाजिक संस्था ने कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह को राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप ग्वालियर चंबल सम्भाग को सहरियाँचल बनाए जाने की मांग की।
सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन ने बताया कि देश की अति गरीब सहरिया जनजााति का 84 प्रतिशत भाग ग्वालियर चंबल सम्भाग में निवासरत है। यह जनजाति आज भी देश की अति पिछड़ी जनजाति में शामिल है। अत: हमारी मांग है कि ग्वालियर चंबल संभाग का नाम सहरियांचल करके राजपत्र में प्रकाशित किया जाए।
इसके अलावा जिन समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया गया उनमें प्रमुख रूप से सहरिया समाज के लोग आज भी खुले आसमान के नीचे कच्चे मकानों में निवास कर रहे हैं उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा उनके हक के आवासों में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा हैए इस योजना का सिरे से सर्वे कराकर वंचितों को लाभ दिलवाया जाए, भू स्वामी होते हुए भी सहरिया आदिवासियों की बैंकों द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं जिससे वे कृषि कार्य हेतु खादए बीज एवं उपकरण नहीं ले पा रहे हैं और उनकी खेती प्रभावित हो रही हैं साथ ही साहूकारों से ऊंची दरों पर कर्ज लेने को विवश होना पड़ रहा है, उक्त भेदभाव को तत्काल खत्म करके आदिवासियों को समानता से किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जायें। सहरिया महिलाओं को जाति प्रमाण पत्र की समस्या अभी भी बनी हुई है और इसके अभाव में उन्हें पोषण हेतु आने वाली राशि और अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिल रही है, इस समस्या को दूर करने के लिए जाति प्रमाण प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए और उन्हें शपथपत्र के आधार पर ही जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए। वन भूमि पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है, उक्त भूमि को दबंगों के कब्जों से मुुक्त कराकर भूमिहीन गरीब सहरिया परिवारों को पट्टे दिये जायें। बंधुआ मजदूरी संभाग में आज भी बदस्तूर जारी है, दबंग लोगों ने चंद पैसे देकर गरीब सहरिया जनजाति के परिवारों को बंधुआ बना रखा हैए क्षेत्र में अभियान चलाकर बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया जाए। 10वीं, 12वीं बोर्ड एवं स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण सहरिया समाज के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं उनके लिए विशेष भर्ती अभियान चलाकर उन्हें शासकीय नौकरी दी जायें। शिवपुरी जिले का एक विधानसभा क्षेत्र जिसमें सहरिया जनजाति सर्वाधिक पाई जाती है उसे सहरिया जाति के लिए विधानसभा में टिकट हेतु राजनैतिक आरक्षण दिया जाए। पीएसीएल व सहारा जैसी कई चिटफण्ड कम्पनियों ने सहरिया परिवारों से बड़ी ठगी की है, इसी प्रकार कम रकम का लालच देकर आदिवासियों को दोपहिया वाहन फायनेंस किए जा रहे हैं फिर उनसे तय राशि से अधिक वसूली जा रही है न देने पर इनके वाहन छीन लिए जाते हैंए ऐसे लोगों से आदिवासियों के पैसे वापस दिलवाए जायें और इनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए अथवा इनकी सम्पत्ति नीलाम कर सहरिया परिवारों को राहत दी जाए।

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