दो ट्रेनों के अनारक्षित टिकिट न मिलने और अन्य गाड़ियों के न रुकने से यात्री हो रहे हैं परेशान, रेलवे को भी हो रहा राजस्व का नुकसान
बदरवास। बदरवास रेलवे स्टेशन पर वर्तमान में रुकने बाली तीन ट्रेनों में से सिर्फ एक ट्रेन गुना-ग्वालियर पैसेंजर के ही स्टेशन से टिकिट मिल रहे हैं बाकि दो गाड़ियों को स्पेशल पूर्ण आरक्षित बनाने से अनारक्षित टिकिट स्टेशन से न मिलते हुए सिर्फ ऑनलाइन रिजर्वेशन पर ही उपलब्ध हैं और अधिकांश यात्री जानकारी न होने के कारण यात्रा हेतु स्टेशन पर आकर परेशान हो रहे हैं और कोरोना पूर्व रुक रही के गाड़ियों के स्टॉपेज भी बंद हो गए हैं ऐसी स्थिति में रेलवे को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है। रेलवे सुविधा संघर्ष समिति के गोविन्द अवस्थी ने बताया कि कोरोना के पूर्व बदरवास स्टेशन पर लगभग आधा दर्जन गाड़ियों का स्टॉपेज था लेकिन बर्तमान में सिर्फ तीन जोड़ी ट्रेन रुक रही हैं जिनमें से सिर्फ ग्वालियर-गुना-ग्वालियर पैसेंजर ट्रैन के ही टिकिट स्टेशन खिड़की से मिल रहे हैं जबकि रतलाम इंटरसिटी एवं चंडीगढ़ एक्सप्रेस के टिकिट केवल ऑनलाइन ही बुक होते हैं। इन दोनों ट्रेनों को पूर्ण आरक्षित करने से जनरल डिब्बे में भी रिजर्वेशन हो रहा है इसलिए अनारक्षित टिकिट स्टेशन से न मिलने के कारण क्षेत्रीय यात्री परेशान हो रहे हैं और सामान्य श्रेणी में भी रिजर्वेशन के नाम पर अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है।
अनारक्षित टिकिट न मिलने और अन्य ट्रेनों के न रुकने से हो रहा राजस्व नुकसान
अनारक्षित टिकिट स्टेशन खिड़की से न मिलने के कारण रेलवे को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है क्योंकि पूर्ण आरक्षित ट्रैन होने से टिकिट की बिक्री पर भी प्रभाव पड़ रहा है और कोरोना पूर्व की तुलना में राजस्व भी प्रभावित हो रहा है जबकि यात्रियों की संख्या काफी बढ़ गई है।
बदरवास स्टेशन पर भिंड-रतलाम एक्सप्रेस, भोपाल इंटरसिटी के पुनः स्टॉपेज और देहरादून एक्सप्रेस, बांद्रा एक्सप्रेस तथा अमृतसर एक्सप्रेस के नवीन स्टॉपेज की भी काफी समय से मांग की जा रही है लेकिन अभी तक इन गाड़ियों का स्टॉपेज न होने से क्षेत्र के लोगों को भी इनका लाभ नहीं मिल रहा और रेलवे को भी राजस्व की हानि हो रही है।
स्टेशन आकर पता चलता है कि टिकिट भी नहीं मिलेगा और गाड़ी भी नहीं रुकेगी
बदरवास स्टेशन पर सफर हेतु बड़ी संख्या में यात्री ट्रेनों की आस में स्टेशन आ जाते हैं और यहां आकर पता चलता है कि इन ट्रेनों के यहां स्टॉपेज ही नहीं हैं और जिनके हैं भी तो उनमें से दो गाड़ियों में सिर्फ ऑनलाइन रिजर्वेशन कराकर ही यात्रा कर सकते हैं ऐसी स्थिति में यात्री मायूस होकर यात्रा निरस्त करते हैं या फिर मज़बूरीबश बसों में कई गुना किराया देकर जाने को मजबूर होते हैं। ऐसे में आवश्यक कार्य बाले लोग बिना टिकिट भी यात्रा करते हैं। चूंकि बदरवास से अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र लगा हुआ है जहां जागरूकता का अभाव होने से ट्रेनों में ऑनलाइन रिजर्वेशन के जानकारी और रिजर्वेशन करने या कराने का तरीका कम ही लोगों की जानकारी में है ऐसी स्थिति में क्षेत्रीय यात्री इंदौर इंटरसिटी और चंडीगढ़ एक्सप्रेस इन दोनों पूर्णआरक्षित ट्रेनों से यात्रा नहीं कर पा रहे हैं। अनारक्षित टिकिट समस्या हेतु दो बार मिले डीआरएम से अवस्थी ने बताया कि रेलवे सुविधा संघर्ष समिति ने 1 अक्टूबर एवं 14 अक्टूबर को बदरवास आये पश्चिम मध्य रेलवे के डीआरएम से दोनों बार ही मिलकर अनारक्षित टिकिट की समस्या को प्रमुखता से उठाकर चर्चा की थी और लिखित में उन्हें अबगत कराते हुए ज्ञापन भी सौंपा था लेकिन अभी तक इन दोनों ट्रेनों के यात्रा टिकिट स्टेशन खिड़की से क्षेत्रीय यात्रियों को ऑफलाइन नहीं मिल पा रहे हैं इसलिए नागरिक किफायती रेल सुविधाओं का उपयोग और सुरक्षित यात्रा के लाभ से बंचित हो रहे हैं। रेलवे सुविधा संघर्ष समिति के गोविन्द अवस्थी,मनीष बैरागी,कपिल परिहार ने रेलवे विभाग से मांग की है कि बदरवास स्टेशन पर इंदौर इंटरसिटी एवं चंडीगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के टिकिट क्षेत्रीय यात्रियों के हित में उन्हें सुविधा देते हुए स्टेशन खिड़की से ही अनारक्षित टिकिट उपलब्ध कराए जाएं साथ ही भिंड-रतलाम एक्सप्रेस, भोपाल इंटरसिटी, झांसी-बांद्रा एक्सप्रेस, अमृतसर एक्सप्रेस, देहरादून एक्सप्रेस के नवीन स्टॉपेज यात्री हित में बदरवास स्टेशन पर किये जाएं।

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