शिवपुरी। शिवपुरी ग्वालियर के बीच शहर से 10 किलोमीटर दूर एबी रोड स्थित विनेगा आश्रम से लेकर सतनवाड़ा तक फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है। एन एच ए आई के अधीन ठेकेदार इस सड़क का निर्माण कर रहा है। करीब 5 किलोमीटर के हिस्से में सड़क बनाई जा रही है। यह तो अच्छी खबर है लेकिन जिस ठेकेदार को यह सड़क बनानी है उसने नियम कायदे ताक पर रख दिए है जिसके नतीजे में देश के सबसे व्यस्त आगरा मुंबई राष्ट्रीयराजमार्ग पर घंटो जाम के हालात रोज बन रहे हैं। 24 घंटे में कोई भी पल ऐसा नहीं रहता है जब यहां वाहन रेंग कर ना चलते हो या फिर उन्हें घंटों जाम में फंसे न रहना पड़ता हो। एंबुलेंस से लेकर यात्री वाहन, कार सहित दीगर वाहनों को यहां जाम का सामना करना पड़ता है। इसका मुख्य कारण यह है कि ठेकेदार ने निर्माणाधीन 5 किलोमीटर की सड़क को पूरा खोदकर छोड़ दिया है। मनमर्जी से किए जा रहे सड़क निर्माण के चलते वैकल्पिक रूप से जो सड़क तैयार की गई है उस पर ना तो डामरीकरण किया गया है और ना ही इतनी चौड़ाई रखी गई है कि उस पर आसानी से दो वाहन आ जा सकें। एक साथ दो वाहन जब निकल नहीं पाते तो जाम के हालात बन जाते हैं। लंबी-लंबी कतारों में सैकड़ों ट्रक और बसें, एंबुलेंस फंसी नजर आती हैं। हालत यह हो गई है कि शिवपुरी ग्वालियर के बीच में फोरलेन का निर्माण कई साल पहले हो चुका है। वहां वाहन डेढ़ घंटे के अंदर ग्वालियर पहुंच जाते हैं लेकिन जैसे ही इस निर्माणाधीन फोरलेन की बात आती है तो यहां जाम के हालात नजर आते हैं।
अत्याधुनिक ढंग से बन रहा अगले 2 साल में होगा पूरा
एनएचएआई महकमा यहां सालों से अटके हुए फोरलेन का निर्माण करा रहा है। केंद्रीय मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस सड़क के निर्माण के अटके हुए पेच को परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से संपर्क करके दूर करवाया है। जिसके बाद सड़क निर्माण शुरू हुआ है।
वन्यजीवों की पूरी सुरक्षा
नेशनल पार्क की सीमा से होकर गुजरने वाला यह फोरलेन वन्यजीवों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। यहां 17 ऐसे अंडर ब्रिज बनाए जा रहे हैं जिनके नीचे से होकर वन्य प्राणी सड़क को क्रॉस किया करेंगे लेकिन उन्हें दुर्घटना का खतरा नहीं रहेगा। ऊपरी हिस्से से वाहन चलेंगे
और नीचे से बनाए जा रहे अंडर ब्रिज से वन्यजीव आर पार हो जाया करेंगे। खास बात यह है कि यहां नेशनल पार्क की सीमा आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर से होकर गुजरी है। यही कारण है कि कई सालों तक नेशनल पार्क में अटका रहा उक्त फोरलेन तैयार करने नेशनल पार्क ने जो प्लान तैयार करके दिया अब इतना खर्चीला था कि इसके निर्माण के लिए एनएचएआई तैयार नहीं थी। प्लान में हालत यह थी कि जितने में शिवपुरी से ग्वालियर तक फोरलेन बन के तैयार हो गया था उसके आसपास की राशि केवल 5 किलोमीटर हिस्से में बनने वाली सड़क के लिए बता दी गई थी। बाद में नई डिजाइन तैयार की गई और अब यहां फोरलेन का निर्माण हो रहा है। ठेकेदार को 2 साल का वक्त दिया गया है। अभी काम को शुरू हुए करीब 3 से 4 महीने हुए हैं। यह सही है कि इसमें समय लगेगा लेकिन लोगों को परेशानी ना आए इस बात का भी ध्यान रखना होगा।
और नीचे से बनाए जा रहे अंडर ब्रिज से वन्यजीव आर पार हो जाया करेंगे। खास बात यह है कि यहां नेशनल पार्क की सीमा आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर से होकर गुजरी है। यही कारण है कि कई सालों तक नेशनल पार्क में अटका रहा उक्त फोरलेन तैयार करने नेशनल पार्क ने जो प्लान तैयार करके दिया अब इतना खर्चीला था कि इसके निर्माण के लिए एनएचएआई तैयार नहीं थी। प्लान में हालत यह थी कि जितने में शिवपुरी से ग्वालियर तक फोरलेन बन के तैयार हो गया था उसके आसपास की राशि केवल 5 किलोमीटर हिस्से में बनने वाली सड़क के लिए बता दी गई थी। बाद में नई डिजाइन तैयार की गई और अब यहां फोरलेन का निर्माण हो रहा है। ठेकेदार को 2 साल का वक्त दिया गया है। अभी काम को शुरू हुए करीब 3 से 4 महीने हुए हैं। यह सही है कि इसमें समय लगेगा लेकिन लोगों को परेशानी ना आए इस बात का भी ध्यान रखना होगा।

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