शिवपुरी। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्रि की शुरुआत होती है और इस दिन ही गुड़ी पड़़वा का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि हिंदू नववर्ष की शुरुआत इस दिन से ही होती है। इसे आर्य समाज की स्थापना का दिन भी कहते हैं। इस नये साल विक्रम संवत 2079 की चैत्र नवरात्रि का त्योहार कल 2 अप्रैल से शुरू हो रहा है जो 11 अप्रैल तक चलेगा। नगर ही नहीं बल्कि जिले में नवरात्रि को लेकर माता के मंदिरों को खासतौर पर सजाया गया है। कोरोना के 2 साल बाद माता भक्ति के जोरदार नजारे देखने को मिलेंगे। कल पहले दिन कलश स्थापना की जाएगी। इसके लिए कई तरह की चीजों की जरूरत पड़ती है. आइए जानते हैं नवरात्रि की पूजन सामग्री क्या होगी।
मां दुर्गा की पूजन सामग्री
- आम के पत्ते
- चावल
- लाल कलावा
- गंगा जल
- चंदन
- नारियल
- कपूर
- जौ
- गुलाल
- लौंग
- इलायची
- 5 पान
- सुपारी
- मिट्टी का बर्तन
- फूल
- श्रंगार का सामान
- चौकी
-आसान
कलश स्थापना की आवश्यक सामग्री
कलश स्थापना के लिए 7 तरह का अनाज, मिट्टी का बर्तन, पवित्र स्थान से लायी गयी मिट्टी, कलश, गंगाजल, आम या अशोक के पत्ते, सुपारी, जटा वाला नारियल, लाल सूत्र, मौली, इलाइची, लौंग, कपूर, रोली, अक्षत, लाल कपड़ा और फूलों की जरूरत होती है.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
चैत्र घटस्थापना शनिवार, अप्रैल 2, 2022 को
घटस्थापना मुहूर्त - सुबह 6 बजकर 10 मिनट से 8 बजकर 31 मिनट तक
अवधि - 02 घण्टे 21 मिनट्स
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त - 12 बजे से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक
(घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है.)
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 01, 2022 को 11 बजकर 53 मिनट से शुरू
चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना पूजन विधि
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापित किया जाता है. कलश स्थापना से पहले मंदिर की अच्छी तरह से सफाई करें और एओक लाल कपड़ा बिछाएं. इसके बाद इस कपड़े पर थोड़े से चावल रखें. एक मिट्टी के चौड़े बर्तन में जौ बोएं. अब इस पात्र में पानी से भरा कलश रख दें. कलश पर कलावा बांधे. इसके अलावा कलश में सुपारी, सिक्का, अक्षत डालें. अब इसमें अशोक के पत्ते या आम के पत्ते रखें और इसके ऊपर चुनरी लपेटकर एक नारियल रख दें. नारियल पर कलावा बांध लें. नारियल को कलश में रखते हुए मां दुर्गा का आवाहन करें. इसके बाद दीप जलाकर पूजा कर करें.
नवरात्रि हवन के लिए पूजा सामग्री
नवरात्रि में हवन के लिए आपको इन सभी चीजों की जरूरत हैं, जैसे- पीपल का तना और छाल, बेल, नीम, पलाश, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, तिल, चावल, लौंग, गूलर की छाल, गाय का घी, गुग्गल, लोभान, इलायची, शक्कर, जौ. इसके अलावा एक सूखा नारियल, कलावा, लाल रंग का कपड़ा, हवन कुंड.
ग्रहों का बड़ा उलटफेर, इन राशि वालों को होगा तगड़ा फायदा
चैत्र नवरात्रि के 9 दिन धार्मिक लिहाज से तो महत्वपूर्ण रहेंगे ही, साथ ही इस दौरान बड़ा ज्योतिषीय परिवर्तन भी होने जा रहा है. शनि और मंगल जैसे अहम ग्रह इन 9 दिनों में गोचर करेंगे और शनि की राशि में युति भी करेंगे.
चैत्र नवरात्रि के दौरान 2 बेहद अहम ग्रह राशि बदलने जा रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन 9 दिनों में शनि और मंगल का मकर राशि में गोचर हो रहा है. यह दोनों ग्रह एक-दूसरे के शत्रु हैं, लिहाजा एक ही राशि में इनका मिलना कई मुश्किलें पैदा करेगा, यह परिवर्तन कर्क, कन्या और धनु राशि वालों के लिए शुभ नहीं रहेगा और उन्हें इस दौरान सतर्क रहना चाहिए. वहीं मेष, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए यह बहुत शुभ रहेगा. उन्हें यह समय जमकर लाभ कराएगा. अच्छी खबरें सुनने को मिलेंगी. करियर-कारोबार में तरक्की मिल सकती है.

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