इंदौर। फूड कंपनियों को चाहिए की वे साफ सुथरी छवि के बंदों को काम पर रखें। इधर लोगों को भी अलर्ट रहना चाहिए जिससे वारदात टाली जा सकें। इंदौर में एक ऐसा ही चोकाने वाला मामला सामने आया हैं जिसमें तुकोगंज पुलिस ने 5 वाहन चोरों को धर पकड़ा। जिनके पास से 30 बाइक बरामद की गई है। गिरोह का मास्टर माइंड कुछ साल पहले स्विगी में फ़ूड डिलीवरी का काम कर चुका है, और फ़ूड डिलीवरी के दौरान ही उसने कई ऐसे इलाके, गाड़ियों की ऐसी जगह देख ली थी, जहां से गाड़ियों को आसानी से चुराया जा सकता है। आरोपी के पास से एक मास्टर चाबी बरामद हुई है, जिसकी सहायता से पलक झपकते ही गाड़ी चोरी कर भाग जाता था। आरोपी के पास से 4 लाख के वाहन बरामद हुए उसने कबूला की वह वारदात से पहले भांग का नशा करता था और बाद में शराब पीता था। डीसीपी धर्मेन्द्र भदौरिया ने बताया कि आरोपी गाड़ी चुराने के बाद बैंक का अधिकारी बनकर ग्राहक तलाश करता था। कई बार उसे गाड़ी की डिक्की में पेपर की फोटो कॉपी और कभी-कभी ओरिजिनल पेपर भी मिल जाते थे। इससे वो लोगों को बैंक द्वारा जब्ती की गाड़ी बताकर झांसे में ले लेता था। महज 4 से 5 हजार में गाड़ी बेचकर उस इलाके में फिर नहीं आता था। इस गिरोह को गिरफ्तार करने में लोकेश गाथे, किशोर सवालिया, संदीप रघुवंशी की मुख्य भूमिका रही। आरोपी दीपक भावे (40) निवासी गोम्मटगिरी कुछ समय पहले एक फ़ूड डिलीवरी कंपनी में काम करता था। आरोपी की आमदनी कम होने के कारण परिवार का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया था। आरोपी ने कुछ समय बाद गाडियां चोरी करना शुरू किया। उसने 1 साल में 30 से अधिक बाइक चोरी कर बेच दी। आरोपी के अन्य साथी यासिन पिता रहीम खान (26), वसीम पिता वहीद खान (21), समीर पिता करीम खान (22), शेख एहमद पिता शेख बाबू (32) सभी खंडवा के निवासी है। मुख्य आरोपी दीपक ने बताया की फ़ूड डिलीवरी के कारण उसे इंदौर के अधिकतर इलाकों की जानकारी थी। आरोपी गाड़ी चोरी कर उसे पार्किंग में खड़े करके चला जाता था। आरोपी कभी किसी बड़े मॉल कीपार्किंग कभी अस्पताल और कभी पेड पार्किंग में गाड़ी खड़ी करता था। उसके बाद बैंक का अधिकारी बनकर ग्राहकों को तलाश लेता था।

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