शिवपुरी। भारतीय मजदूर संघ राष्ट्रवादी विचारधारा का संगठन है। पहले जो संगठन रहते थे वे देश की आकांक्षाओं पर नही बल्कि विदेश की आकांक्षाओं पर रहकर काम करते थे। यही कारण है कि 23 जुलाई1955 को दन्तोपन्त ठेंगड़ी ने इसकी स्थापना की। उक्त बात भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप गुर्जर ने बीएमएस की स्थापना दिवस के मौके पर सरस्वती शिशु मंदिर अस्पताल चौराहे पर आयोजित कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता शिक्षाविद तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व विभाग संघचालक पुरुषोत्तम जी गौतम रहे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग कार्यवाह राजेश भार्गव थे। इनके अलावा बीएमएस के विभाग प्रमुख अजमेर सिंह यादव , जिलाध्यक्ष केएस माथुर , सचिव पीसी गुप्ता मंचासीन थे । कार्यक्रम का संचालन रामहेत शर्मा ने किया।
कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए जिला मीडिया प्रभारी मुकेश आचार्य ने बताया कि कार्यक्रम का प्रारंभ आमन्त्रित अतिथियों ने माँ सरस्वती, भगवान विश्वकर्मा व दन्तो पन्त ठेंगड़ी के चित्र पर माल्यर्पण कर दीप प्रज्वलित किया। ततपश्चात संघ का गीत दिलीप शर्मा ने सुनाया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यवक्ता पुरुषोत्तम गौतम ने कहा कि ऋषि कार्य का द्रष्टा होता है वह अनागत को भी देख लेता है। पहले मार्क्सवाद बहुत हावी था। ऐसे वातावरण को मुक्त करने के लिए भारतीय ऋषि ने इस संगठन की स्थापना की। इसलिए हमें महापुरुषों की कृतज्ञता का ध्यान रखते हुए उनके पदचिन्हों पर चलना चाहिए।
सबसे बड़ा संगठन है बीएमएस : भार्गव
हमें गर्व है हम भारत के सबसे बड़े संगठन में है। जिसका मुख्य नारा देश के हित में करेंगे काम , काम के लेंगे पूरे दाम है। जबकि पहले के संगठन देश हित की बात नही करते थे। यह राजनीति से परे श्रमिक संगठन है। अच्छी सरकार भी ताकत के आगे झुकती है। संगठन में युवा साथियों को आगे आना चाहिए। हमें युवा कार्यकर्ताओ को जोड़ना चाहिए।
यह रहे मौजूद
भारतीय मजदूर संघ के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में तहसील अध्यक्ष अनुज गुप्ता, चतुर्भुज राठौर, हरीश चौबे, योगेश मिश्रा, हरभजन कौर, अरुणेश रमन शर्मा,यशपाल जाट, जितेंद्र श्रीवास्तव, गजेंद्र शिवहरे, गोपाल गौड़, कौशल श्रीवास्तव, रशीद खान, अनन्त राम, एसके अटरिया, गोविंद प्रसाद शर्मा, परमाल, अशोक कुमार गौड़, रामकुमार राजपूत सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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