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धमाका साहित्य कॉर्नर: नवगीत, योर ऑनर आंख क्यूं भर आई है.........! डॉ मुकेश अनुरागी

रविवार, 19 फ़रवरी 2023

/ by Vipin Shukla Mama
कौन मेरे दर्द की 
देगा गवाही
फिर समय के कोर्ट में सुनवाई है। 
रिट पिटीशन अश्रु ने 
मेरी लिखी है 
योरऑनर ! आंख क्यूं भर आई है। 

जो नहीं मैंने किये 
वो जुर्म माने
लग गयीं संगीन धाराएं सभी।  
वक्त ने भी 
छोड़ दी मेरी वकालत
अर्जियां भी फाड़ डालीं हैं सभी। 
दी गई तारीख पर 
जब जब गया
इक नई तारीख की अगुवाई है। 

 चेहरे की मुस्कान 
झूठी लग रही 
और बयानों को मेरे झूठा कहा। 
बाद झुठलाया गया 
हर चश्मदीद 
जिसने भी हक में मेरे सच्चा कहा। 
कर रहे खिलबाड़ 
एवीडेंस से वे
हर गवाह आरोपियों का भाई है। 

कोर्ट मुंशी पैरवी के
दाम मांगे
दे दिए तो फाईल ओपन हो गई। 
वर्ना सम्मन भी नहीं तामील
होते,मेरे अपने 
केस की नस्ती ही खो गई। 
मुद्दई है चुस्त लेकिन
न्याय अंधा
हर कड़ी इस कोर्ट की, हरजाई है। 

डॉ मुकेश अनुरागी शिवपुरी








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